Bitcoin Price में लगातार गिरावट, क्या है वजह और आगे क्या होगा असर
क्या Bitcoin Price फिर करेगा वापसी या ये गिरावट लंबे समय तक चलेगी
क्रिप्टो मार्केट में इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चा Bitcoin Price की हो रही है, जो एक बार फिर गिरावट के दौर में पहुंच गई है। हाल ही में बिटकॉइन ने $70,000 से ऊपर का रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन अब पिछले 24 घंटों में इसमें 2.61% की गिरावट दर्ज की गई है और यह $103.077 पर ट्रेड कर रहा है। इसका ट्रेडिंग वॉल्यूम भी 7.29% गिरकर $62.64 बिलियन पर आ गया है। एनालिस्ट का मानना है कि यह गिरावट केवल टेक्निकल नहीं, बल्कि कई ग्लोबल कारणों से जुड़ी हुई है।

Source: यह इमेज CoinMarketCap की वेबसाइट से ली गयी है। जिसकी लिंक यहां दी गई है।
बिटकॉइन Price में गिरावट के प्रमुख कारण
1. Geopolitical Tensions: हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच बिटकॉइन चोरी के आरोपों ने मार्केट में अनिश्चितता बढ़ा दी है। इससे निवेशकों के बीच डर का माहौल बन गया है और इन्वेस्टर्स अलर्ट हो गए है, जिससे Bitcoin Price पर नेगेटिव असर हुआ है।
2. Technical Breakdown: इस क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस कई महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल्स से नीचे चला गया, जिससे सेलिंग कम हो गई। टेक्निकल ट्रेडर्स के लिए यह एक पॉजिटिव संकेत था और इससे शॉर्ट-टर्म में और प्रेशर बढ़ गया।
3. ETF Outflows: स्पॉट Bitcoin ETFs से करीब $223 मिलियन निकाले गए, जिससे पता चलता है कि बड़े निवेशक अभी सावधानी रख रहे हैं। इसका मतलब है कि मार्केट में डर बढ़ा है और फिलहाल लोग इस क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने से डर रहे हैं।
फिर भी विश्वास बना हुआ है
Bitcoin Price में भले ही अभी थोड़ी गिरावट दिख रही हो, लेकिन लंबे समय में इसकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है। बड़ी बैंक JPMorgan ने अपने Bitcoin निवेश में 64% की बढ़ोतरी की है, जो बताता है कि इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स अब भी BTC पर भरोसा कर रहे हैं। इसके अलावा, अमेरिका की CFTC ने एक्सचेंजों पर Bitcoin ट्रेडिंग की परमिशन दी है, जिससे मार्केट में पैसा और निवेशक दोनों बढ़े हैं।
साथ ही, अमेरिका ने $20.56 बिलियन का क्रिप्टो रिजर्व बनाया है, इस क्रिप्टोकरेंसी को और स्टेबिलिटी देता है। इन सभी कदमों से साफ है कि BTC अब सिर्फ एक डिजिटल कॉइन नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद निवेश ऑप्शन बनता जा रहा है, जिस पर बड़े आर्गेनाइजेशन भी विश्वास जता रहे हैं।
बिटकॉइन Supply और Halving का असर
बिटकॉइन की कुल सप्लाई सिर्फ 21 मिलियन कॉइन तक सीमित है, यानी इससे ज़्यादा BTC कभी नहीं बनेंगे। अप्रैल 2024 में हुए “Halving” इवेंट में माइनर्स को मिलने वाला प्राइज आधा कर दिया गया, जिससे मार्केट में नए बिटकॉइन की संख्या घट गई।
जब सप्लाई कम होती है और डिमांड बढ़ती है, तो कीमतें ऊपर जाने लगती हैं। यही कारण है कि कई एनालिस्ट मानते हैं कि आने वाले सालों में Bitcoin Price में ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है। अगर मौजूदा ट्रेंड जारी रहा, तो 2030 तक बिटकॉइन की कीमत $500,000 से $1 मिलियन के बीच पहुंचने की संभावना है।
Market Sentiment और Fear & Greed Index
इस समय Fear & Greed Index 26 पर है, जिसका मतलब है कि मार्केट में डर का माहौल बना हुआ है। जब निवेशक डरते हैं, तो वे जल्दी-जल्दी BTC बेचने लगते हैं, जिससे कीमत और गिर जाती है। लेकिन कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यही समय समझदार निवेशकों के लिए मौका होता है। क्योंकि इस क्रिप्टोकरेंसी की असली ताकत - जैसे सीमित सप्लाई, ज्यादा उपयोग और ETF का सपोर्ट अभी भी मजबूत है। इसलिए लंबे समय में बिटकॉइन फिर से उभर सकता है और इसकी कीमत में सुधार देखने को मिल सकता है।
पिछले 7 वर्षों के क्रिप्टो मार्केट अनुभव से मेरा मानना है कि ये गिरावट अस्थायी है। मार्केट में डर भले बढ़ा हो, लेकिन इसकी बुनियादी ताकत, लिमिटेड सप्लाई इसे आने वाले समय में फिर से मजबूत बना देंगे।
कन्क्लूजन
इसकी कीमत में आई हाल की गिरावट तीन वजहों से हुई है - बढ़ती अनिश्चितता, टेक्निकल लेवल पर गिरावट और बड़े निवेशकों की सावधानी। लेकिन इसके बावजूद बिटकॉइन की बुनियादी स्थिति अब भी मजबूत है। अगर आने वाले समय में मार्केट स्थिर हुआ और ETF में फिर से पैसा आने लगा, तो कीमत में सुधार देखने को मिल सकता है। अभी भले ही प्रेशर हो, लेकिन लंबे समय में बिटकॉइन डिजिटल फाइनेंस की दिशा बदल सकता है।
