Polygon बना भारत की Serious Web3 Activity का भरोसेमंद प्लेटफॉर्म
Polygon क्यों बना भारत की Serious Web3 Activity के लिए प्रमुख नेटवर्क
Polygon के Co-Founder Sandeep Nailwal ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत में होने वाली हर “Serious Web3 Activity” Polygon Network पर ही होती है। उनका यह दावा तब सामने आया जब देश की एक बड़ी यूनिवर्सिटी MJP Rohilkhand ने Polygon Blockchain पर University के रिकॉर्ड अपलोड किए। यह कदम न केवल टेक्नोलॉजी अपनाने का संकेत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि इंडिया में इंस्टीट्यूशनल लेवल पर ब्लॉकचेन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है।

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भारत में Web3 अपनाने की रफ्तार तेज़ हो रही है
Nailwal का बयान दिखाता है कि भारत में वेब3 Technology अब सच में आगे बढ़ रही है। जबकि लोग अक्सर सिर्फ क्रिप्टो की कीमतों और मार्केट के उतार-चढ़ाव पर बात करते हैं, पॉलीगॉन का इस्तेमाल असली कामों में किया जा रहा है। एजुकेशन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में ब्लॉकचेन का उपयोग रिकॉर्ड को सेफ और ट्रांसपेरेंट बनाता है। इसी वजह से 7 मिलियन सर्टिफिकेट ऑन-चेन अपलोड होना इंडिया की डिजिटल प्रोग्रेस का बड़ा कदम है।
7 मिलियन सर्टिफिकेट ऑन-चेन अपलोड, एक ऐतिहासिक कदम
यूनिवर्सिटी द्वारा 70 लाख सर्टिफिकेट्स को ब्लॉकचेन पर अपलोड करना एक बड़ी उपलब्धि है। इससे पता चलता है कि ब्लॉकचेन सिर्फ पैसों के ट्रांज़ैक्शन के लिए नहीं, बल्कि एजुकेशन, पहचान की जांच और डाक्यूमेंट्स को सुरक्षित रखने जैसे कामों में भी उपयोगी है। इस काम के लिए पॉलीगॉन नेटवर्क चुना गया क्योंकि यह तेज़ है, कम खर्चीला है और Ethereum की मजबूत सुरक्षा का फायदा देता है। इसी वजह से इसे बड़े इंस्टिट्यूट और गवर्नमेंट लेवल पर भरोसेमंद टेक्नोलॉजी माना जा रहा है।
सिर्फ अनुमान नहीं, अब Serious Web3 Activity के असली इस्तेमाल वृद्धि
अक्सर Serious Web3 Activity की चर्चा सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों और अनुमानित कमाई पर ही घूमती रहती है। लेकिन हाल की इस घटना ने दिखा दिया कि टेक्नोलॉजी की असली कीमत तब दिखती है जब उसका उपयोग वास्तविक कामों में हो। टीम लंबे समय से वेब3 को डेली की समस्याओं से जोड़ने पर काम कर रही है। इसी कारण अब पॉलीगॉन को ऐसे नेटवर्क के रूप में पहचाना जा रहा है जो शिक्षा, सरकारी काम, सप्लाई चेन और आइडेंटिटी वेरिफिकेशन जैसे क्षेत्रों में भी भरोसेमंद सॉल्यूशन दे रहा है और तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
हाल ही में भारत के Web3 भविष्य पर Polygon टीम ने PM एडवाइजर से मीटिंग भी की थी।चर्चा का प्रमुख उद्देश्य भारत की डिजिटल दिशा को और मज़बूत बनाना था, साथ ही भविष्य में बढ़ती भूमिका निभाने वाले टोकनाइज़ेशन और स्टेबलकॉइन मॉडल्स पर गहराई से विचार किया गया।
Ethereum Layer-2 होने से पॉलीगॉन को बड़ा फायदा मिलता है
इस नेटवर्क की बढ़ती सफलता का बड़ा कारण उसका Ethereum पर बना Layer-2 सिस्टम है, जो ट्रांज़ैक्शन को तेज़ और कम खर्च वाला बनाता है। इसकी मदद से आर्गेनाइजेशन बिना रुकावट बड़े पैमाने पर डेटा अपलोड कर सकते हैं। यही वजह है कि भारत सहित एशिया के कई देशों में पॉलीगॉन को तेज़ी से अपनाया जा रहा है। यह टेक्नोलॉजी कंपनियों, यूनिवर्सिटी और सरकारी प्रोजेक्ट्स के लिए काम को आसान बनाती है, क्योंकि यह सुरक्षित, भरोसेमंद और बड़े लेवल पर इस्तेमाल होने वाली सेवाएँ प्रदान करती है।
JPYC Stablecoin की तेज़ ग्रोथ से पॉलीगॉन का एशिया में प्रभाव बढ़ा
पॉलीगॉन की बढ़ती पहचान का एक बड़ा उदाहरण JPYC Stablecoin की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता है, जो अपने कॉम्पिटिटर्स की तुलना में 20-100 गुना तेज़ फैल रहा है। यह दिखाता है कि लोग Polygon पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं, क्योंकि यह फ़ास्ट, स्टेबल और इस्तेमाल में आसान है। एशिया के कई देशों में यह नेटवर्क अब पेमेंट, वेब3 ऐप्स और असली दुनिया की डिजिटल एसेट सेवाओं के लिए पसंदीदा ऑप्शन बनता जा रहा है।
मेरे 7 साल के वेब3 और Blockchain अनुभव के आधार पर पॉलीगॉन अब सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि भारत के डिजिटल ट्रस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का मजबूत हिस्सा बन चुका है। 7 मिलियन सर्टिफिकेट ऑन-चेन अपलोड होना दिखाता है कि भारत अब Serious Web3 Activity को रियल सॉल्यूशन के रूप में अपनाने की स्टेज में पहुँच चुका है।
कन्क्लूजन
Sandeep Nailwal का बयान सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि रियलिटी दिखाता है। भारत में जहां भी वेब3 का असली काम हो रहा है, Polygon उसकी सबसे बड़ी पावर बन चुका है। 7 मिलियन सर्टिफिकेट ऑन-चेन लाना इसका असली सबूत है। इससे साफ है कि भारत और एशिया में Web3 अब केवल बातें नहीं, बल्कि असली उपयोग की दिशा में बढ़ रहा है और इस बदलाव की लीडरशिप Polygon कर रहा है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सूचना और शिक्षा के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई किसी भी जानकारी को फाइनेंशियल, निवेश या कानूनी सलाह न माना जाए। क्रिप्टो या Web3 प्रोजेक्ट्स से जुड़े डिसीजन लेने से पहले स्वयं रिसर्च करें या किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।
