Bitcoin Hack करने को लेकर China ने लगाया US पर बड़ा आरोप
Bitcoin Hack को लेकर चीन और अमेरिका फिर आए आमने-सामने, जानिए डिटेल्स
एक नए अंतरराष्ट्रीय विवाद में China ने America पर 127000 Bitcoin Hack करने का आरोप लगाया है। यह मामला वर्ष 2020 के एक कथित Crypto Hack से जुड़ा है जिसमें China का कहना है कि अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों ने उनके LuBian Bitcoin Mining Pool से बड़े पैमाने पर बिटकॉइन चोरी किए।
यह आरोप सिर्फ एक साइबर क्राइम विवाद नहीं है बल्कि अब यह डिजिटल फाइनेंस, साइबर सिक्योरिटी और अंतरराष्ट्रीय राजनीति का मुद्दा बन गया है।

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Cryptohindinews के एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह मामला आने वाले समय में Crypto Diplomacy का रुख तय कर सकता है क्योंकि इतने बड़े लेवल पर Bitcoin Hack करने का आरोप पहले कभी नहीं लगाया गया।
चीन ने अमेरिका पर लगाया 2020 के Bitcoin Hack का आरोप
2020 में चीन के LuBian Mining Pool से लगभग 127,426 BTC चोरी हुए थे जिनकी कीमत तब करीब $3.5 बिलियन थी। इस घटना को उस समय एक बड़ा Bitcoin Hack माना गया लेकिन इसके पीछे कौन था यह एक रहस्य ही बना रहा। Blockchain एक्सपर्ट्स ने बाद में शक जताया कि यह Weak-Key Flaw या किसी व्यक्ति की गलती से हुआ हो सकता है।
2025 में अमेरिका के DOJ (Department of Justice) ने अनाउंसमेंट की कि उन्होंने 127,271 BTC जब्त किए हैं जो Huione कंबोडियन ग्रुप से जुड़े अपराधों से आए थे। इसे उन्होंने इतिहास की सबसे बड़ी बिटकॉइन जब्ती बताया जिसकी मौजूदा कीमत $13 बिलियन से अधिक है।
China ने इसको खारिज कर दिया और उसके CVERC (National Computer Virus Emergency Response Centre) ने America पर आरोप लगाया कि वही इस हैक के पीछे था। बीजिंग का कहना है कि 2020 का LuBian Hack अमेरिका के साइबर ऑपरेशन का हिस्सा था और बाद की यह जब्ती सिर्फ चोरी के बिटकॉइन चोरी को वैध दिखाने का तरीका थी।
अमेरिका ने अब तक सिर्फ इतना कहा है कि यह कार्रवाई कानूनी थी और Crypto Fraud के खिलाफ ग्लोबल प्रयास का हिस्सा है। वर्तमान में American Government के पास करीब 325,000 BTC ($36 बिलियन) हैं, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी Bitcoin Holder Country बनाता है।
Bitcoin Hack आरोपों से Crypto Market में उथल-पुथल, BTC में गिरावट
हाल ही में America और China के बीच आरोपों ने Crypto Market में हलचल पैदा कर दी है। BTC इस समय लगभग $1,03,251 पर ट्रेड कर रहा है जो पिछले 24 घंटों में 2.6% नीचे गया है। इन्वेस्टर्स इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ये नया विवादभविष्य में क्रिप्टो नियमों और अंतरराष्ट्रीय ट्रांसफर पर कैसे असर डाल सकता है।

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इसी बीच, America के Bitcoin और Ethereum ETFs से इस हफ्ते $755 मिलियन निकाले गये हैं जिससे पता चलता है कि ट्रेडर्स अब थोड़ा सतर्क हो गए हैं।
Cryptohindinews के एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे शॉर्ट टर्म में इस Cryptocurrency में गिरावट आ सकती है लेकिन लॉन्ग टर्म में यह बिटकॉइन की डिजिटल गोल्ड वाली इमेज को और मजबूत कर सकता है।
अगर और ज्यादा सरकारें बिटकॉइन होल्ड करना शुरू करती हैं, तो मार्केट में सप्लाई कम हो सकती है जो लॉन्ग टर्म में प्राइस को सपोर्ट कर सकती है।
बिटकॉइन चोरी से ग्लोबल पॉलिटिक्स में हलचल, जानिए इसका अंतरराष्ट्रीय महत्व
जो शुरुआत में सिर्फ क्रिप्टो जांच थी, वह अब एक ग्लोबल राजनीतिक बहस बन गई है। China ने आरोप लगाया कि America ने बिटकॉइन को कंट्रोल करने के लिए हैकिंग का यूज किया जो दिखाता है कि डिजिटल एसेट्स अब अंतरराष्ट्रीय पावर स्ट्रगल से जुड़े हुए हैं।
यह चोरी सिर्फ फाइनेंस का मामला नहीं रह गया बल्कि यह टेक्नोलॉजी, राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्लोबल इन्फ्लुएंस से भी जुड़ गया है। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं Cryptocurrency को लेकर टकरा रही हैं।
कन्क्लूजन
बिटकॉइन चोरी को लेकर China और America के बीच बढ़ता यह विवाद सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं, बल्कि डिजिटल युग की नई शक्ति संतुलन की कहानी है। जहां एक ओर अमेरिका इसे साइबर क्राइम के खिलाफ एक्शन बता रहा है, वहीं चीन इसे आर्थिक और तकनीकी वर्चस्व की लड़ाई के रूप में देख रहा है।
इस विवाद ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले समय में बिटकॉइन और अन्य डिजिटल एसेट्स सिर्फ इन्वेस्टमेंट का जरिया नहीं रहेंगे, बल्कि यह ग्लोबल पॉलिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी और इकोनॉमिक कंट्रोल का हिस्सा बन जाएंगे।
Disclaimer- यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट काफ़ी वोलेटाइल है इसलिए निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें।
