WazirX Hack के पीछे था Kim Jong Un का हाथ, जानिए पूरी खबर
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WazirX Hack के पीछे था Kim Jong Un का हाथ, जानिए पूरी खबर

2024 में WazirX पर हुए साइबर हमले ने क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री को झकझोर कर रख दिया था। यह हैक 235 मिलियन डॉलर (करीब 2000 करोड़ रुपये) का था और इसमें WazirX के मल्टीसिग वॉलेट को निशाना बनाया गया था। पिछले एक साल से इस हैक के पीछे के हैकर्स के बारे में कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं, लेकिन हाल ही में एक संयुक्त बयान में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने इस हैक के लिए Kim Jong Un के देश उत्तर कोरिया को जिम्मेदार ठहराया है।

WazirX Hack के बाद क्या हुआ?

2024 की जुलाई में, भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX को एक बड़ी साइबर चोरी का सामना करना पड़ा था। हैकर्स ने WazirX के मल्टीसिग वॉलेट पर हमला किया और इसके स्टोरेज का लगभग आधा हिस्सा चुरा लिया था। परिणामस्वरूप, क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर जमा और निकासी सेवाएं रुक गई थीं। यह एक महत्वपूर्ण घटना थी, क्योंकि यह WazirX पर हुआ सबसे बड़ा साइबर हमला था।

उत्तर कोरिया और Lazarus Group का जुड़ाव

अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की सरकारों ने हाल ही में एक संयुक्त बयान में कहा कि तानाशाह Kim Jong Un के देश उत्तर कोरिया में स्थित Lazarus Group और अन्य हैकर्स के ग्रुप्स क्रिप्टो एक्सचेंजों और डिजिटल एसेट कस्टोडियनों को निशाना बनाते हैं। ये हैकिंग ग्रुप्स पहले भी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स पर साइबर हमले कर चुके है, और इन हमलों का उद्देश्य उत्तर कोरिया के अवैध हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के लिए फंडिंग करना है। 

WazirX के साथ-साथ, क्रिप्टो प्लेटफॉर्म Radiant Capital से भी चोरी की गई 50 मिलियन डॉलर के लिए उत्तर कोरिया को जिम्मेदार ठहराया गया है। यह पहला मौका नहीं है जब उत्तर कोरिया और Kim Jong Un पर इस तरह के आरोप लगे हैं, कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा चुका है कि ये हैकिंग ग्रुप्स उत्तर कोरिया की सरकार द्वारा समर्थित हैं। 

Lazarus Group और इसके प्रभाव

Lazarus Group, उत्तर कोरिया की एक जानी-मानी हैकिंग टीम है, जिसे पहले भी कई साइबर हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा चुका है। इस ग्रुप का मुख्य उद्देश्य वित्तीय संस्थाओं और क्रिप्टो एक्सचेंजों को निशाना बनाकर धन की चोरी करना है। हैकिंग से होने वाली रकम का इस्तेमाल उत्तर कोरिया द्वारा अपने सैन्य और अवैध हथियार कार्यक्रमों को मजबूत करने में किया जाता है। इससे वैश्विक वित्तीय व्यवस्था को भी खतरा उत्पन्न होता है।

WazirX के बयान और आगे की स्थिति

WazirX के को-फाउंडर Nischal Shetty ने भी इस हैक के बारे में बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि WazirX Hack के पीछे उत्तर कोरिया का Lazarus Group हो सकता है। भारतीय सरकार और अन्य क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स अब इस साइबर हमले की गंभीरता को समझते हुए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

कन्क्लूजन

WazirX हैक ने ग्लोबल क्रिप्टो इंडस्ट्री को चेतावनी दी है कि साइबर सुरक्षा के मामले में सावधानी बरतने की जरूरत है। उत्तर कोरिया का Lazarus Group जैसे हैकर्स के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग अपने अवैध कार्यक्रमों को फंड देने का मामला बेहद गंभीर है। अब जबकि यह मामला खुलकर सामने आ चुका है, यह आवश्यक हो गया है कि क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स और सरकारी एजेंसियां मिलकर इस तरह के हमलों को रोकने के लिए रणनीतियाँ बनाएं।

Rohit Tripathi

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है।

वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।”

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