Treehouse Crypto के बारे में जानिए
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Treehouse Protocol क्या है, TREE Token के बारे में जानिए 

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में स्टेबल और भरोसेमंद रिटर्न्स की तलाश में लगभग हर निवेशक रहता है। DeFi ने इन्वेस्टर्स और फाइनेंस में कई नए अवसर खोले हैं, लेकिन ब्याज दरों में अनस्टेबिलिटी और इनकी बेंचमार्क रेट में कमी इससे जुड़ी एक बड़ी चुनौती है। Treehouse Protocol इसी कमी को पूरा करने के लक्ष्य से सामने आया है। यह एक डिसेंट्रलाइज्ड फिक्स्ड-इनकम प्रोटोकॉल है, जो Ethereum पर आधारित स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए स्टेबल यील्ड्स और स्ट्रक्चर्ड प्रोडक्ट्स लाता है। इसका नेटिव टोकन, TREE, इसकी गवर्नेंस और यूटिलिटी का आधार है। इस ब्लॉग में हम Treehouse, TREE Token, Decentralized Offered Rates (DOR) और tAssets को आसान भाषा में समझेंगे।

आइए, Treehouse की दुनिया में कदम रखें और देखें कि यह DeFi को कैसे बदल रहा है।

Treehouse Protocol क्या है?

Treehouse का मकसद DeFi में स्टेबल और प्रेडिक्टेबल रिटर्न्स लाना है। यह दो मुख्य इनोवेशंस को आधार बना कर काम करता है:

Decentralized Offered Rates (DOR): इसके द्वारा यह ट्रेडिशनल LIBOR/SOFR की तरह डिसेंट्रलाइज्ड बेंचमार्क रेट्स सेट करता है।

tAssets: यह एक प्रकार के लिक्विड स्टेकिंग टोकन्स होंगे, जैसे tETH, जो यील्ड में उतार चढ़ाव को मैनेज करके स्टेबल रिटर्न्स देने का काम करते हैं।

Treehouse, Aave, Compound जैसे प्रोटोकॉल्स की ब्याज दरों को इन्टीग्रेट करके स्टैंडर्डाइज्ड बेंचमार्क बनाता है, जिससे यूजर्स को प्रेडिक्टेबल यील्ड्स मिलते हैं।

आइये अब इसके इम्पोर्टेन्ट इनोवेशन DOR की वर्किंग प्रोसेस को डिटेल में समझते हैं।

Decentralized Offered Rates (DOR)

DOR, Treehouse का कोर फीचर है, जो DeFi में ब्याज दरों को स्टैंडर्डाइज करता है। यह एक कंसेंसस मैकेनिज्म है, जिसमें पैनलिस्ट्स TREE या tAssets स्टेक करके रेट्स का प्रेडिक्शन करते हैं। इसमें सही प्रेडिक्शन करने पर TREE Token रिवार्ड्स में दिए जाते हैं। इसका पहला प्रोडक्ट, Treehouse Ethereum Staking Rate (TESR), Ethereum स्टेकिंग यील्ड्स को बेंचमार्क करता है।

DOR के फीचर:

  • पैनलिस्ट्स: एक्सपर्ट रोजाना रेट्स सेट करते हैं, जिन्हें डेलिगेटर्स सपोर्ट करते हैं।
  • रिवॉर्ड्स: सही प्रेडिक्शन करने वालों को TREE टोकन्स में रिवॉर्ड दिया जाता है।
  • ट्रांसपेरेंसी: इसमें सभी डेटा ऑन-चेन वेरिफ़ाई होता है, जिससे ट्रांसपेरेंसी बनी रहती है।

DOR फिक्स्ड-रेट लोन्स और इंटरेस्ट रेट स्वैप्स जैसे प्रोडक्ट्स को सपोर्ट करता है।

आइये अब इसके दुसरे इम्पोर्टेन्ट फीचर  tAssets को आसान भाषा में समझते हैं।

 tAssets क्या है? 

tAssets, जैसे tETH, लिक्विड स्टेकिंग टोकन्स हैं, जो स्टेबल यील्ड्स के साथ DeFi में फ्लेक्सिबिलिटी देते हैं। यूजर्स ETH या wstETH डिपॉजिट करके tETH पाते हैं, जो मार्केट एफिशिएंसी यील्ड (MEY) जनरेट करता है।

 tAssets के लाभ:

  • यील्ड ऑप्टिमाइजेशन: tETH लेंडिंग मार्केट्स (Aave, Compound) में हायर यील्ड्स को टारगेट करता है। उदाहरण के लिए Aave पर 3% और Compound पर 5% रेट होने पर tETH ऑटोमैटिकली बेहतर रेट चुनता है।
  • कम्पोजेबिलिटी: इसमें स्टेक किए गए tETH को लिक्विडिटी पूल्स या कॉलैटरल के तौर पर यूज किया जा सकता है।
  • सिक्योरिटी: Treehouse Actively Validated Service (AVS) इसमें स्टेकिंग रिस्क को कम करता है।

इस तरह से tAssets DeFi में स्टेबल और स्केलेबल यील्ड्स का नया रास्ता खोलते हैं, जो इस क्रिप्टो प्रोजेक्ट को बहुत खास बनाता है।

आइए, अब TREE Token की टोकनॉमिक्स और गवर्नेंस के बारे में बात करते हैं।

TREE Token और इसके उपयोग 

TREE, Treehouse Protocol का नेटिव यूटिलिटी और गवर्नेंस टोकन है। यह इकोसिस्टम को पावर देने के साथ-साथ यूजर्स को प्रोटोकॉल के डिसीजन-मेकिंग प्रोसेस में शामिल करता है। जुलाई 2025 को हुए Token Generation Event (TGE) के बाद TREE Binance, OKX, Coinbase और MEXC जैसे टॉप एक्सचेंजेस पर लिस्ट हो चुका है।

Treehouse Protocol क्या है, TREE Token के बारे में जानिए 

Source: TREE Token Tokenomics की यह इमेज ऑफिशियल वेबसाइट से ली गयी है।

टोकनॉमिक्स:

  • टोटल सप्लाई: 1 बिलियन TREE Tokens।
  • सर्कुलेटिंग सप्लाई: लॉन्च के समय 15.6% (156 मिलियन टोकन्स)।
  • डिस्ट्रीब्यूशन:
    • 10% कम्युनिटी एयरड्रॉप्स के लिए।
    • 17.5% इनवेस्टर्स के लिए।
    • 12.5% कोर टीम के लिए, जो मल्टी-ईयर वेस्टिंग के अंडर है।
  • वेस्टिंग: टोकन्स 48 महीनों में धीरे-धीरे अनलॉक होंगे, ताकि लॉन्ग-टर्म सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित हो।

TREE Token के उपयोग:

  • स्टेकिंग: यूजर्स TREE को Pre-Deposit Vaults में स्टेक करके 50-75% APR तक कमा सकते हैं। यह DOR पैनलिस्ट्स को सपोर्ट करता है।
  • गवर्नेंस: TREE होल्डर्स प्रोटोकॉल अपग्रेड्स, रेट-सेटिंग मेथड्स और tAsset issuance जैसे डिसीजन्स में वोट कर सकते हैं।
  • फी पेमेंट्स: DOR रेट्स को एक्सेस करने के लिए TREE में फीस दी जाती हैं, जिनका 25% टोकन बायबैक के लिए यूज होता है।
  • इकोसिस्टम ग्रोथ: TREE टोकन्स DAO ग्रांट्स के जरिए पार्टनरशिप्स, डेवलपर टूल्स और नए प्रोडक्ट्स को फंड करते हैं।

TREE Token की यूटिलिटी और गवर्नेंस स्ट्रक्चर इसे DeFi में एक मजबूत पोजीशन देता है। लेकिन इसका टेक्निकल बेस क्या है? आइए, इसे समझते हैं।

Treehouse की टेक्नोलॉजी और आर्किटेक्चर

Treehouse Ethereum-बेस्ड स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स पर काम करता है, जो इसके DOR और tAssets को पावर देता है। इसका हाइब्रिड कंसेंसस मॉडल DOR रेट्स का प्रिसिशन और ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित करता है।

स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स: Treehouse के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स ऑडिटेड हैं (Trail of Bits, Sigma Prime आदि द्वारा), जो सिक्योरिटी और रिलायबिलिटी को बढ़ाते हैं।

DOR कंसेंसस: पैनलिस्ट्स और डेलिगेटर्स का नेटवर्क रेट्स को वेरिफ़ाई करता है, जिससे सिंगल ओरेकल डिपेंडेंसी खत्म होती है।

tAssets का डायनामिक रिबैलेंसिंग: tETH जैसे tAssets ऑटोमैटिकली लेंडिंग मार्केट्स में यील्ड्स को ऑप्टिमाइज करते हैं।

DAO इंश्योरेंस फंड: प्रोटोकॉल में एक डेडिकेटेड फंड है, जो हैकिंग या अन्य रिस्क्स से प्रोटेक्शन देता है।

Treehouse की टेक्नोलॉजी इसे DeFi में इंस्टीट्यूशनल-ग्रेड स्टैंडर्ड्स देने में सक्षम बनाती है। लेकिन इसका भविष्य क्या है?

भविष्य की संभावनाएं

Treehouse का रोडमैप महत्वाकांक्षी है। यह tAssets को नयी Blockchains और Layer-2 नेटवर्क्स जैसे Arbitrum, Optimism तक विस्तार करने की योजना बना रहा है। साथ ही, यह Forward Rate Agreements (FRAs) जैसे डेरिवेटिव प्रिमिटिव्स को लॉन्च करेगा, जो इंस्टीट्यूशनल और DeFi यूजर्स दोनों के लिए स्केलेबल होंगे।

फाइनल वर्डिक्ट 

Treehouse Protocol, TREE Token, DOR, और tAssets के जरिए DeFi में एक नया युग शुरू कर रहा है। यह प्रोटोकॉल ट्रेडिशनल फाइनेंस की प्रेडिक्टेबिलिटी को डिसेंट्रलाइज्ड वर्ल्ड में लाने का वादा करता है। चाहे आप एक रिटेल इनवेस्टर हों, जो स्टेबल यील्ड्स चाहते हैं या एक इंस्टीट्यूशनल प्लेयर, जो ऑन-चेन स्ट्रक्चर्ड प्रोडक्ट्स की तलाश में हैं, Treehouse आपके लिए कुछ न कुछ ऑफर करता है। इसका डिसेंट्रलाइज्ड बेंचमार्क रेट सिस्टम और tAssets DeFi को ज्यादा ट्रांसपेरेंट, एफिशिएंट और स्केलेबल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।

Ronak Ghatiya

Ronak Ghatiya एक उभरते हुए क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका एजुकेशन और टेक्नोलॉजी में मजबूत बैकग्राउंड रहा है। उन्होंने पिछले एक वर्ष में ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे विषयों पर डेटा-ड्रिवन और SEO-अनुकूल कंटेंट लिखा है, जो नए और प्रोफेशनल रीडर्स दोनों के लिए उपयोगी साबित हुआ है। रोनक की लेखनी का फोकस जटिल तकनीकी टॉपिक्स को आसान भाषा में समझाना है, जिससे क्रिप्टो स्पेस में ट्रस्ट और क्लैरिटी बनी रहे।

उन्होंने CoinGabbar.com, Medium और अन्य क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए ब्लॉग्स और न्यूज़ स्टोरीज़ लिखी हैं, जिनमें क्रिएटिविटी और रिसर्च का संतुलन होता है। रोनक की स्टाइल डिटेल-ओरिएंटेड और रिस्पॉन्सिव है, और वह तेजी से बदलते क्रिप्टो परिदृश्य में एक विश्वसनीय आवाज़ बनने की ओर अग्रसर हैं। LinkedIn पर प्रोफ़ाइल देखें या उनके आर्टिकल्स यहाँ पढ़ें।

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