Crypto Hindi Advertisement Banner

Dark Stablecoins होंगे Crypto का Next Chapter: CryptoQuant

Published:May 12, 2025 Updated:May 12, 2025
Author: Sheetal Bansod
Dark Stablecoins होंगे Crypto का Next Chapter: CryptoQuant

जैसे-जैसे सरकारें क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी पकड़ मजबूत करती जा रही हैं, क्रिप्टो इंडस्ट्री एक अहम बदलाव के दौर से गुजर रही है। इस बदलाव की एक बड़ी झलक है - Dark Stablecoins। CryptoQuant के CEO Ki Young Ju का कहना है कि Dark Stablecoins आने वाले समय में क्रिप्टो फाइनेंस का एक बड़ा और अहम हिस्सा बन सकते हैं।

ये कॉइन सेंसरशिप से बचाव और डिजिटल फ्रीडम को प्रायोरिटी देने वाले यूज़र्स के लिए एक नया रास्ता खोल सकते हैं। आइए जानते हैं कि ये Dark Stablecoins आखिर क्या हैं, क्यों जरूरी होते जा रहे हैं और ये कैसे क्रिप्टो की तस्वीर बदल सकते हैं।

Dark Stablecoins: क्या हैं और क्यों ज़रूरी हैं?

Dark Stablecoins असल में ऐसे Stablecoins होते हैं जो या तो किसी गवर्नमेंट या प्राइवेट कंपनी के कन्ट्रोल से बाहर होते हैं या फिर ऐसे देशों द्वारा जारी किए जाते हैं जहां फाइनेंशियल सेंसरशिप बहुत कम होती है। Ki Young Ju के अनुसार, Dark Stablecoins दो मुख्य प्रकार के हो सकते हैं:

Algorithmic Stablecoins - ये कॉइन स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और एल्गोरिदम के जरिए बिना किसी सेंट्रल अथॉरिटी के इंटरफेरेंस के अपनी वैल्यू को स्टेबल बनाए रखते हैं।

Low-Censorship Nations के Stablecoins - ऐसे देश जो फाइनेंशियल फ्रीडम को ज्यादा महत्व देते हैं, वहां से जारी Stablecoins जिन्हें यूज़र्स ज्यादा फ्रीडम के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं।

इनका मुख्य लाभ है सेंसरशिप से बचाव, खासकर जब बात आती है क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजैक्शन या रेगुलेटरी रिस्ट्रिक्शन से डील करने की।

Stablecoins पर कसता सरकारी शिकंजा

अब तक Stablecoins जैसे USDT (Tether) और USDC (Circle) को बड़ी आसानी से उपयोग किया जाता था, क्योंकि सरकारें तब तक इंटरफेयर नहीं करती थीं जब तक कि मनी लॉन्डरिंग जैसी गंभीर स्थिति न बने। लेकिन अब माहौल बदल रहा है।

जैसे-जैसे Stablecoins का उपयोग बढ़ा है, सरकारें इन्हें कन्ट्रोल करने लगी हैं। इसमें शामिल हैं:

  • स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स से टैक्स कलेक्शन

  • KYC रिक्वायरमेंट

  • डिजिटल वॉलेट्स को फ्रीज़ करने की क्षमता

इन सबका मतलब है कि Stablecoins अब उसी बैंकिंग सिस्टम की तरह बनते जा रहे हैं जिससे बचने के लिए क्रिप्टो की शुरुआत हुई थी। यही कारण है कि Ju मानते हैं कि Dark Stablecoins अब जरूरी हो गए हैं।

एक और दिलचस्प बात यह है कि Tether (USDT) खुद एक संभावित Dark Stablecoin बन सकता है। अगर भविष्य में यह अमेरिकी रेगुलेशन को फॉलो न करने का रास्ता अपनाता है, तो यह एक सेंसरशिप-रेसिस्टेंट ऑप्शन बन सकता है।

कन्क्लूजन 

डिजिटल करेंसी का सपना एक ओपन और फ्री फाइनेंशियल सिस्टम का था, लेकिन करंट गवर्नमेंट पॉलिसीज़ उस फ्रीडम को सीमित कर रही हैं। ऐसे समय में, Dark Stablecoins जैसे अल्टरनेटिव्ज का उभरना न सिर्फ स्वाभाविक है, बल्कि जरूरी भी लगता है।

इन कॉइन्स के ज़रिए यूज़र्स को फिर से ट्रांजैक्शन की फ्रीडम और सेंसरशिप से सिक्योरिटी मिल सकती है। इन्वेस्टर्स और डेवलपर्स के लिए ये एक नई इनोवेशन की दिशा है, जो आने वाले समय में क्रिप्टो फाइनेंस को फिर से परिभाषित कर सकती है।

Dark Stablecoins शायद अभी एक Thought हैं, लेकिन वे जल्द ही Crypto का अगला चैप्टर बन सकते हैं।

यह भी पढ़िए: Pi Coin Price Prediction, क्या Pi $5 तक पहुंचेगा?
User
Author: Sheetal Bansod

शीतल बंसोड एक क्रिप्टो राइटर हैं, जो ब्लॉकचेन और Web3 जैसे कॉम्प्लेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने में आसान तरीके से प्रस्तुत करने में एक्सपर्ट हैं। लगभग एक वर्ष के अनुभव के साथ, वह SEO-ऑप्टिमाइज्ड ब्लॉग और न्यूज़ आर्टिकल्स लिखती हैं। शीतल की लेखन शैली टेक्निकल और क्रिएटिव अप्रोच का बेहतरीन मिश्रण होती है, जो कठिन विषयों को सरल और पाठकों के लिए आकर्षक बनाती है। 

वह हमेशा ट्रेंड्स और मार्केट मूवमेंट्स के बारे में अपडेट रहती हैं, जिससे उनका कंटेंट हमेशा प्रासंगिक और इनफॉर्मेटिव होता है। क्रिप्टो स्पेस में निरंतर हो रहे बदलावों के बीच, शीतल ने खुद को एक ट्रस्टेड और उभरते हुए राइटर के रूप में स्थापित किया है, जो पाठकों को सही और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करती हैं। 

WHAT'S YOUR OPINION?
सम्बंधित खबर
संबंधित ब्लॉग
bitget

Copyright © 2025 Crypto Hindi News. All Rights Reserved.