Ethereum के Co-Founder Vitalik Buterin ने हाल ही में अपनी एक ब्लॉग पोस्ट में प्राइवेसी को ह्यूमन फ्रीडम के लिए जरूरी बताया। उनका कहना है कि वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी और पॉलिटिक्स की ओर देखते हुए, प्राइवेसी को प्रायोरिटी देना अब पहले से कहीं ज़्यादा जरूरी हो गया है। उन्होंने इस आईडिया को भी चैलेंज दिया कि ट्रांसपेरेंसी हमेशा बेहतर होती है। अगर आप जानना चाहते हैं Ethereum क्या है तो लिंक पर क्लिक करें।
Vitalik Buterin का मानना है कि ट्रांसपेरेंसी को जरूरी समझने के पीछे लोगों का यह भरोसा होता है कि सरकारें और ग्लोबल लीडरशिप आमतौर पर नेक और समझदार होती हैं। लेकिन आज की दुनिया में यह सोच अब उतनी सही नहीं रही। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रमुख देश ऐसा नहीं है जहां यह माना जा सके कि सरकारें पूरी तरह सबकी भलाई चाहती हों।
अक्सर यह धारणा होती है कि जिनके पास छिपाने को कुछ होता है, उन्हें ही प्राइवेसी चाहिए। लेकिन Buterin कहते हैं कि “आप नहीं जानते कि कब आप भी उन लोगों में से एक बन सकते हैं।” उन्होंने अपने पर्सनल एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए बताया कि आपका एक आउटसाइड एक्शन कैसे पब्लिक डिस्कशन का हिस्सा बन सकता है।
Buterin ने गवर्नमेंट बैकडोर्स के आइडिया का कड़ा विरोध किया। उनका मानना है कि एक बार अगर डाटा किसी सर्वर पर इकठ्ठा हो गया, तो सिर्फ सरकारें ही नहीं बल्कि कई कंपनियां और अन्य आर्गेनाइजेशंस भी आपके उस डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। टेलीकॉम कंपनियों के डाटा बेचने के मामलों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सिस्टम में काम करने वाले लोग अक्सर इन जानकारियों का गलत इस्तेमाल करते हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में Ethereum के Co-Founder Vitalik Buterin ने नया Ethereum Roadmap पेश किया है, जो Layer-1 पर कंसेंसस बदले बिना पेमेंट, नेटवर्क और यूज़र डाटा की प्राइवेसी को मजबूत करने पर फोकस्ड है।
भविष्य में ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस और AI की मदद से इंसानों की सोच को भी पढ़ा जा सकेगा। ऐसे में Buterin का मानना है कि लोगों को और ज़्यादा प्राइवेसी की जरूरत होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट के साथ अगर प्राइवेसी नहीं रही, तो इसका फायदा सरकारें और बड़ी कंपनियां उठाएंगी।
Buterin ने Zero-Knowledge Proofs (ZK-Proofs) जैसे टेक्निकल सॉल्यूशन्स को सपोर्ट किया, जो किसी भी इन्फॉर्मेशन को बिना एक्सपोज़ किए वेरीफाई करने में सक्षम हैं। उन्होंने प्राइवेसी पूल्स, ऑन-डिवाइस एंटी-फ्रॉड स्कैनिंग और प्रूफ ऑफ पर्सनहुड जैसे प्रोजेक्ट्स को भी संभावित समाधान के रूप में बताया। इन सभी का उद्देश्य यह है कि यूजर आइडेंटिटी और इन्फॉर्मेशन सिक्योर रहे, फिर भी सिस्टम प्रभावी ढंग से काम करे।
Vitalik Buterin का मेसेज क्लियर है - मॉडर्न वर्ल्ड में, प्राइवेसी कोई विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता है। उन्होंने लिखा, “अगर किसी का डाटा लिया भी जाता है, तो यह जानने का कोई तरीका नहीं होता कि उस डाटा का इस्तेमाल भविष्य में कहां और कैसे होगा।” इसलिए उनका सुझाव है कि डाटा को जितना कम इकट्ठा किया जाए, उतना ही बेहतर होगा। प्राइवेसी सिर्फ टेक्निकल या पॉलिटिकल मुद्दा नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की फ्रीडम का फंडामेंटल राईट है।
यह भी पढ़िए: MST Blockchain क्या है, जानिए क्यों है ट्रेंडिंगशीतल बंसोड एक क्रिप्टो राइटर हैं, जो ब्लॉकचेन और Web3 जैसे कॉम्प्लेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने में आसान तरीके से प्रस्तुत करने में एक्सपर्ट हैं। लगभग एक वर्ष के अनुभव के साथ, वह SEO-ऑप्टिमाइज्ड ब्लॉग और न्यूज़ आर्टिकल्स लिखती हैं। शीतल की लेखन शैली टेक्निकल और क्रिएटिव अप्रोच का बेहतरीन मिश्रण होती है, जो कठिन विषयों को सरल और पाठकों के लिए आकर्षक बनाती है।
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