पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी का एसेट मार्केट में डोमिनेशन बढ़ता चला जा रहा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ethereum, E-Commerce Giant Alibaba को पछाड़ते हुए दुनिया की 39वी सबसे बड़ी एसेट बन गयी है। खबर लिखे जाने तक Ethereum की वैल्यू 310 बिलियन डॉलर थी जबकि Alibaba की मार्केट वैल्यू इसके मुकाबले सिर्फ 302 बिलियन डॉलर थी।
क्रिप्टो मार्केट का सिल्वर कहे जाने वाले Ethereum की वैल्यू में 7 मई को Ethereum Blockchain में हुए हार्ड फोर्क अपग्रेड Pectra के बाद से बड़ा उछाल देखने को मिला है। अपग्रेड के बाद से अब तक 1 Ethereum की वैल्यू 35 % से ज्यादा बढ़कर 2500 डॉलर के आसपास आ गयी है। वैल्यू में हुई इस बढ़ोतरी के कारण Ethereum, एसेट मार्केट में बड़ी-बड़ी कंपनियों को पछाड़ कर ग्लोबल लेवल पर 39वा सबसे बड़ा एसेट बन गया है। यह दिखाता है कि क्रिप्टोकरेंसी टेक्नोलॉजी के लेवल से आगे निकल कर अब महत्वपूर्ण इन्वेस्टमेंट एसेट बन गयी है।
क्रिप्टोकरेंसी के दुनिया में बढ़ते हुए प्रभाव का यह पहला उदाहरण नहीं है। हाल ही में, सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin, Amazon को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की 5वा सबसे बड़ी संपत्ति बनी थी। क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग Web3, Blockchain Technology, Decentralised Applications आदि में लगातार बढ़ रहा है। प्राइवेसी और सिक्योरिटी को साथ लाने वाले इन एप्लीकेशन में क्रिप्टो एक ब्रिज की तरह काम कर रही है। इस कारण से क्रिप्टोकरेंसी की डिमांड मार्केट में बढ़ती चली जा रही है। जैसे जैसे दुनिया Web2 से Web3 की और शिफ्ट होगी, क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू एवं डिमांड और भी ज्यादा तेजी से बढ़ेगी।
दुनिया के सबसे प्रभावशाली देश USA और Elon Musk जैसे बड़े इन्फ़्लुएन्सर के सपोर्ट के कारण ग्लोबल लेवल पर अब क्रिप्टोकरेंसी को सीरियस और इम्पोर्टेन्ट एसेट के रूप में देखा जाने लगा है। हालांकि मार्केट एनालिस्ट मानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू अभी बहुत कम है, एसेट मैनेजमेंट कंपनी ARK इन्वेस्ट के अनुमान के अनुसार 2030 तक Bitcoin का प्राइस $2.4M तक पहुँच सकता है। ऐसा नहीं है कि केवल Bitcoin और Ethereum जैसी बड़ी करेंसी ही बढ़ रही है, क्रिप्टो डेटा एग्रीगेटर Coingecko के अनुसार पिछले 1 साल में पूरी क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप 45% से ज्यादा बढ़ा है। जो दर्शाता है कि क्रिप्टोकरेंसी कितनी तेजी से फाइनेंस वर्ल्ड में अपना दबदबा बढ़ा रही है।
Ethereum का Alibaba जैसी दिग्गज कंपनी को पीछे छोड़ना सिर्फ एक नंबर का खेल नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि क्रिप्टोकरेंसी अब सिर्फ टेक्नोलॉजी का हिस्सा नहीं, बल्कि एक मजबूत ग्लोबल एसेट क्लास बन चुकी है। जैसे जैसे Web3 और Decentralised Technologies का दायरा बढ़ेगा, क्रिप्टोकरेंसी की डिमांड और वैल्यू में और तेजी आने की पूरी संभावना है। इसलिए इसे अब केवल एक स्पेकुलेटिव इन्वेस्टमेंट न मानकर, एक लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेजिक एसेट की तरह देखा जाना चाहिए।
यह भी पढ़िए: Crypto Events 2025, इन टॉप 5 इवेंट्स में ज़रूर हो शामिलरोनक घाटिया एक स्किल्ड राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है। रोनक ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखते हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स जुड़ाव महसूस कर सकें।
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