भारत सरकार ने हाल ही में अपने कर्मचारियों के लिए एक अहम आदेश जारी किया है, जिसमें ChatGPT और DeepSeek जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गयी है। यह कदम भारतीय फाइनेंस मिनिस्ट्री ने उठाया है और इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता को बनाए रखना है।
भारत सरकार की फाइनेंस मिनिस्ट्री द्वारा जारी किए गए इस आदेश में कहा गया है कि सभी कर्मचारियों को ऑफिस के कंप्यूटर और लैपटॉप में ChatGPT और DeepSeek जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गयी है, इसलिए कर्मचारी इन टूल्स का उपयोग न करें। इन टूल्स का उपयोग डेटा सिक्योरिटी के लिहाज से बेहद खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह बाहरी सर्वरों के साथ इंट्रेक्ट करते हैं और संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ाते हैं।
भारत सरकार द्वारा यह निर्णय सरकारी दस्तावेजों और डेटा की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। इन AI टूल्स का इस्तेमाल सरकारी कंप्यूटरों में न करने की सलाह दी गई है, क्योंकि इनमें काम करने वाले प्रोग्राम्स को संवेदनशील डेटा एक्सेस करने का अधिकार हो सकता है, जिससे बड़े सुरक्षा उल्लंघन हो सकते हैं। हालांकि, भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इसका उद्देश्य AI टूल्स के यूजर्स का मनोबल गिराना नहीं है, बल्कि सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। भारत सरकार के केवल वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए ही यह आदेश जारी किया गया है, लेकिन हो सकता है कि आने वाले दिनों में अन्य सरकारी विभागों के लिए भी यही आदेश जारी किया जाए।
यह आदेश उस समय आया है, जब OpenAI के CEO Sam Altman भारत दौरे पर थे। उन्होंने भारत सरकार के मंत्री Ashwini Vaishnaw से AI के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की थी। Altman ने कहा था कि भारत AI में ग्लोबल लीडर बन सकता है और उन्होंने भारत की क्षमता को लेकर सकारात्मक विचार व्यक्त किए। इस मुलाकात में भारत और OpenAI के बीच AI टेक्नोलॉजी पर बातचीत की गई। जानकारी के अनुसार, OpenAI के CEO Sam Altman PM Narendra Modi से भी मुलाकात करेंगे।
भारत में कई ChatGPT, DeepSeek और Google Gemini जैसे कई विदेशी AI टूल्स का इस्तेमाल हो रहा है। इन टूल्स का उपयोग लोग अपने काम को आसान बनाने के लिए करते हैं। लेकिन, इन टूल्स के इंस्टॉल होते ही वे आवश्यक परमिशन एक्सेस करने की कोशिश करते हैं, जो सरकारी फाइलों का डेटा लीक करने के जोखिम को बढ़ा सकता है।
चीनी AI टूल DeepSeek ने हाल ही में AI टूल्स की दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है। इसने अपने किफायती प्राइज की वजह से इंडस्ट्री में लोकप्रियता हांसि की है। DeepSeek का R1 ChatBot 20 जनवरी 2025 को तेजी से लोकप्रिय हुआ और उसने कई पुराने रिकॉर्ड को ब्रेक किया।
भारत सरकार द्वारा जारी किए गए इस आदेश से साफ है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। AI टूल्स के उपयोग से जुड़े संभावित खतरों को लेकर यह कदम उठाया गया है, ताकि सरकारी डेटा और फाइलों की गोपनीयता बनी रहे। हालांकि, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि AI टूल्स का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स का मनोबल प्रभावित न हो।
यह भी पढ़िए: Hamster Kombat Price में आई बड़ी गिरावट, बनाया नया ऑल टाइम लोरोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास 13+ वर्षों का अनुभव है। जिसमें बीते कुछ वर्षों से उनका फोकस विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर रहा है। वे ऑन-चेन मेट्रिक्स, डेफी ट्रेंड्स, प्राइस मूवमेंट्स और टोकनॉमिक्स का व्यावहारिक ज्ञान रखते हैं। उनकी विशेषज्ञता डेटा-ड्रिवन आर्टिकल्स, डीप मार्केट रिसर्च, SEO-ऑप्टिमाइज्ड कंटेंट और इंडस्ट्री-फोकस्ड एनालिसिस तैयार करने में है।
रोहित वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। जहाँ लगातार कंटेंट डिलीवर करके, रोहित ने खुद को हिंदी क्रिप्टो मीडिया स्पेस में एक भरोसेमंद और प्रभावशाली आवाज़ के रूप में स्थापित किया है। उनका कंटेंट रिलायबल डेटा सोर्स, ऑन-चेन टूल्स और मार्केट रिसर्च से प्राप्त फैक्ट्स पर आधारित होता है। वे हर आर्टिकल में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देने को प्राथमिकता देते हैं।
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