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ब्लॉकचेन हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है भारत

Published:May 05, 2024 Updated:April 26, 2025
Author: Sudeep Saxena
ब्लॉकचेन हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है भारत

भारत में क्रिप्टोकरेंसी एडॉप्शन को लेकर भले ही सरकार का नजरिया स्पष्ट ना हो लेकिन ब्लॉकचेन एडॉप्शन को लेकर भारत का रुख एकदम स्पष्ट और सकारात्मक नजर आ रहा है। देश में ब्लॉकचेन एडॉप्शन तेजी से बढ़ रहा है। न सिर्फ प्राइवेट सेक्टर बल्कि गवर्मेंट सेक्टर में भी इसका उपयोग बढ़ रहा है। इसी के चलते भारत सरकार ने ब्लॉकचेन को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। भारत के National Informatics Centre (NIC) ने पांच ब्लॉकचेन पर लगभग आठ मिलियन सरकार द्वारा जारी सत्यापन योग्य दस्तावेजों की होस्टिंग की है। इसके लिए NIC ने हाल ही में अपनी विभिन्न ब्लॉकचेन पहलों को प्रदर्शित करने के लिए एक वेबसाइट लॉन्च की है, जिसमें एजुकेशन, प्रॉपर्टी, जुडिशरी और ड्रग लोजिस्टिक्स से संबंधित डाक्यूमेंट्स की एक विस्तृत श्रृंखला इन ब्लॉकचेन पर लॉन्च की गई है। 

NIC द्वारा उपयोग किये गये ब्लॉकचेन में Hyperledger Fabric, Hyperledger Sawtooth और Ethereum शामिल हैं। जिन पर पांच ब्लॉकचैन प्रोडक्ट्स मुख्य रूप से लॉन्च किये है। जिनमें  सर्टिफिकेट चैन, डॉक्यूमेंट चैन, ड्रग लोजिस्टिक्स चैन, जुडिशरी चैन, और प्रॉपर्टी चैन को शामिल किया गया है। इस सॉल्यूशन को छह राज्यों और तीन सरकारी विभागों द्वारा लागू किया गया हैं, जिनमें सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE), मिनिस्ट्री ऑफ़ कंस्यूमर अफेयर्स और मिनिस्ट्री ऑफ़ जस्टिस जैसे नाम शामिल हैं। इन डिपार्टमेंट्स द्वारा ब्लॉकचेन एडॉप्शन से प्रॉपर्टी ओनरशिप, बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट्स, सप्लाई चैन मैनेजमेंट और एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स के लिए बेहतर वेरिफिकेशन सर्विस शुरू हो गई हैं।

भारत कर रहा है ब्लॉकचेन में नई संभावनाओं की तलाश 

इसके अलावा, भारत सक्रिय रूप से ब्लॉकचेन का उपयोग अन्य क्षेत्रो में भीं कर रहा है, जैसे लैंड रिकार्ड्स, ब्लड बैंक, बैकट्रैकिंग, गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST), और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) में इसका उपयोग किया जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग डॉक्यूमेंट की छेड़-छाड़ को रोकने के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकारी प्रक्रियाओं में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की शुरूआत ब्लॉकचेन एडॉप्शन के लिए भारत का एक रणनीतिक कदम है। कई राज्य और स्थानीय सरकारें भी भारत के ब्लॉकचेन एडॉप्शन में सक्रिय रूप से योगदान दे रही हैं। 

इसके अलावा कुछ महीनों पहले ही में भारत की सबसे बड़ी आयल और गैस कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) ने परचेस ऑर्डर्स (POs) के वेरिफिकेशन को ऑटोमेट करने के लिए एक ब्लॉकचेन सिस्टम शुरू की है। साथ ही हाल ही में तमिलनाडु के रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने रजिस्टर्ड डॉक्यूमेंट में छेड़छाड़ को रोकने के लिए ब्लॉकचैन सिस्टम को अपनाया है। तमिलनाडु से पहले भी भारत के कई स्टेट ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए कदम उठा चुके हैं। बता दें कि तेलंगाना गवर्नमेंट ने हैदराबाद में भारत का पहला ब्लॉकचैन डिस्ट्रिक्ट लॉन्च किया था, जो कि ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास के लिए संपूर्ण इकोसिस्टम प्रदान करने के लिए एक पहल थी। भारत में ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी अडॉप्शन में आ रही तेजी इस बात की ओर इशारा करती है कि भारत खुद को ब्लॉकचैन हब बनाने की दिशा में काम कर रहा है।

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Author: Sudeep Saxena

सुदीप सक्सेना Crypto Hindi News की पेरेंट फर्म Coin Gabbar के को-फाउंडर्स में से एक हैं और एक योग्य CMA (Cost and Management Accountant) प्रोफेशनल भी हैं। बिज़नेस डेवेलपमेंट में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ-साथ वह जियोपॉलिटिकल विषयों पर ब्लॉग लिखते हैं। सुदीप को क्रिप्टो इंडस्ट्री में गहरा अनुभव प्राप्त है और वे इस क्षेत्र में नई ऑडियंस के लिए एजुकेशनल और भरोसेमंद जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं। 

सुदीप का लक्ष्य ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के ज़रिए एक ऐसा नॉलेज बैंक तैयार करना है, जो क्रिप्टो मार्केट में प्रवेश करने वालों  नए निवेशकों के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सके। उनकी राइटिंग स्टाइल, इन्फॉर्म्ड, डेटा ड्रिवन और स्ट्रेटेजिक अप्रोच पर आधारित होती है। 

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