भारत के प्रमुख डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म्स ने OpenAI पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया है। इन न्यूज़ कंपनियों का कहना है कि OpenAI के AI Tools, जैसे ChatGPT, उनकी वेबसाइट्स से कंटेट को स्क्रैप कर रहे हैं और इसका उपयोग बिना अनुमति के किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, इन कंपनियों की ऑथराइज्ड कंटेंट का अनुचित उपयोग किया जा रहा है, जिससे उनके बिजनेस इंटरेस्ट को नुकसान हो रहा है।
इंडियन न्यूज़ एजेंसियों ने दिल्ली कोर्ट में OpenAI के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया है। इसमें 20 प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं, जिनमें भारतीय एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स, NDTV, और द हिंदू जैसी संस्थाएँ शामिल हैं। ये कंपनियाँ आरोप लगा रही हैं कि OpenAI के AI Tools, जैसे ChatGPT, उनके कंटेंट को स्क्रैप कर रहे हैं और बिना अनुमति के उसे उपयोग में ला रहे हैं। उनका कहना है कि OpenAI अपनी AI सर्विसेज को ट्रेन करने के लिए इनके कॉपीराइटेड कंटेंट का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे उनकी वेबसाइट्स और अन्य प्लेटफॉर्म्स की असेट्स को खतरा हो रहा है।
हालाँकि OpenAI ने इस मुकदमे पर कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन पहले कई बार कंपनी ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। OpenAI कॉपीराइट के मामले में कहा चुका है कि वह केवल सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा का उपयोग करता है और इसका उद्देश्य किसी भी संगठन या व्यक्ति के कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं करना है। हालांकि, भारतीय और ग्लोबल पब्लिशर यह आरोप लगा रहे हैं कि OpenAI ने उनकी न्यूज़ और अन्य कंटेंट को बिना परमिशन के उपयोग में लिया है, जिससे उनके ट्रैफिक और रेवेन्यू पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
इससे पहले ANI (Asian News International) द्वारा OpenAI के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें उन्होंने भी OpenAI पर ने बिना अनुमति के कंटेंट के उपयोग का आरोप लगाया था। इसके अलावा, अमेरिकन मीडिया ऑर्गेनाइजेशन The New York Times ने भी इसी तरह के आरोपों के तहत OpenAI के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।
पब्लिशर्स और मीडिया कंपनियों का कहना है कि OpenAI जैसे प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव से उनके बिजनेस मॉडल पर खतरा पैदा हो सकता है। इन कंपनियों का मानना है कि यदि AI सिस्टम्स उनके कंटेंट को बिना अनुमति के उपयोग करते हैं, तो यह उनके बिजनेस के लिए बड़ा संकट बन सकता है। ऐसे में, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके कंटेंट सिक्योर रहे और उनका कॉपीराइट बनाए रखा जाए। OpenAI के बढ़ते प्रभाव और खतरे के साथ एक बड़ी चिंता यह भी है, कि ChatGPT बन सकता है AI का Google। यह चिंता का एक बड़ा कारण बन चुका है।
OpenAI पर दायर किए गए मुकदमे से यह स्पष्ट है कि डिजिटल मीडिया कंपनियाँ अपने कंटेंट की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हालांकि OpenAI ने इन आरोपों का खंडन किया है, लेकिन यह कानूनी विवाद भविष्य में इस बात पर प्रकाश डालेगा कि कैसे AI और कॉपीराइट कानूनों का संतुलन बैठाया जा सकता है। इन मुद्दों को हल करना जरूरी है, ताकि टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट और मीडिया कंपनियों के अधिकारों के बीच संतुलन बना रहे।
यह भी पढ़िए: Cajutel Crypto क्यों हैं ट्रेंडिंग और इसकी विशेषता क्या है?रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास 13+ वर्षों का अनुभव है। जिसमें बीते कुछ वर्षों से उनका फोकस विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर रहा है। वे ऑन-चेन मेट्रिक्स, डेफी ट्रेंड्स, प्राइस मूवमेंट्स और टोकनॉमिक्स का व्यावहारिक ज्ञान रखते हैं। उनकी विशेषज्ञता डेटा-ड्रिवन आर्टिकल्स, डीप मार्केट रिसर्च, SEO-ऑप्टिमाइज्ड कंटेंट और इंडस्ट्री-फोकस्ड एनालिसिस तैयार करने में है।
रोहित वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। जहाँ लगातार कंटेंट डिलीवर करके, रोहित ने खुद को हिंदी क्रिप्टो मीडिया स्पेस में एक भरोसेमंद और प्रभावशाली आवाज़ के रूप में स्थापित किया है। उनका कंटेंट रिलायबल डेटा सोर्स, ऑन-चेन टूल्स और मार्केट रिसर्च से प्राप्त फैक्ट्स पर आधारित होता है। वे हर आर्टिकल में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देने को प्राथमिकता देते हैं।
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