एक समय था, जब दुनिया की पारंपरिक वित्तीय संस्थाएं जैसे Bank और Mastercard, Visa और क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया बिल्कुल अलग-अलग चल रही थी, लेकिन अब क्रिप्टोकरेंसी की धीरे-धीरे स्वीकार्यता बढ़ रही है। हाल ही Mastercard ने Stablecoins में पेंमेंट को स्वीकृति देकर सभी को चौंका दिया है। Mastercard के इस कदम से जहां दुनिया में पेंमेंट सिस्टम में एक नए दौर की शुरुआत होगी, वहीं क्रिप्टोकरेंसी के प्रति भी आम लोगों में विश्वास जागेगा। आइए जानते हैं Mastercard के इस फैसले का दुनिया में पेमेंट सिस्टम पर क्या असर हो सकता है।
आपको बता दें कि Mastercard एक वैश्विक भुगतान कंपनी है, जो अपने उपभोक्ताओं को डिजिटल भुगतान की सेवाएं देती है। कंपनी के ग्राहकों में आम लोगों के साथ-साथ बैंक, वित्तीय संस्थाएं और सरकारी संस्थाएं भी शामिल हैं। Mastercard दुनिया की सबसे बड़ी Card Payment कंपनियों में से एक हैं, जो अपने ग्राहकों को Debit Card, Credit Card और Prepaid Card के जरिए लेन-देन की सुविधा देती है। हाल ही में मास्टरकार्ड ने क्रिप्टो वर्ल्ड में प्रवेश करते हुए स्टेबलकॉइन को अपनाने का ऐलान किया है और OKX, Binance और MetaMask जैसे क्रिप्टो वॉलेट की साथ साझेदारी की है। इससे दुनियाभर के ग्राहक अब मास्टरकार्ड से स्टेबलकॉइन के जरिए पेमेंट कर सकते हैं।
Mastercard ने Stablecoins जैसी क्रिप्टोकरेंसी का सिलेक्शन इसलिए किया है क्योंकि ये एक ऐसी डिजिटल करेंसी है, जिसकी कीमत डॉलर जैसी असली मुद्राओं से जुड़ी होती है। इसका मतलब ये है कि Bitcoin जैसी करेंसी की तुलना में Stablecoins में ज्यादा स्थिरता होती है।
इसके अलावा Stablecoins का ट्रांजैक्शन दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। साल 2019 में दुनिया में इसकी ट्रांजैक्शन वॉल्यूम 2 बिलियन डॉलर था, जो साल 2024 तक बढ़कर 27 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो चुका है, जो Visa और Mastercard दोनों से कहीं ज्यादा है। जिस तेजी के साथ Stablecoins से ट्रांजैक्शन बढ़ रहे हैं, ऐसे में भविष्य में मास्टरकार्ड पर अप्रांसगिक होने का खतरा बढ़ सकता है।
मास्टरकार्ड ने ये दांव इसलिए भी लगाया है क्योंकि ट्रेडिशनल नेटवर्क की तुलना में Stablecoins से लेन-देन काफी तेज होने के साथ कम खर्चीला होता है। किसी भी देश में पैसा भेजना बेहद आसान होता है।
इस साझेदारी के बाद OKX, MetaMask, Binance जैसे बड़े क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स के यूजर अपने Stablecoins को Mastercard के जरिए दुनियाभर में फैले 150 मिलियन से अधिक दुकानों या संस्थानों में उपयोग कर सकते हैं। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए Mastercard ने Stablecoin Payments के लिए OKX Card लॉन्च कर दिया है।
जो लोग अभी तक क्रिप्टो वर्ल्ड से दूर हैं, उनके दिमाग में यह सवाल जरूर आ सकता है कि आखिर Stablecoins सेफ है या नहीं। दरअसल अमेरिका सहित कई देश अब स्टेबलकॉइन को रेगुलेट करने वाले कानून ला रहे हैं। हालांकि भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर असमंजस की स्थिति है। थाईलैंड जैसे देश ने USDT और USDC को अपने लोकल एक्सचेंज पर मंजूरी दी है।
Mastercard की यह स्टेबलकॉइन को लेकर ये पहल वास्तव में एक भुगतान सुविधा नहीं है, बल्कि आने वाले समय में भुगतान व्यवस्था में होने वाले बड़े बदलाव का संकेत है। यह साझेदारी ट्रेडिशनल पेमेंट सिस्टम की खामियों को उजागर कर सकती है और लोगों की सुविधाओं को बढ़ा सकती है।
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