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हेल्थ केयर सेक्टर में बड़े बदलाव कर सकता है मेटावर्स

Updated 08-Jan-2025 By: Ashish Sarswat
हेल्थ केयर सेक्टर में बड़े बदलाव कर सकता है मेटावर्स

मेटावर्स, 2024 में मेनस्ट्रीम एडॉप्शन की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हालांकि अभी भी बड़े पैमाने पर इसका एडॉप्शन नहीं हुआ है, लेकिन इसने हेल्थ केयर मार्केट में अपनी जगह बना ली है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट बताती है कि अगले दस सालों में मेटवर्स हेल्थ केयर सेक्टर में अपनी अलग जगह बना लेगा। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में ग्लोबल मेटावर्स हेल्थकेयर मार्केट कि वैल्यू लगभग $8.97 बिलियन से $10.5 बिलियन थी। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि यह 26.3% से 49.3% कि रेट से आगे बढ़ेगा। एक्सपर्ट्स का यह भी अनुमान है कि मेटावर्स मार्केट 2033 तक लगभग $80 बिलियन से $100 बिलियन तक पहुंच जाएगा। इसी अवधि में हेल्थ केयर सेक्टर के लिए मेटावर्स मार्केट $496.23 बिलियन से अधिक का हो जाएगा।

 रिपोर्ट के अनुसार आने वाले सालों में हेल्थ केयर सेक्टर के 4 सेक्टर पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा जिनमें कोलैबोरेशन, ट्रेनिंग, क्लीनिकल केयर और मेन्टल हेल्थ शामिल है। हालाँकि बिग टेक कम्पनियाँ मेटावर्स के हर सेक्टर में सबसे आगे है इनमे हेल्थ केयर सेक्टर भी शामिल है। जिनमे Microsoft, Nvidia, Google और Meta इस क्षेत्र की सबसे उल्लेखनीय कंपनियों में से एक दिखाई देती हैं, जिसमें हेल्थ टेक कंपनियां भी शामिल हैं। अनुमान है कि आने वाले सालों में और भी कई बड़े नाम शामिल हो सकते है। 

भारत भी नहीं है इसमें पीछे 

हेल्थ केयर सेक्टर में मेटावर्स के बढ़ते उपयोग का असर न सिर्फ ग्लोबल लेवल पर बल्कि भारत में भी देखा जा रहा है। भारत के जाने माने Apollo Hospitals Group ने मेटावर्स का उपयोग करके भारत में हेल्थ केयर का विस्तार करने के लिए 8chili Inc के साथ सहयोग किया है। वहीँ हैदराबाद में Yashoda Hospitals Group ने भी एक एक्सपीरियंस जोन स्थापित करने के लिए Decentraland पर जमीन खरीदी है। 

इस तरह हॉस्पिटल चेन्स  मेटावर्स में निवेश करके हेल्थ केयर में सुधार की उम्मीद कर रही हैं।उम्मीद है की आने वाले सालों में भारत के अन्य हॉस्पिटल चेन्स भी इसमें शामिल हो सकते है। बता दें कि पिछले कुछ सालों में भारत में मेटावर्स इंडस्ट्री ने काफी विस्तार किया है और इसका एडॉप्शन बढ़ता जा रहा है। जिसमे हेल्थ केयर के साथ अन्य सेक्टर में भी मेटावर्स एडॉप्शन बढ़ा है। इसके साथ ही भारत, अन्य टेक्नोलोजी जैसे ब्लॉकचैन और AI में भी आगे बढ़ रहा है और उन्हें तेजी से अपना रहा है। 

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