Argentina के राष्ट्रपति Xavier Milei ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए LIBRA Scandal की जांच कर रही Task Force को भंग कर दिया है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति Xavier Milei ने खुद ही Libra Project को सोशल मीडिया पर प्रमोट किया था। एक समय LIBRA Token की कीमत आसमान छूते हुए $5 बिलियन के Market Cap तक पहुंच गई थी, लेकिन अचानक इसके दाम गिरने लगे और यह अर्श से फर्श पर आ गया। अब LIBRA Token की कीमत जीरो पर आ चुकी है। Argentina में इस LIBRA Scandal के बाद राष्ट्रपति Xavier Milei लगातार विपक्ष के निशाने पर थे, लेकिन अब अचानक जांच बंद करने के फैसले ने आग में घी डालने का काम किया है।
LIBRA एक Memecoin था, जिसे कुछ प्रमोटर्स ने Digital Entrepreneurs के लिए एक ‘Option’ बताकर प्रचारित किया था और बाद में इस मुहिम में राष्ट्रपति Xavier Milei भी जुड़ गए थे और उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X (पूर्व ट्विटर) पर शेयर किया था, जिसके बाद LIBRA Token की कीमत 0 से $5 तक पहुंच गई। इस तेजी के बाद भारी संख्या में लोगों ने निवेश किया, लेकिन जल्द ही इसका Market Crash हो गया और निवेशकों को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 15,000 वॉलेट्स को $1,000 से ज्यादा का घाटा हुआ, जिसमें कुल नुकसान $251 मिलियन से अधिक का बताया जा रहा है।
जब इस LIBRA Scandal में राष्ट्रपति Xavier Milei का नाम भी सामने आया तो सियासत गर्मा गई। अर्जेंटीना में LIBRA Meme Coin Scam की हाई लेवल जांच शुरू की गई। फरवरी 2025 में ‘यूटीआई’ (Unit of Taskforce Investigation) नाम से एक टास्क फोर्स का गठन किया, लेकिन अब राष्ट्रपति Xavier Milei और Justice Minister Mariano Cúneo Libarona ने एक डिक्री साइन करके उसी टॉस्क फोर्स को भी भंग कर दिया है। सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जांच टीम ने अपना काम पूरा कर लिया है, वहीं विपक्ष का आरोप है कि यह फैसला सच्चाई को दबाने की कोशिश है।
विवाद बढ़ने पर Argentina के राष्ट्रपति Xavier Milei ने मीडिया से कहा कि मैंने किसी को निवेश के लिए प्रेरित नहीं किया, बल्कि सोशल हैंडल पर ‘सिर्फ शेयर किया था’। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस घोटाले में ‘अधिकतम 5,000 लोग’ प्रभावित हुए, जिनमें ज्यादातर अमेरिकी और चीनी हैं और अर्जेंटीना में सिर्फ 4 से 5 लोगों को ही नुकसान पहुंचा है। हालांकि वास्तविक स्थिति बिल्कुल अलग है। Blockchain Data से पता चलता है कि नुकसान काफी बड़ा है और अर्जेंटीना में ही हजारों लोगों की जमा पूंजी इस घोटाले में साफ हो गई है।
LIBRA Scandal जैसी घटनाओं के साफ पता चलता है कि बिना रेगुलेशन के Cryptocurrency कितनी खतरनाक हो सकती है। जब एक देश का राष्ट्रपति खुद किसी टोकन को प्रमोट करे और बाद में उससे पल्ला झाड़ ले तो जनता का विश्वास टूटना लाज़मी है। Argentina के इस मामले से सबक लिया जा सकता है। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्पष्ट कानून, पारदर्शी जांच प्रणाली और निवेशकों की सुरक्षा बेहद जरूरी है, वरना आने वाले समय में बड़े आर्थिक घोटाले हो सकते हैं।
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