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जॉब मिलने के चांस को कम कर देता है ChatGPT से बना Resume

Published:May 07, 2024 Updated:April 26, 2025
Author: Rohit Tripathi
जॉब मिलने के चांस को कम कर देता है ChatGPT से बना Resume

अगर आप जॉब पाना चाहते हैं और ChatGPT से अपना Resume क्रिएट करते हैं, तो समझ लीजिये आपके नौकरी मिलने के चांस काफी कम हो जाएंगे। यह बात हम नहीं बल्कि Google की पूर्व कर्मचारी ने कही है। दरअसल सैन फ्रांसिस्को में 10 सालों तक Google के साथ काम करने वाली Nupur Dave ने हाल ही में अपने बयान में यह जानकारी दी है। Nupur Dave 10 सालों तक US में टेक जायंट Google के साथ काम करने के बाद अब बेंगलुरु में रह रही हैं। Nupur ने कहा कि जो लोग नौकरी की चाह रखते हैं, उन्हें अपना बायोडाटा या Resume बनाने के लिए पूरी तरह ChatGPT जैसे AI चैटबॉट्स की सहायता नहीं लेना चाहिए। 

गूगल की पूर्व कर्मचारी ने कहा कि ChatGPT में उपयोग की जाने वाली अंग्रेजी लैंग्वेज अमेरिकी इंग्लिश की तरह लगती है, जो काफी हार्ड होती हैं, जबकि भारतीय इंग्लिश काफी सिंपल होती हैं। साथ ही अगर कोई भी जॉब की तलाश करने वाला व्यक्ति बायोडाटा क्रिएट करने के लिए ChatGPT जैसे चैटबॉट्स का उपयोग करता हैं तो ये क्रिएट किये गए Resume, दिखने और पढने में काफी बोरिंग भी लगते हैं। वहीँ एम्प्लॉयर इनमें उपयोग की जाने वाली लैंग्वेज से ही इस बात का पता लगा लेते हैं कि यह किसी चैटबॉट से क्रिएट किया गया है। क्योंकि मशीनी लैंग्वेज पढ़ने में काफी कठिन लगती है, साथ ही वर्तमान में मौजूद टूल्स भी इन्हें बढ़ी सरलता से कैच कर लेते हैं, जो किसी जॉब को पाने की पहली स्टेप में ही आपको बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं।

ChatGPT जैसे चैटबॉट्स एम्प्लॉयर की नजर में आपको बनाते हैं आलसी 

Coin Gabbar के अनुसार वर्तमान में बढ़ते ChatGPT जैसे चैटबॉट्स ने यूजर्स को आलसी बना दिया है। आज हर व्यक्ति अपनी छोटी से छोटी जरूरतों के लिए AI चैटबॉट्स का उपयोग कर रहा है, जिसमें डिजाइन बनाना, कंटेंट लिखने, PPT तैयार करना, वीडियों बनाना आदि शामिल हैं। आज इंटरनेट पर भी आपको ढेर सारे AI टूल्स मिल जाएंगे जो आपको इन बताए गए कार्यों को पूरा करने के लिए आकर्षक विकल्प उपलब्ध कराते हैं। इतना ही नहीं कई बड़ी टेक फर्म्स भी अब AI टूल्स के निर्माण की दिशा में काम कर रही हैं, जिनमें Google, xAI और OpenAI लीडिंग फर्म्स शामिल है। ChatGPT से जुड़े कई सारे अपडेट वर्जन भी आ चुके हैं, जिनके उपयोग ने यूजर्स को आलसी बना दिया हैं। 

आज बढ़ते चैटबॉट के उपयोग ने AI कंटेंट वेरिफिकेशन वाले टूल्स के निर्माण की आवश्यकता को भी बढाया है। इंटरनेट पर मौजूद Grammarly और Duplichecker जैसे कंटेंट चेक करने वाले प्लेटफ़ॉर्म अब AI कंटेट चेकर ऑप्शन की पेशकश भी यूजर्स के लिए कर रहे हैं। जिससे किसी के लिए भी AI कंटेंट की पहचान करना आसान हो जाता है। एम्प्लॉयर भी आज अपने एम्प्लॉई की तलाश करते समय सभी पहलुओं की जांच करता है। ऐसे में बढ़ता AI टूल्स का उपयोग उन्हें AI चेकर टूल्स का उपयोग करने के लिए भी मजबूर करता है। परिणाम यह होता है कि AI चैटबॉट द्वारा बनाई गई कोई भी जानकारी सीधे तौर पर पकड़ में आ जाती हैं। यह एम्प्लॉयर की नजर में आपको आलसी भी साबित करती हैं। 

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Author: Rohit Tripathi

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास 13+ वर्षों का अनुभव है। जिसमें बीते कुछ वर्षों से उनका फोकस विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर रहा है। वे ऑन-चेन मेट्रिक्स, डेफी ट्रेंड्स, प्राइस मूवमेंट्स और टोकनॉमिक्स का व्यावहारिक ज्ञान रखते हैं। उनकी विशेषज्ञता डेटा-ड्रिवन आर्टिकल्स, डीप मार्केट रिसर्च, SEO-ऑप्टिमाइज्ड कंटेंट और इंडस्ट्री-फोकस्ड एनालिसिस तैयार करने में है।

रोहित वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। जहाँ लगातार कंटेंट डिलीवर करके, रोहित ने खुद को हिंदी क्रिप्टो मीडिया स्पेस में एक भरोसेमंद और प्रभावशाली आवाज़ के रूप में स्थापित किया है। उनका कंटेंट रिलायबल डेटा सोर्स, ऑन-चेन टूल्स और मार्केट रिसर्च से प्राप्त फैक्ट्स पर आधारित होता है। वे हर आर्टिकल में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देने को प्राथमिकता देते हैं।

रोहित का मिशन है, हिंदी भाषा में हाई क्वालिटी वाला, फैक्चुअल और अप-टू-डेट क्रिप्टो कंटेंट प्रदान करना, जिससे रीडर्स डिजिटल फाइनेंस की दुनिया में स्मार्ट निर्णय ले सकें।

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