क्रिप्टोकरेंसी और NFT की दुनिया में लगातार नए प्लेटफॉर्म्स सामने आ रहे है। जहां कुछ वाकई इनोवेटिव और उपयोगी प्रोजेक्ट हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो हाई रिटर्न और तेजी से पैसा कमाने के दावे कर इन्वेस्टर्स को आकर्षित करते हैं। वहीं हाल ही में NFT की दुनिया एक प्रोजेक्ट काफी चर्चा में है, जिसका नाम Treasure NFT है। इसे लेकर भी कई ऐसे फैक्ट्स मिल रहे है, जो इसे शक के घेरे में डालते है।
हालांकि Treasure NFT को लेकर अब तक कोई ऑफिशियल स्कैम सामने नहीं आये है, लेकिन इसके काम करने के तरीके, वादों और यूज़र्स के एक्सपीरियंस को देखते हुए इसे लेकर कई गंभीर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि हम इसके पीछे के फैक्ट्स को फेयरनेस के साथ समझें। ना कि इसे सीधे स्कैम कह कर पूरी तरह से अनसेफ मान लें। तो आइये विस्तार से जानते है, क्या है इस प्रोजेक्ट के पीछे का राज।
हाई रिटर्न के दावे: Treasure NFT खुद को एक NFT Trading Platform के रूप में प्रेजेंट करता है, जो 4.3% से 6.8% तक का डेली रिटर्न और 30% तक का मंथली रिटर्न देने का दावा करता है। लेकिन क्रिप्टो और NFT जैसे अनस्टेबल मार्केट्स में इतने स्टेबल और हाई रिटर्न का दावा करना कुछ हद तक असामान्य माना जाता है।
वहीं NFT Market में प्रॉफिट किसी भी ट्रेडिंग एक्टिविटी, मार्केट डिमांड और प्रोजेक्ट वैल्यू पर निर्भर करता है और यहां रिटर्न की गारंटी देना खुद में एक रेड फ्लैग माना जाता है। क्योंकि किसी भी वैलिड इन्वेस्टमेंट माध्यम में इतनी स्टेब्लिटी संभव नहीं होती है।
रेफरल मॉडल:Treasure NFT का बिज़नेस मॉडल रेफरल इन्कम पर बहुत अधिक निर्भर है। प्लेटफॉर्म नए यूज़र्स को जोड़ने पर 11% तक का डायरेक्ट कमीशन देता है और साथ ही मल्टी-लेवल बोनस का भी वादा करता है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या प्लेटफॉर्म का फोकस NFT Trading है या सिर्फ लोगों को जोड़कर पैसा इकट्ठा करना?
ऐसा मॉडल Bitconnect जैसी पुरानी स्कीम्स की याद दिलाता है, जहाँ शुरुआत में कुछ लोगों को लाभ मिला, लेकिन अंत में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। जब इनकम का मेन सौर्स रेफरल हो और प्रोडक्ट/सर्विस सेकेंडरी लगे, तो ये एक फ्रॉड का बड़ा संकेत हो सकता है।
ट्रांसपेरेंसी की कमी: क्रिप्टो और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी खासियत उसकी ट्रांसपेरेंसी होती है, लेकिन Treasure NFT इस मामले में पीछे नजर आता है। इसके फाउंडर्स और टीम के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। वेबसाइट पर दी गई लोकेशन Tempe, Arizona है, लेकिन कुछ ऑनलाइन रिपोर्ट्स इसे एक रशियन म्यूजिक एकेडमी से लिंक करती हैं।
LinkedIn पर जुड़े कुछ प्रोफाइल भी सस्पिशियस पाए गए हैं। साथ ही, प्लेटफॉर्म की फंक्शनलिटी (जैसे NFT कैसे खरीदे-बेचे जा रहे हैं, ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड्स, AI एल्गोरिदम आदि) के बारे में भी कोई टेक्निकल डिटेल नहीं मिलती है।
विड्रॉल और कस्टमर सपोर्ट: कई यूज़र्स ने Treasure NFT से जुड़ी अपनी परेशानियों को सोशल मीडिया और फोरम्स पर शेयर किया है। जिसमें सबसे आम शिकायत है, Treasure NFT Withdrawal में देरी या पूरी तरह ब्लॉक हो जाना। कुछ लोगों ने लिखा है कि उन्होंने अपना पैसा निकालने की कोशिश की, लेकिन अकाउंट “फ्रीज़” हो गया या कोई फीडबैक नहीं मिला है।
ऐसे में, यूज़र्स के बीच यह डाउट बढ़ रहा है कि कहीं उनका इन्वेस्टमेंट फँस तो नहीं गया। एक यूज़र्स ने बताया कि उसने $1,200 का इन्वेस्टमेंट किया था। लेकिन विड्रॉल के समय उसे कोई जवाब नहीं मिला।
नकली रिव्यू: Treasure NFT को लेकर Trustpilot और X जैसी साइट्स पर मिले-जुले रिव्यूज हैं। पॉज़िटिव रिव्यूज़ में बड़ा प्रॉफिट और आसान एक्सपीरियंस की बातें की जाती हैं, लेकिन कई रिव्यू नए बने अकाउंट्स से आए हैं। जिससे उनकी ऑथेंटिसिटी पर सवाल उठता है। वहीं दूसरी ओर, पुराने और रियल यूज़र्स की शिकायतें काफी सीरियस नजर आती हैं।
Treasure NFT को लेकर अब तक जो फैक्ट्स सामने आए हैं, वे सीधे तौर पर इसे फ्रॉड या स्कैम घोषित नहीं करते, लेकिन इन्हें देखते हुए इन्वेस्टर्स को सतर्क हो जाना चाहिए। अनरियलिस्टिक रिटर्न का दावा, रेफरल-बेस्ड बिज़नेस मॉडल, ट्रांसपेरेंसी की कमी, विड्रॉल में परेशानी और सस्पिशियस रिव्यू ये सभी संकेत एक ऐसे सिस्टम की ओर इशारा करते हैं जहाँ कुछ छिपा हुआ हो सकता है। यदि यह प्लेटफॉर्म सच में वैलिड है, तो उसे चाहिए कि वह अपनी ट्रांसपेरेंसी को बढ़ाए, यूज़र्स की समस्याओं का समाधान करे और पूरी तरह से ब्लॉकचेन-बेस्ड डेटा को पब्लिक करे। वरना, मौजूदा संकेत इसे एक हाई-रिस्क इन्वेस्टमेंट की केटेगरी में रखते हैं और जिससे लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी उठते है कि,Treasure NFT सेफ है स्कैम। इसलिए इन्वेस्ट करने से पहले डीप रिसर्च और सावधानी रखना ज़रूरी है।
यह भी पढ़िए: Shiba Inu Price में दिख रही है वृद्धि, क्या है इसकी वजहसाक्षी मोदी एक स्किल्ड क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका बैकग्राउंड जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में है। वह ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे कॉम्प्लेक्स टॉपिक्स को आसान और क्लियर भाषा में एक्सप्लेन करने में माहिर हैं। साक्षी करीब एक साल से क्रिप्टो इंडस्ट्री में SEO-ऑप्टिमाइज्ड आर्टिकल्स, ब्लॉग्स और न्यूज स्टोरीज़ लिख रही हैं, जिनमें टेक्निकल इनसाइट और क्रिएटिविटी का बैलेंस होता है।
उनका फोकस हमेशा ऑथेंटिक सोर्सेस और डेटा-बेस्ड रिसर्च पर रहता है, जिससे उनका कंटेंट भरोसेमंद और इनफॉर्मेटिव बनता है। साक्षी की राइटिंग स्टाइल आसान शब्दों में डीप नॉलेज देने पर टिकी है, जिससे नए और प्रोफेशनल दोनों तरह के रीडर्स को फायदा होता है।
तेजी से बदलती क्रिप्टो दुनिया में वह खुद को एक ट्रस्टेड और ग्रोइंग वॉइस के रूप में स्थापित कर रही हैं।
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