भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे विवाद के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। इस बार मामला उनके परिवार की एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी World Liberty Financial (WLF) से जुड़ा है, जिसने हाल ही में Pakistan Crypto Council के साथ एक बड़ी डील की है। इस डील से दोनों देशों के बीच पॉलिटिकल बैलेंस पर नए सवाल खड़े हो गए हैं, खासकर तब जब Trump ने खुद को भारत-पाक के बीच "मीडिएटर" के रूप में पेश करने की कोशिश की थी।
World Liberty Financial, जिसमें Trump Family की 60% इक्विटी है, जिसने पाकिस्तान में नई बनी Pakistan Crypto Council के साथ एक हाई-प्रोफ़ाइल क्रिप्टो डील साइन की है। इस काउंसिल का उद्देश्य है पाकिस्तान को साउथ एशिया का डिजिटल फाइनेंस हब बनाना। वहीं WLF के रिप्रेजेंटेटिव, Trump के करीबी बिजनेसमेन Steve Witkoff के बेटे Zachary Witkoff, इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से भी मिले है।
इस पार्टनरशिप के तहत पाकिस्तान में ब्लॉकचेन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जाएगा, स्टेबलकॉइन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और Decentralized Finance सर्विसेस आम नागरिकों तक पहुंचाई जाएंगी। पाकिस्तानी मीडिया Dawn ने इसे देश के लिए "डिजिटल फाइनेंस की दुनिया में कदम रखने के लिए ऐतिहासिक मौका बताया है।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही Crypto Exchange Binance के Founder CZ Pakistan Crypto Council के Advisor बने है।
इस डील के सामने आते ही भारत में कई स्ट्रेटेजिक और पॉलिटिकल सर्कल्स में चिंता बढ़ गई है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या Trump अपने बिजनेस इंटरेस्ट के चलते पाकिस्तान को लाभ पहुंचा रहे हैं? क्या उनका मिडिएशन का प्रपोजल सच में न्यूट्रल था?
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि, यह डील तब की गई है, जब कुछ ही दिन पहले कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमला हुआ था, जिसमें धर्म पूछकर आतंकियों ने मासूमों की जान ली थी। इस घटना को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना के पीछे पाकिस्तान के सेना प्रमुख का हाथ था और वही ऑफिसर्स Trump की कंपनी के रिप्रेजेंटेटिव से हाल ही में मिले थे।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि WLF के ज़रिए ट्रंप अपने पॉलिटिकल इफेक्ट और प्राइवेट बिजनेस को एकसाथ मिलाकर एक नया मॉडल बना रहे हैं, जिससे प्रेसिडेंशियल ट्रेडिशंस पर सवाल उठने लगे हैं। भारत में यह चिंता बढ़ती जा रही है कि इस प्रकार के प्राइवेट फैमिली बिजनेस अलायन्स से साउथ एशिया की पॉलिटिकल स्टेब्लिटी को नुकसान पहुंच सकता है।
Donald Trump और उनकी फैमिली की पाकिस्तान के क्रिप्टो प्रोजेक्ट में पार्टनरशिप सिर्फ एक इकॉनोमिक सौदा नहीं, बल्कि एक कॉम्प्लेक्स पॉलिटिकल संकेत भी है। भारत के लिए यह चिंता का विषय है कि इस डील के पीछे स्ट्रेटेजिक ऑब्जेक्टिव भी हो सकते हैं, जिससे रीजनल बैलेंस बिगड़ सकता है। इस डील को ध्यान में रखकर भारत को न केवल सतर्क रहना होगा बल्कि अपनी डिप्लोमेटिक स्ट्रेटेजी को भी और मजबूत करना होगा, ताकि डिजिटल फाइनेंस की दौड़ में वह अपने हितों की रक्षा कर सके।
यह भी पढ़िए: FTX का $5B डिस्ट्रीब्यूशन शुरू, जानिए कैसे और कब मिलेगा पैसासाक्षी मोदी एक स्किल्ड क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका बैकग्राउंड जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में है। वह ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे कॉम्प्लेक्स टॉपिक्स को आसान और क्लियर भाषा में एक्सप्लेन करने में माहिर हैं। साक्षी करीब एक साल से क्रिप्टो इंडस्ट्री में SEO-ऑप्टिमाइज्ड आर्टिकल्स, ब्लॉग्स और न्यूज स्टोरीज़ लिख रही हैं, जिनमें टेक्निकल इनसाइट और क्रिएटिविटी का बैलेंस होता है।
उनका फोकस हमेशा ऑथेंटिक सोर्सेस और डेटा-बेस्ड रिसर्च पर रहता है, जिससे उनका कंटेंट भरोसेमंद और इनफॉर्मेटिव बनता है। साक्षी की राइटिंग स्टाइल आसान शब्दों में डीप नॉलेज देने पर टिकी है, जिससे नए और प्रोफेशनल दोनों तरह के रीडर्स को फायदा होता है।
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