OM Token Crash के बाद Mantra ने एक्सचेंजों से मांगा सहयोग
क्रिप्टो इंडस्ट्री में हाल ही में एक बड़ी हलचल उस समय मची जब Decentralized Finance (DeFi) Platform Mantra का नेटिव टोकन OM भारी गिरावट का शिकार हुआ। इस अनएक्सपेक्टेड प्राइस ड्रॉप ने इंडस्ट्री में रिस्क मैनेजमेंट, लीवरेज ट्रेडिंग और ट्रांसपेरेंसी को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। Mantra ने इसे केवल एक कंपनी की समस्या नहीं बल्कि पूरी इंडस्ट्री के लिए चेतावनी बताया है और कोलेबरेटिव एफर्ट का आह्वान किया है।
OM Token Crash, एक सिस्टेमेटिक वॉर्निंग
13 April को OM Token Price में भारी गिरावट आई, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। Mantra के CEO John Mallin ने कहा कि यह सिर्फ उनके प्रोजेक्ट की नहीं, बल्कि पूरे DeFi Industry की वीकनेस को हाईलाइट करता है। उन्होंने इस गिरावट के पीछे “अग्रेसिव लीवरेज पोजीशंस” को ज़िम्मेदार ठहराया, जो विभिन्न एक्सचेंजों पर निवेशकों को एक्सेसिव रिस्क उठाने की परमिशन देती हैं।
एक्सचेंजों से सहयोग की अपील
Mantra ने प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों से यह अनुरोध किया है कि वे अपने लीवरेज पॉलिसियों को रिव्यु करें और यह समझें कि ऐसी पॉलिसीज़ पूरी इंडस्ट्री के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं। हालांकि Mantra ने किसी विशेष एक्सचेंज का नाम नहीं लिया, लेकिन सोशल मीडिया पर OKX को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
गवर्नेंस और डिसेंट्रलाइजेशन की दिशा में कदम
Mantra (Om) Token Crash के बाद Mantra ने अपने Blockchain की गवर्नेंस को सुधारने और अधिक डिसेंट्रलाइजेशन की दिशा में कार्य शुरू किया है। कंपनी ने घोषणा की है कि 2025 के Q2 तक इंटरनल वेलिडेटरों की संख्या आधी कर दी जाएगी और 50 एक्सटर्नल पार्टनर वेलिडेटर जोड़े जाएंगे। इससे नेटवर्क अधिक सिक्योर और ट्रांसपेरेंट होगा।
टोकन बर्न और ट्रांसपेरेंसी
Mantra ने 15 करोड़ OM Token स्थायी रूप से बर्न कर दिए हैं जिससे टोकन की टोटल सप्लाई में कमी आई है। साथ ही, कंपनी ने एक रीयल-टाइम डैशबोर्ड लॉन्च किया है जो निवेशकों को टोकन का स्टेटस और सप्लाई से जुड़ी इन्फॉर्मेशन ट्रांसपेरेंट तरीके से प्रोवाइड करता है।
टेक्निकल स्ट्रेंथ के लिए Omstead Testnet
टेक्निकल पर्सपेक्टिव से Mantra ने “Omstead” नामक एक नया Ethereum Virtual Machine (EVM)-Compatible Testnet लॉन्च किया है। यह टेस्टनेट सिस्टम की मजबूती को जांचने और इम्प्रूव करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारी ट्रांजैक्शन वॉल्यूम के बावजूद Mantra का Blockchain बिना किसी रुकावट के काम करता रहा।
कन्क्लूजन
Mantra का रिस्पांस यह दर्शाता है कि क्रिप्टो इंडस्ट्री को अब एकजुट होकर पॉलिसी मेकिंग, रिस्क मैनेजमेंट और ट्रांसपेरेंसी पर ध्यान देना होगा। जबकि एक्सचेंजों की चुप्पी चिंता का विषय है, वहीं Mantra के CEO ने OM Coin Recovery को टॉप प्रायोरिटी बताया और रिकवरी की दिशा में सही कदम उठाते हुए यह पहला प्रयास किया है। यदि पूरी इंडस्ट्री ने इस वॉर्निंग को गंभीरता से नहीं लिया, तो भविष्य में और भी गंभीर क्रैश देखने को मिल सकते हैं।