WazirX News, रिफंड न मिलने पर उठ रहे बड़े सवाल
भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक, WazirX इस समय विवादों में घिरा हुआ है। जुलाई 2024 में हुए $235 मिलियन के बड़े साइबर अटैक के बाद से अब तक प्रभावित यूजर्स को रिफंड नहीं मिला है। इससे न केवल यूजर्स का भरोसा हिला है, बल्कि यह पूरा मामला भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन और कंज्यूमर प्रोटेक्शन पर भी गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।
क्या WazirX भारतीय यूजर्स के पैसे रिफंड करेगा?
WazirX की मूल कंपनी Zettai ने हाल ही में दावा किया कि वह अपने सभी क्रेडिटर्स और यूजर्स को फंड लौटाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, कंपनी अब तक यह नहीं बता सकी है कि रिफंड कब और कैसे किया जाएगा।
WazirX द्वारा “रिकवरी टोकन” के ज़रिए रिफंड की योजना बताई गई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रभावित यूजर्स को इन टोकनों के माध्यम से पार्शियल पेमेंट किया जाएगा। लेकिन सिंगापुर हाई कोर्ट द्वारा स्कीम ऑफ अरेंजमेंट को खारिज किए जाने के बाद यह पूरा प्लान अधर में लटक गया है।
अब तक क्या घटा?
- जुलाई 2024: WazirX Hack में $235 मिलियन चोरी किए गए।
- 2024 के अंत तक: कंपनी ने “तकनीकी गड़बड़ी” बताकर घटना को छोटा बताया, लेकिन यूजर्स को रिफंड नहीं मिला।
- 2025: Zettai ने सिंगापुर कोर्ट में SUM 940 स्कीम ऑफ अरेंजमेंट दाखिल की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
- जून 2025: कंपनी ने “फर्दर आर्ग्युमेंट्स” की अर्जी दी, लेकिन कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं बताया गया।
- शिफ्टिंग: Zettai ने खुद को Panama में Zensui Corporation के रूप में रजिस्टर करा लिया।

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इस पूरी प्रक्रिया में यूजर्स को कोई ट्रांसपेरेंट अपडेट या फाइनेंशियल रिपोर्ट नहीं दी गई, जिससे नाराजगी और संदेह और बढ़ा है।
आगे क्या है योजना?
WazirX और Zettai का कहना है कि वे अदालत के समक्ष फिर से दलीलें पेश कर रहे हैं। उनका दावा है कि कंपनी लीगल ऑप्शन्स की समीक्षा कर रही है और एक नया Decentralized Exchange लॉन्च करने का इरादा रखती है। साथ ही Recovery Token की योजना को दोबारा कोर्ट में वैधता दिलाने की कोशिश की जा रही है।
हालाँकि, अभी तक कोई नई टाइमलाइन सामने नहीं आई है और ना ही कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने कोई स्पष्ट पब्लिक स्टेटमेंट दिया है। यह मौन रवैया यूजर्स के गुस्से को और हवा दे रहा है।
कैसे खतरे में है एक्सचेंज से जुड़े भारतीय क्रिप्टो यूजर्स का भविष्य?
WazirX की Panama शिफ्टिंग का फैसला यह संकेत देता है कि कंपनी अब भारत के किसी भी रेगुलेटरी सिस्टम के अधीन नहीं है। इस स्थिति में भारतीय यूजर्स:
- किसी कानूनी सुरक्षा के दायरे में नहीं आते।
- कंपनी से रिफंड पाने का कोई स्पष्ट कानूनी तरीका नहीं है।
- कोई ट्रिब्यूनल या रेगुलेटरी बॉडी उन्हें सहायता नहीं दे सकती।
यह स्थिति भारत में क्रिप्टो निवेश को बेहद असुरक्षित बनाती है। आज कोई भी विदेशी क्रिप्टो कंपनी भारत में कारोबार शुरू कर सकती है, पैसे इकट्ठा कर सकती है और फिर बिना जवाबदेही के विदेश में ऑपरेशन चला सकती है।
क्या सरकार कोई कठोर कदम उठाएगी?
अब तक भारत सरकार या उनके अधिनस्त कार्य करने वाली FIU जैसी एजेंसियों ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। यह एक चिंताजनक संकेत है।
CoinDCX के CEO Sumit Gupta ने एक ट्वीट में इस स्थिति को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए कहा था कि भारत सरकार को तुरंत सख्त रेगुलेशन लाने की जरूरत है। अगर क्रिप्टो सेक्टर में ऐसा ही लचर रवैया जारी रहा, तो आम निवेशक हमेशा जोखिम में रहेगा।
CoinDCX जैसे बड़े एक्सचेंज के CEO का भारत में क्रिप्टो के प्रति स्थिति को लेकर चिंता जताना, यूजर्स को और भी ज्यादा नाराज कर रहा है और यह नाराजगी केवल WazirX को लेकर नहीं है, बल्कि क्रिप्टो पर सरकार के स्टेंड को लेकर भी है।
WazirX यूजर्स के साथ हुआ धोखा?
एक भारतीय निवेशक और क्रिप्टो एनालिस्ट होने के नाते, मेरा मानना है कि:
- WazirX ने यूजर्स के विश्वास के साथ खिलवाड़ किया है।
- रिकवरी टोकन एक स्मार्ट लेकिन भ्रमजनक समाधान है, जब तक कि उसकी वैल्यू, ट्रेडिंग मॉडल और पेमेंट शेड्यूल पारदर्शी न हो।
- सरकार की निष्क्रियता इस स्थिति को और गंभीर बना रही है।
- क्रिप्टो सेक्टर को एक कड़े और स्पष्ट रेगुलेटरी ढांचे की तत्काल जरूरत है।
कन्क्लूजन
WazirX का $235 मिलियन हैक और उसके बाद की धीमी, अस्पष्ट और गैर-पारदर्शी प्रतिक्रिया भारत के क्रिप्टो निवेश पर काले बादल की तरह छाई हुई है।
यह केवल एक एक्सचेंज की कहानी नहीं है, यह पूरे सिस्टम की ज़िम्मेदारी की परीक्षा है। जब तक सरकार और रेगुलेटर्स कठोर कदम नहीं उठाते, तब तक लाखों निवेशकों की मेहनत की कमाई ऐसे ही जोखिम में रहेगी।अब वक्त है, जवाबदेही तय करने का, रिफंड की मांग को जोर देने का और भारत में क्रिप्टो को सुरक्षित बनाने का।