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AUSTRAC ने Cointree पर लगाया $75K का Fine, जानें पूरा मामला

Published:May 19, 2025 Updated:May 19, 2025
Author: Sandeep Chourey
AUSTRAC ने Cointree पर लगाया $75K का Fine, जानें पूरा मामला

क्रिप्टो एक्सचेंज Cointree पर ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी AUSTRAC ने रिपोर्टिंग में चूक को लेकर $75,120 (लगभग 62 लाख रुपए) का जुर्माना लगाया है। ऑस्ट्रेलियन ट्रांजैक्शन रिपोर्ट्स एंड एनालिसिस सेंटर (AUSTRAC) ने यह कार्रवाई तब की है, जब क्रिप्टो एक्सचेंज Cointree ने खुद यह जानकारी दी कि वह संदिग्ध लेन-देन की रिपोर्ट (Suspicious Matter Reports - SMRs) समय सीमा के अंदर नहीं दे सका। आपको बता दें कि Suspicious Matter Reports एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर टेररिज्म फाइनेंसिंग एक्ट 2006 (AML/CTF Act) के तहत समय सीमा के अंदर देना अनिवार्य होता हैं। आपको बता दें कि भारत में भी हाल ही में सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों को 30 जून से पहले KYC अपडेट करवाने के आदेश दिए गए हैं। 

Cointree पर क्यों लगा भारी जुर्माना, समझें पूरा मामला

Cointree Pty Ltd ने खुद स्वीकार किया कि वह समय पर Suspicious Matter Reports (SMRs) नहीं भेज पाया, जिसकी जानकारी AUSTRAC को दी गई। इस खुलासे के बाद जांच एजेंसी ने इस मामले की पूरी जांच की और यह निष्कर्ष निकाला कि Cointree ने AML/CTF नियमों का उल्लंघन किया है। ऑस्ट्रेलियाई जांच एजेंसी AUSTRAC के CEO Brendan Thomas ने स्पष्ट किया कि SMRs समय पर न भेजने से कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आवश्यक जानकारी समय पर नहीं मिल पाती, जिससे Anti Money Laundering और Terrorism Financing के खिलाफ जांच और कार्रवाई में देरी होती है।

कंपनी ने खुद अपनी गलती पकड़ी, इसलिए नहीं लगा ज्यादा जुर्माना

चूंकि इस मामले में Cointree ने खुद अपनी गलती को पकड़ा और स्वीकार भी किया है। इस कारण उस पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि जुर्माना लगाकर मामला को खत्म कर दिया गया है। Cointree ने पूरा जुर्माना की पूरी राशि का भुगतान भी कर दिया है, हालांकि इस भुगतान को किसी अपराध की स्वीकृति नहीं माना गया है।

क्या है ऑस्ट्रेलिया का AML/CTF कानून 

ऑस्ट्रेलिया के  AML/CTF कानून 2006 के तहत एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर टेररिज्म फाइनेंसिंग जैसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाती है। ऑस्ट्रेलिया में इस कानून के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के संदेह पर Suspicious Matter Reports 3 दिनों में भेजना अनिवार्य है। वहीं टेरर फंडिंग के संदेह पर यह रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर देना अनिवार्य है। Cointree ने यह रिपोर्ट्स समय पर नहीं दीं, जिससे यह जुर्माना लगाया गया है। ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी AUSTRAC ने बताया कि अगर Cointree यह जानकारी छिपाता तो मामला काफी गंभीर हो सकता था। फिलहाल कंपनी अपने सिस्टम्स और नियंत्रण को बेहतर करने की दिशा में सख्त कदम उठा रही है।

क्या भारत ले सकता है बड़ी सीख?

इस पूरे मामले में भारत भी बड़ी सीख ले सकता है। भारत में क्रिप्टो एक्सचेंजेस को सख्त रेगुलेशन का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में भारत-पाक तनाव के बाद भारत सरकार और वित्तीय खुफिया इकाई FIU-IND ने जम्मू-कश्मीर और सीमावर्ती इलाकों से जुड़े संदिग्ध क्रिप्टो ट्रांजैक्शनों पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है। FIU-IND ने देश के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों को निर्देश दिया है कि वे इन क्षेत्रों से हो रहे Virtual Currency Transactions की निगरानी बढ़ाएं, खासतौर पर Private Wallets के जरिए हो रही गतिविधियों पर। हालांकि Monero और Zcash जैसी Secret Cryptocurrency के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका जताई गई है। Cointree के समान भारतीय में भी क्रिप्टो एक्सचेंज का सतर्क रहने की जरूरत है। 

कन्क्लूजन

Cointree पर AUSTRAC द्वारा लगाया गया जुर्माना यह दिखाता है कि दुनियाभर में Crypto Exchanges को अब रेगुलेशन का पालन करना अनिवार्य हो गया है। यह केस एक चेतावनी भी है कि यदि कोई कंपनी रिपोर्टिंग में लापरवाही बरतती है तो उसके खिलाफ नियामक संस्थाएं कड़ी कार्रवाई कर सकती है, भले ही वह गलती स्वीकार भी कर ले। भारत में भी सरकार और RBI क्रिप्टो पर नजर बनाए हुए हैं। ऐसे में यह ज़रूरी हो गया है कि Digital Assets की दुनिया में पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

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