दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक Binance फिर US Court में चल रहे कानूनी विवादों के कारण सुर्खियों में हैं। अब कंपनी ने कोर्ट से कानूनी विवाद से बचने के लिए Arbitration का दांव चला है। Binance ने यूएस कोर्ट में मांग की है कि उसके खिलाफ चल रहे Securities Class Action Suit के सभी सदस्यों को कोर्ट में मुकदमा करने की बजाय Arbitration यानी मध्यस्थता प्रक्रिया में भेजा जाए। Binance ने दावा किया है कि इसके Terms of Service के तहत यूजर्स ने पहले ही अपनी कोर्ट में मुकदमा करने की क्षमता को छोड़ दिया था।
दरअसल Binance के खिलाफ Class Action Lawsuit चल रहा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने US Investors को ऐसे Token बेचे, जो अमेरिकी कानूनों के अनुसार 'सिक्योरिटीज' यानी निवेश साधन माने जाते हैं। ऐसे टोकन की बिक्री के लिए Regulatory Approval जरूरी होता है, जो Binance के पास नहीं था। अब इस मामले में न्यूयॉर्क की Federal Court में सुनवाई हो रही है। ऐसे में हाल ही में Binance ने कोर्ट में अपील दायर करते हुए कहा कि उसके Terms of Use में साफ तौर पर लिखा गया था कि यूजर्स सभी मामलों को Arbitration से सुलझाएंगे और Class Action Lawsuit दायर नहीं कर सकते।
मार्च 2024 में जज Andrew Carter ने Binance की उस याचिका को आंशिक रूप से खारिज कर दिया था, जिसमें कंपनी ने 2017 से 2019 तक के सभी यूजर्स को Arbitration में भेजने की मांग की थी। जज ने साथ कहा कि साल 2019 के बाद Terms में जो बदलाव किए गए, उन्हें लेकर अभी और सुनवाई जरूरी है। तब Binance की ओर से ये तर्क दिया गया कि 2019 से पहले भी उसके Terms of Use में ये साफ लिखा है कि Binance कभी भी अपनी शर्तों को बदल सकता है और इसके लिए वह किसी यूजर को व्यक्तिगत रूप से सूचित करने के लिए बाध्य नहीं है। हालांकि मार्च 2022 में Binance के इस तर्क को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया था। लेकिन मार्च 2024 में अमेरिकी अपील अदालत ने इस फैसले को पलट दिया। बाद में Binance की ओर से Supreme Court में अपील की गई, जिसे जनवरी 2025 में ठुकरा दिया गया, लेकिन अब Binance ने कोर्ट में खुद को घिरता देख एक बार फिर Arbitration का दांव चला है।
Binance की मुसीबत 2023 के बाद से लगातार बढ़ रही है, जब से US SEC (United States Securities and Exchange Commission) ने उस पर Unregistered Securities बेचने का आरोप लगाया था। इस मामले में नवंबर 2023 में Binance को $4.3 बिलियन की भारी-भरकम रकम के साथ सेटलमेंट करना पड़ा। इसके बाद अप्रैल 2024 में कनाडा में भी Binance के खिलाफ Class Action Lawsuit दर्ज हुआ है, जिसमें आरोप है कि कंपनी ने Securities Law का उल्लंघन किया और देश छोड़ने से पहले पर्याप्त जानकारी शेयर नहीं की। आपको बता दें कि किसी भी विवाद से बचने के लिए भारत में भी Binance ने यूजर्स को KYC Alert भेजा है।
Arbitration विवाद को सुलझाने की एक वैकल्पिक व्यवस्था है, जिसमें कोर्ट के बजाय एक न्यूट्रल व्यक्ति (Arbitrator) विवाद का समाधान करता है। इस व्यवस्था से केस जल्दी निपट जाता है और कानूनी खर्च भी कम होता है, लेकिन यूजर्स के पास अपील का ऑप्शन काफी सीमित हो जाता है। आमतौर पर देखा जाता है कि कंपनियां अपने Terms of Service में Arbitration को अनिवार्य बनाती हैं ताकि Class Action Lawsuit जैसे महंगे मुकदमों से बचा जा सके।
Binance कंपनी एक बार फिर कानूनी रास्तों के जरिए अपने ऊपर लगे Securities Lawsuit से बचने की कोशिश कर रही है। कंपनी का दावा है कि उसके यूजर्स ने सेवा शर्तों को स्वीकारते समय खुद Arbitration को मंजूरी दी थी, इसलिए वे अब कोर्ट में सामूहिक केस नहीं कर सकते। हालांकि अमेरिकी अदालत पहले ही कंपनी की कुछ दलीलों को खारिज कर चुकी है, लेकिन Binance अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखे हुए है। ऐसे में सभी तरह के निवेशकों को ये सबक मिलता है कि Digital Platform पर किसी भी सहमति से पहले उसके कानूनी नियमों को गंभीरता से पढ़ना बेहद जरूरी है।
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