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केवल कॉइन बनाने का एक तरीका नहीं Crypto Mining

Published:May 04, 2024 Updated:April 26, 2025
Author: Rohit Tripathi
केवल कॉइन बनाने का एक तरीका नहीं Crypto Mining

Crypto Mining का काम होता है ब्लॉकचेन नेटवर्क पर क्रिप्टो ट्रांजेक्शन

 को मान्य करना और उन्हें डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर में कनेक्ट करना। इस प्रक्रिया में, प्रूफ ऑफ वर्क (PoW) मेथड का प्रयोग करके माइनर्स नई ट्रांजेक्शन को वैलिडेट करते हैं और नेटवर्क को सुरक्षित रखते हैइसका लाभ  माइनर्स को ट्रांजेक्शन फीस रिवॉर्ड के रूप में प्राप्त होता है।

अधिकांश लोग Crypto Mining को केवल नए कॉइन क्रिएट करने का एक तरीका समझते है। हालांकि Crypto Mining का कार्य ब्लॉकचेन नेटवर्क पर Crypto ट्रांजेक्शन को मान्य करना और उन्हें एक डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र में कनेक्ट करना है। Crypto Mining डिस्ट्रीब्यूटेड नेटवर्क पर होने वाली डिजिटल करंसी की डबल स्पेंडिंग  को रोकती है। इसे सरल शब्दों में कहा जाये तो Crypto Mining एक ऐसा प्रोसीजर है जो प्रूफ ऑफ़ वर्क (PoW) मेथड का प्रयोग करने वाली Cryptocurrency के लिए ब्लॉकचेन प्रक्रिया में नई ट्रांजेक्शन को वैरिफाई कर उसे कनेक्ट करता है। Crypto Mining प्रोसीजर में जब एक ब्लॉक वैलिडेट किया जाता है तब यूजर्स को कुछ ट्रांजेक्शन फीस रिवॉर्ड मे भेट की जाती है । 

डिजिटल करंसी और सामान्य बैंकिंग का सबसे बड़ा अंतर यह है की डिजिटल करंसी की ट्रांजेक्शन में इललीगल हेरफेर करना बैंकिंग ट्रांजेक्शन के मुकाबले आसान माना जाता है। इस वजह से Bitcoin का डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र अपने यूजर्स के लिए एक सुविधा प्रदान करता है जिसमे ट्रांजेक्शन को अपडेट करने की अनुमति केवल वैरिफाइड माइनर्स को ही दी जाती है और यह माइनर्स को नेटवर्क के डबल स्पेंडिंग बचाव के लिए अतिरिक ज़िम्मेदारी भी देता है। सिक्योरिटी पर इतना ध्यान इसलिए दिया जाता है क्योंकि डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र में सेंट्रलाइज्ड अथॉरिटी की कमी है , इसलिए ट्रांजेक्शन को वैलिडेट करने की Mining प्रोसीजर का होना अनिवार्य है। यही कारण है, कि माइनर्स को ट्रांजेक्शन वैरिफिकेशन प्रोसेस को पूरा कर नेटवर्क को सिक्योर करने के लिए कहा जाता है और इसके वजह से नए कॉइन जीतने की संभावना भी बढ़ जाती है।   

जानिए क्या है प्रूफ ऑफ़ वर्क (PoW)

प्रूफ ऑफ़ वर्क एक ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल है, जिसके लिए मैथमेटिकल रिडल को सोल्व करना होता है और इस प्रक्रिया को हल करने के लिए सर्वर को माइनर्स की ज़रूरत लगती है। Bitcoin, Ethereum और इन जैसी कई प्रसिद्ध Cryptocurrency प्रूफ ऑफ़ वर्क (PoW) मेथड का उपयोग करती है। हालांकि Crypto मार्केट की दुनिया में प्रूफ ऑफ़ वर्क (PoW) मेथड एक विवाद का विषय है, क्योंकि इस मेथड का उपयोग करने के लिए युजर्स को भारी मात्रा में इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करना पड़ता है। Crypto मार्केट के कुछ स्पेशलिस्ट का मनना है, प्रूफ ऑफ़ वर्क (PoW) मेथड को नहीं अपना कर इलेक्ट्रिसिटी के इस भारी उपयोग को रोका जा सकता है। 

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Author: Rohit Tripathi

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास 13+ वर्षों का अनुभव है। जिसमें बीते कुछ वर्षों से उनका फोकस विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर रहा है। वे ऑन-चेन मेट्रिक्स, डेफी ट्रेंड्स, प्राइस मूवमेंट्स और टोकनॉमिक्स का व्यावहारिक ज्ञान रखते हैं। उनकी विशेषज्ञता डेटा-ड्रिवन आर्टिकल्स, डीप मार्केट रिसर्च, SEO-ऑप्टिमाइज्ड कंटेंट और इंडस्ट्री-फोकस्ड एनालिसिस तैयार करने में है।

रोहित वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। जहाँ लगातार कंटेंट डिलीवर करके, रोहित ने खुद को हिंदी क्रिप्टो मीडिया स्पेस में एक भरोसेमंद और प्रभावशाली आवाज़ के रूप में स्थापित किया है। उनका कंटेंट रिलायबल डेटा सोर्स, ऑन-चेन टूल्स और मार्केट रिसर्च से प्राप्त फैक्ट्स पर आधारित होता है। वे हर आर्टिकल में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देने को प्राथमिकता देते हैं।

रोहित का मिशन है, हिंदी भाषा में हाई क्वालिटी वाला, फैक्चुअल और अप-टू-डेट क्रिप्टो कंटेंट प्रदान करना, जिससे रीडर्स डिजिटल फाइनेंस की दुनिया में स्मार्ट निर्णय ले सकें।

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