Cryptography एक तकनीक है जो इनफॉर्मेशन और कम्युनिकेशन को सुरक्षित बनाने के लिए उपयोग होती है। यह एक स्पेशल कोड का प्रयोग करती है जो डाटा को सुरक्षित रखता है ताकि कोई अनधिकृत व्यक्ति उस डाटा का गलत प्रयोग न कर सके।
आज के दौर में कार्य सामान्य रूप के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी किया जाने लगा है। किसी भी कार्य को करने के लिए हमे इनफार्मेशन और कम्युनिकेशन की ज़रूरत पड़ती ही है। वहीँ अगर काम प्राइवेट हो तो इनफार्मेशन और कम्युनिकेशन जैसी चीजों को सिक्योर रखना भी एक आवश्यक कार्य होता है। डिजिटल मार्केटिंग जो इन्टरनेट द्वारा की जाने वाली मार्केटिंग है, इसपर भी कम्युनिकेशन और इनफार्मेशन का आदान प्रदान होना एक आम बात है। लेकिन सवाल यह है की अपनी प्राइवेट जानकारीयों को इललीगल टेम्परिंग से कैसे बचाया जाए? इस समस्या को हल करने क लिए एक टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है जिसे Cryptography कहते है।
Cryptography एक तरह की मेथड या टेक्नोलॉजी है जिसके उपयोग से यूजर्स की इनफार्मेशन और कम्युनिकेशन को सिक्योर किया जाता है। यह टेक्नोलॉजी इनफार्मेशन और कम्युनिकेशन को सिक्योर करने के लिए एक स्पेशल कोड का प्रयोग करती है। Cryptography इनफार्मेशन को इस तरह सिक्योर करता है, जिससे कोई भी व्यक्ति यूजर के डाटा को बिना यूजर की परमिशन के उपयोग में नहीं ले सकता है। इस मेथड में जिन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है, वे मैथमेटिकल कांसेप्ट की सहायता से बिल्ड की जाती है। Cryptography कैलकुलेशन का एक सेट होता है जिसे एल्गोरिथ्म के रूप में जाना जाता है, और इस एल्गोरिथ्म का उपयोग डिजिटल सिग्नेचर, डेबिट व क्रेडिट कार्ड से की गयी ट्रांजेक्शन को सिक्योर करने, डाटा प्रोटेक्शन करने और इन्टरनेट पर ब्राउज़र का प्रयोग करने के लिए किया जाता है।
Cryptography तब ही प्रोसीजर के साथ कनेक्ट करती है, जब प्रोसीजर प्लेन टेक्स्ट को सिपर टेक्स्ट में कन्वर्ट करता है। बता दे कि प्लेन टेक्स्ट को सिपर टेक्स्ट में कन्वर्ट करने की प्रक्रिया को Encryption कहते है, वहीँ सिपर टेक्स्ट को प्लेन टेक्स्ट में कन्वर्ट की जाने वाली प्रक्रिया को Decryption कहा जाता है। Cryptography वे सिक्योरिटी टेक्नोलॉजी है, जिसके माध्यम से नेटवर्क में डाटा को Encrypt कर, एक जगह से दूसरी जगह सिक्योरली ट्रांसमिट किया जा सकता है। इस टेक्निक की सहायता से केवल वही यूजर डाटा को रीड कर सकता है, जिसके पास डाटा रीड करने का एक्सेस होता है। यही Cryptography का कार्य है जिसकी वजह से इन्टरनेट ब्राउज़िंग पर एक यूजर का प्राइवेट डाटा सिक्योर किया जाता है।
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