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Maker क्या है? यह कैसे काम करता है, जानिए डिटेल में

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में जैसे-जैसे DeFi का दायरा बढ़ रहा है, वैसे-वैसे कुछ ऐसे प्रोजेक्ट्स उभरकर सामने आए हैं जो पूरी ट्रेडिशनल फाइनेंशियल इंडस्ट्री को चुनौती दे रहे हैं। इन्हीं में से एक नाम है Maker (MKR) का। ये सिर्फ एक टोकन नहीं है, बल्कि एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ट्रेडिशनल बैंकिंग सिस्टम के बिना लोन लेने और देने की सुविधा देता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि Maker क्या है, इसका इकोसिस्टम कैसे काम करता है और हाल ही में, इसमें क्या बड़े बदलाव हुए हैं। अगर आप लाइव Maker Price को जानना चाहते हैं।

Maker इकोसिस्टम क्या है?

Maker (MKR) एक ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसे MakerDAO नाम का आर्गेनाइजेशन चलाता है। DAO का मतलब होता है Decentralised Autonomous Organisation यानी ऐसा आर्गेनाइजेशन जो किसी एक सेंट्रल अथॉरिटी के बजाय टोकन होल्डर्स द्वारा चलाया जाता है।

Maker Protocol  को Ethereum Blockchain पर बनाया गया है। इस प्रोटोकॉल की सबसे अहम खासियत है कि यह यूज़र्स को DAI नाम का एक स्टेबलकॉइन बनाने की सुविधा देता है। DAI को अमेरिकी डॉलर के बराबर स्टेबल रखा जाता है, लेकिन यह स्टेबिलिटी किसी बैंक या फिजिकल डॉलर रिज़र्व के सहारे नहीं बल्कि पूरी तरह एक स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम से कण्ट्रोल होती है। अगर आप जानना चाहते हैं की Stablecoins क्या होते हैं, तो इस लिंक पर क्लिक कीजिये। 

Maker Protocol कैसे काम करता है?

इस सिस्टम में, यूज़र्स अपने क्रिप्टो एसेट्स जैसे कि Ethereum को Collateralized Debt Positions नामक स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स में लॉक करते हैं। इसके बदले वे उन क्रिप्टो एसेट्स की वैल्यू के बराबर में DAI Token जनरेट कर सकते हैं। ये प्रोसेस किसी बैंक से लोन लेने जैसी होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि यहां न तो कोई बैंक है और न ही कोई इंसान जो आपकी फाइल चेक कर रहा है। अगर यूज़र DAI वापस कर देता है तो वह एक छोटी सी Stability Fees (जो ब्याज जैसा है) देकर अपनी क्रिप्टोकरेंसी वापस पा सकता है।

यह सिस्टम पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड होता है और इसमें कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी इसके रेगुलेशंस तय नहीं करती। सारे डिसीजन MKR Token होल्डर्स की वोटिंग से होते हैं।

MKR Token की भूमिका

MKR कोई स्टेबलकॉइन नहीं है, बल्कि यह एक गवर्नेंस टोकन है। इसका मतलब है कि जो लोग MKR Token रखते हैं, उन्हें Maker Protocol में होने वाले चैन्जेस और पॉलिसी पर वोटिंग राईट मिलता है। वोटिंग पावर MKR Token की होल्डिंग से डिसाइड होती है। यह डेमोक्रेटिक तरीके से काम करने वाला एक सिस्टम है जो सभी यूज़र्स को प्रोटोकॉल में पार्टिसिपेशन का मौका देता है।

इसके अलावा, MKR का रिस्क मैनेजमेंट में अहम रोल है। अगर कभी ऐसा समय आता है जब DAI की गारंटी के लिए रखा गया क्रिप्टो पर्याप्त नहीं होता, तो नए MKR Token बनाए जाते हैं और बेचे जाते हैं ताकि घाटे की भरपाई की जा सके। 

MakerDAO से Sky तक: एक नया अध्याय

अगस्त 2024 में MakerDAO ने खुद को Sky के रूप में रीब्रांड किया। इस बदलाव के तहत दो नए टोकन लॉन्च किए गए:

  • Sky (SKY): नया गवर्नेंस टोकन जो MKR की जगह लेगा

  • Sky Dollar (USDS): एक नया स्टेबलकॉइन जो DAI की जगह लेगा

इस रीब्रांडिंग का मकसद है कि प्रोटोकॉल को और अधिक फ्यूचर-रेडी, स्केलेबल और यूज़र फ्रेंडली बनाया जा सके। हालांकि MKR अब भी काम कर रहा है, लेकिन आने वाले समय में इसका Sky सिस्टम में मर्जर हो सकता है।

कन्क्लूज़न 

Maker और इसका इकोसिस्टम DeFi की दुनिया में एक स्ट्रांग और स्टेबिलिटी आप्शन के रूप में उभरा है। यह सिर्फ एक क्रिप्टो टोकन नहीं है, बल्कि एक पूरा फाइनेंशियल सिस्टम है जो बैंकिंग की ट्रेडिशनल डेफिनेशन को चुनौती देता है। इसमें हुए बदलाव इस बात की ओर इशारा करते हैं कि प्रोजेक्ट समय के साथ खुद को कैसे ढाल रहा है। अगर आप DeFi या स्टेबलकॉइन में इन्वेस्ट या रिसर्च करना चाहते हैं, तो Maker/Sky एक ऐसा नाम है जिस पर आपकी नज़र होना चाहिए।

Ronak GhatiyaRonak Ghatiya
Ronak Ghatiya
Hindi Content Writer
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