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जानिए कैसे काम करती है NFT और क्या है इसका इतिहास

NFT (Non-fungible tokens) डिजिटल प्रॉपर्टी है, जो यूनिक क्रिप्टोग्राफिक टोकन के रूप में जानी जाती है। इसकी विशेषता यह है कि इसे कॉपी नहीं किया जा सकता है। NFT ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है और उसी पर इसका लेनदेन किया जाता है। यह एक विशेष डिजिटल प्रॉपर्टी है, जो क्रिएटिविटी, गेम्स, फिल्म्स, सोशल मीडिया और इंटरनेट से जुड़ी वस्तुओं को रिप्रेजेंट करती है।   

दुनिया भर में डिजिटल मार्केट में निवेश करना एक प्रचलन बन गया है और निवेश करने के कई नए मेथड आ रहे है, उन्ही में से एक तरीका NFT है। NFTs (Non-fungible tokens) एक तरह की डिजिटल प्रॉपर्टी है, जो एक यूनिक क्रिप्टोग्राफ़िक टोकन कहलाती है। क्या वजह है जिससे NFT यानि Non-fungible tokens को यूनिक क्रिप्टोग्राफ़िक टोकन कहा जाता है? NFT के यूनिक कहलाने के पीछे का कारण है, एक NFT का केवल एक ही व्यक्ति के पास होना। इस बात का अर्थ यह है कि एक NFT प्रॉपर्टी की किसी भी तरह कॉपी या ऑप्शन मौजूद नहीं होता है तथा इसकी फेक कॉपी भी नहीं बनायीं जा सकती है। इसी वजह से NFT एक स्पेशल टाइप की डिजिटल प्रॉपर्टी है, जो क्रिएटिविटी, गेम्स, फिल्म्स, सोशल मीडिया प्लेटफार्म और इन्टरनेट से जुडी वस्तुओ को रिप्रेजेंट करती है।  

NFT वह डिजिटल प्रॉपर्टी है, जो Blockchain टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है और इसके लेन देन से जुडी सभी प्रक्रिया Blockchain प्लेटफार्म पर ही की जाती है। NFT की एक निश्चित कीमत तय की जाती है और उसी कीमत पर उसका लेन देन किया जाता है। Blockchain टेक्नोलॉजी पर बेस्ड NFT स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के साथ जुडी होती है। जब भी NFT को सेल किया जाता है, Blockchain सिक्योरिटी टेक्नोलॉजी एक स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट जनरेट कर देती है। स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के टर्म्स और निर्देश के अनुसार ही NFT का मूल्य तय किया जाता है। यह यूनिक क्रिप्टोग्राफ़िक टोकन Blockchain सिक्योरिटी की निगरानी के साथ कार्य करता है, इसी वजह से एक फेक NFT बना कर गुमराह करना मुमकिन नहीं होता है। 

हिस्ट्री ऑफ NFT (Non-fungible tokens)

वर्ष 2014 में आर्टिस्ट Kevin Mccoy द्वारा पहली बार Crypto पर NFT का इन्वेंशन डिज़ाईन किया गया था। Kevin Mccoy की पहली NFT क्वांटम के नाम से जानी जाती है, जो उन्होंने नेमकॉइन नाम के Blockchain की सहायता से डिज़ाईन की थी, जिसे वर्ष 2021 में $1.47 million में बेच दिया गया था। डिजिटल मार्केट में कई तरह की NFT डिज़ाईन की गयी है, जैसे 2015 में Ethereum Blockchain पर पहली NFT डिज़ाईन की गयी जिसका नाम न्यूलियस है। इसके बाद और कई NFT जैसे स्पेल्स ऑफ़ जेनेसिस (2015), क्रिप्टो पंक्स (2017), एक्सी इंफिनिटी (2018) आदि NFTs अपना नाम डिजिटल मार्केट में प्रसिद्ध कर चुकी है। 

यह भी पढ़िए : Cryptocurrency Trading कैसे करें, क्या यह सुरक्षित है?

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