WazirX Hack Update, Restructuring पर अगली सुनवाई की डेट जारी
भारत का सबसे चर्चित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX एक बार फिर सुर्खियों में है। जुलाई 2024 में हुए $235 मिलियन (लगभग ₹2,000 करोड़) के WazirX Hack के बाद से कंपनी की साख और ऑपरेशन दोनों पर सवाल खड़े हुए हैं। अब जब कंपनी अपनी रिकवरी और Restructuring Plan के तहत सिंगापुर हाई कोर्ट से मंजूरी की कोशिश कर रही है, तो अब कोर्ट ने एक बार फिर सुनवाई की डेट को आगे बड़ा दिया है।
WazirX के ऑफिशियल X अकाउंट पर पोस्ट किए गए ताजा अपडेट के अनुसार आगामी 15 जुलाई 2025 को इस योजना पर आगे की सुनवाई होने वाली है। यह सुनवाई WazirX और उसके यूज़र्स दोनों के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।

सुनवाई की नई तारीख 15 जुलाई 2025 तय
WazirX Hack के बाद कंपनी की मूल इकाई Zettai ने HC/SUM 940/2025 के तहत ‘Scheme of Arrangement’ नामक Restructuring Plan Singapore High Court में प्रस्तुत किया था। पहले यह सुनवाई 10 जुलाई के लिए निर्धारित थी, लेकिन कोर्ट ने अब इसे 15 जुलाई 2025 को सुबह 7:30 बजे (IST) तय किया है। इसके साथ ही 16 जुलाई को रिज़र्व डेट के रूप में भी रखा गया है।
कोर्ट ने Zettai को 4 जुलाई 2025 तक एक सप्लीमेंटल एफिडेविट और लिखित सबमिशन दाखिल करने का निर्देश भी दिया है। इसके साथ ही यह साफ कर दिया गया है कि कोर्ट तब तक किसी अन्य पक्ष की ईमेल या दस्तावेज़ों को स्वीकार नहीं करेगा, जब तक अगला आदेश नहीं दिया जाता।
सुनवाई की नई तारीख क्रेडिटर्स के लिए राहत या भ्रम?
Restructuring Plan की सुनवाई की डेट जारी होने से कुछ दिन पहले Zettai ने X पर एक पोस्ट के जरिए कहा था कि वे कोर्ट के निर्देशों के अनुसार पूरी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं। हालाँकि कम्पनी की ओर से की गई अब तक की पोस्ट आश्वासन देने का प्रयास ही नजर आ रही है, क्योंकि इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया कि WazirX Hack के बाद यूज़र्स के फंसे हुए फंड्स कब और कैसे वापस मिलेंगे।
हालाँकि कंपनी कई बार इस बात को दौहरा चुकी है कि वह सुनवाई के बाद योजना को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगी, लेकिन क्रेडिटर्स के लिए यह अस्पष्टता चिंता का कारण बनी हुई है। वर्तमान में सुनवाई की तारीख से क्रेडिटर्स को राहत तो है, लेकिन अब तक कम्पनी के द्वारा उठाए गए कदम भ्रम की स्थिति भी पैदा करते हैं।
यूजर्स में Panama शिफ्टिंग से बढ़ा असमंजस
यूजर्स के बीच जो सबसे बड़ा असमंजस है वह कंपनी की दौहरी निति। जहाँ एक तरफ कम्पनी Restructuring Plan की बातें कर रही है, वहीँ दूसरी और कम्पनी की गतिविधि थोड़ी संदिग्ध नजर आती है। हाल ही में खुलासा हुआ कि Zettai ने अब Panama में Zensui Corporation के रूप में खुद को रजिस्टर कर लिया है।
WazirX की Panama शिफ्टिंग से सवाल खड़े हो गए हैं, क्या कंपनी भारत में अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है? क्या WazirX Hack के बाद भारतीय निवेशक अब और अधिक असुरक्षित हैं? क्या Zensui Corporation अब WazirX के सभी दायित्व संभालेगी? या कंपनी Restructuring Plan की बाते करते हुए सबको भ्रम में रखेगी और अपना पूरा बिजेनस Panama शिफ्ट कर लेगी? इस तरह कंपनी से जुड़े सवाल कई हैं और जवाब सिर्फ एक “इंतजार”।
ट्रांसपेरेंसी के बिना विश्वास नहीं बनता
मैं लम्बे समय से इस मामले को कवर कर रहा हूँ, जिसके चलते मेरा मानना है कि, WazirX Hack के बाद कंपनी की हर कार्रवाई में जो अस्पष्टता दिखाई दी है, वह निवेशकों के लिए बेहद चिंताजनक है। यूज़र्स को बार-बार सिर्फ आश्वासन मिल रहा है कि समाधान की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन आज तक कोई ठोस या ट्रांसपेरेंट प्लान सामने नहीं आया।
अगर कंपनी वाकई रिकवरी और रिफंड को लेकर गंभीर है, तो उसे केवल कोर्ट में नहीं, बल्कि सार्वजनिक रूप से भी अपने कदमों की स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। ट्रांसपेरेंसी ही वह आधार है, जिससे यूज़र्स का डगमगाता विश्वास दोबारा बहाल हो सकता है। लेकिन वर्तमान में कंपनी जिस राह पर है वहां सिर्फ आश्वासन के सिवाय कुछ नजर नहीं आ रहा है। कुल मिलकर निवेशको के पास इंतजार करने के सिवाय कुछ नहीं है, हाँ एक चीज और है जिसे निवेशक अपने पास रखे हुए हैं, वह है अपने फंड के मिलने की आस।
कन्क्लूजन
WazirX Hack के एक साल बाद भी रिकवरी का रास्ता अभी अधूरा है। 15 जुलाई 2025 की सुनवाई इस दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। यदि कोर्ट Zettai की अर्जी को स्वीकार करता है और पुनर्गठन योजना को मंजूरी देता है, तो यह कंपनी के लिए पुनःस्थापना का अवसर हो सकता है।
हालाँकि, भारतीय निवेशकों और यूज़र्स को अभी भी सावधानी बरतनी चाहिए। जब तक कंपनी की ओर से फंड रिटर्न की स्पष्ट और लिखित योजना सामने नहीं आती, तब तक पूरी प्रक्रिया एक लीगल लड़ाई से ज़्यादा नहीं लगती।
क्रिप्टो मार्केट में भरोसा सबसे बड़ी करेंसी होता है और WazirX Hack ने इसी भरोसे को सबसे गहरी चोट दी है। अब देखना है कि कोर्ट का फैसला इस भरोसे को बहाल करता है या और अधिक गिरावट की ओर ले जाता है।