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TVL के आधार पर Top DeFi Protocol जानिए

आज की डिजिटल दुनिया में, जहां लोग बैंकों और मिडलमैन के बिना फाइनेंशियल फ्रीडम चाहते हैं, DeFi (Decentralized Finance) एक गेम-चेंजर बनकर उभरा है। लेकिन सवाल यह है कि इतने सारे DeFi प्लेटफॉर्म्स में से कौन सा सबसे सुरक्षित है? और इस सुरक्षा को मापने का सबसे भरोसेमंद तरीका क्या है? जवाब है, TVL जिसका पूरा नाम है टोटल वैल्यू लॉक्ड। यह मीट्रिक न केवल किसी प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता और विश्वास को दर्शाता है, बल्कि उसकी सिक्योरिटी और स्टेबिलिटी का भी एक मजबूत इंडिकेटर है।

इस ब्लॉग में, हम 2025 की लेटेस्ट रैंकिंग के साथ टोटल वैल्यू लॉक्ड के आधार पर सबसे सिक्योर DeFi प्लेटफॉर्म्स की खोज करेंगे, उनकी विशेषताओं को समझेंगे और यह जानेंगे कि TVL DeFi की दुनिया में इतना महत्वपूर्ण क्यों है। तो, चलिए शुरू करते हैं और इस विषय के बारे में जानते हैं।

TVL क्या है, आसान भाषा में

TVL या टोटल वैल्यू लॉक्ड, एक ऐसा मीट्रिक है जो किसी DeFi प्लेटफॉर्म के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स में लॉक्ड डिजिटल एसेट्स जैसे क्रिप्टो टोकन्स की कुल वैल्यू को मापता है। इसे आप इस तरह समझ सकते हैं, मान लीजिए, आप एक डिजिटल वॉलेट में अपनी क्रिप्टोकरेंसी को स्टेक करते हैं या किसी DeFi Protocol में लेंडिंग के लिए डिपाजिट करते हैं। इस जमा राशि को USD में बदलकर जो कुल वैल्यू मिलती है, वही TVL है। 

उदाहरण के लिए अगर एक DeFi Protocol में 1 मिलियन Ethereum जमा हैं और प्रत्येक Ethereum की कीमत $3,000 है, तो उस प्रोटोकॉल का Total Value Locked $3 बिलियन होगा।

महत्व: टोटल वैल्यू लॉक्ड इस बात का इंडिकेटर है कि कितने लोग उस प्लेटफॉर्म पर भरोसा करते हैं और कितनी कैपिटल उसमें इन्वेस्ट की गई है।

यह हमें DeFi की दुनिया में एक मजबूत आधार देता है। लेकिन आइए, पहले यह समझते हैं कि DeFi आखिर है क्या।

DeFi या Decentralised Finance क्या है

DeFi, यानी Decentralized Finance, एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो ब्लॉकचेन पर आधारित है और ट्रेडिशनल फाइनेंशियल  सिस्टम्स को बिना मिडलमैन जैसे बैंक या ब्रोकर के डिजिटल तरीके से दोहराती है। Ethereum जैसे ब्लॉकचेन नेटवर्क्स पर बने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए, DeFi प्लेटफॉर्म्स लेंडिंग, बॉरोइंग, ट्रेडिंग और स्टेकिंग जैसी सुविधाएं देते हैं। 

मुख्य विशेषता: DeFi में कोई सेंट्रल अथॉरिटी नहीं होती। सारा काम स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के कोड के जरिए ऑटोमेटिकली होता है। उदाहरण के लिए Aave एक DeFi Protocol है, जहां यूजर्स अपनी क्रिप्टो लेंड कर सकते हैं और ब्याज कमा सकते हैं, इसके लिए उन्हें किसी बैंक की जरुरत नहीं होती है।

DeFi जिस तरह की फ्रीडम देता है, इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। लेकिन इसकी सिक्योरिटी और विश्वसनीयता को समझने के लिए TVL की भूमिका को और गहराई से देखना जरूरी है।

DeFi प्लेटफॉर्म्स में TVL क्या दर्शाता है?

यह किसी DeFi प्लेटफॉर्म की हेल्थ और लोकप्रियता का एक प्राइमरी इंडिकेटर है। यह न केवल यह बताता है कि कितनी कैपिटल उस प्लेटफॉर्म में लॉक्ड है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि यूजर्स उस पर कितना भरोसा करते हैं। यह किसी प्लेटफार्म के बारे में निम्नलिखित जानकारी देता है:

यूजर ट्रस्ट: हाई TVL का मतलब है कि ज्यादा लोग उस प्रोटोकॉल में अपनी क्रिप्टो डिपाजिट कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, Lido जैसे DeFi Protocol में $34 बिलियन से ज्यादा का TVL (जुलाई 2025) यह दर्शाता है कि यह यूजर्स के बीच भरोसेमंद है।

लिक्विडिटी: TVL जितना ज्यादा होता है, उतनी ही ज्यादा लिक्विडिटी होती है, जिससे ट्रेडिंग, लेंडिंग और अन्य एक्टिविटीज आसान हो जाती हैं। जैसे, Aave में $33 बिलियन से ज्यादा वैल्यू लॉक्ड है, यह इसे लेंडिंग के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनाता है।

मार्केट ट्रेंड्स: TVL में वृद्धि या कमी मार्केट के सेंटिमेंट को दर्शाती है। अगर यह बढ़ रहा है, तो यह दर्शाता है कि प्रोटोकॉल में इन्वेस्टमेंट और इंटरेस्ट बढ़ रहा है।

यह हमें DeFi Protocol की मजबूती को स्पष्ट करता है, लेकिन क्या यह सिक्योरिटी की गारंटी भी देता है? आइए, इसे समझते हैं।

TVL कैसे DeFi प्लेटफॉर्म्स को सिक्योर करती है

इसका हाई होना सीधे तौर पर किसी DeFi Platform की सिक्योरिटी को सुनिश्चित नहीं करता, लेकिन यह कुछ महत्वपूर्ण तरीकों से सिक्योरिटी को प्रभावित करता है।

यूजर कॉन्फिडेंस: हाई TVL यह दर्शाता है कि प्लेटफॉर्म ने समय के साथ यूजर्स का भरोसा जीता है। उदाहरण के लिए, Ethereum बेस्ड प्रोटोकॉल्स जैसे Lido और Aave ने अपने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स की मजबूती के कारण विश्वसनीयता हासिल की है।

सिक्योरिटी ऑडिट्स: ज्यादा TVL वाले प्लेटफॉर्म्स आमतौर पर बार-बार सिक्योरिटी ऑडिट्स करवाते हैं। Aave, उदाहरण के तौर पर, अपने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को थर्ड-पार्टी ऑडिटर्स से वेरिफाई करवाता है, जिससे हैकिंग का जोखिम कम होता है।

लिक्विडिटी और स्टेबिलिटी: ज्यादा लिक्विडिटी का मतलब है कि प्लेटफॉर्म पर बड़े ट्रांज़ैक्शन्स आसानी से हो सकते हैं, जिससे मार्केट मैनिपुलेशन या अचानक क्रैश का खतरा कम होता है।

हालांकि, हाई TVL हमेशा सिक्योरिटी की गारंटी नहीं देता। अगर लिक्विडिटी कुछ बड़े इन्वेस्टर्स (व्हेल्स) से आ रही है, तो यह फेक भी हो सकता है। इसलिए, हमें इसके साथ-साथ अन्य मीट्रिक्स को भी देखना चाहिए। आइए, अब 2025 के सबसे सुरक्षित DeFi प्लेटफॉर्म्स की रैंकिंग देखें।

Top DeFi Protocol: TVL के अनुसार

2025 में TVL के आधार पर कुछ Top DeFi Protocol निम्नलिखित हैं, जो अपनी सुरक्षा और विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं। ये आंकड़े जुलाई 2025 तक के हैं और DefiLlama पर दिए गए आकड़ों पर आधारित है।

Lido ($34.8 बिलियन): Lido एक लिक्विड स्टेकिंग प्रोटोकॉल है, जो Ethereum और अन्य ब्लॉकचेन पर स्टेकिंग को आसान बनाता है। इसकी मजबूत सिक्योरिटी ऑडिट्स और डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम इसे बेहद सुरक्षित बनाते हैं। उदाहरण के लिए Lido यूजर्स को Ethereum स्टेक करने की सुविधा देता है, जिससे वे रिवॉर्ड्स कमाते हैं।

Aave ($34 बिलियन): Aave लेंडिंग और बॉरोइंग के लिए एक प्रमुख DeFi Protocol है। इसके स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को बार-बार ऑडिट किया जाता है, और यह Ethereum Network पर अपनी मजबूती के लिए जाना जाता है। उदाहरण के लिए Aave पर यूजर्स अपनी क्रिप्टो लेंड करके इंटरेस्ट कमा सकते हैं।

EIGEN ($18.85 बिलियन): EigenLayer एक री-स्टेकिंग प्रोटोकॉल है, जो Ethereum की सुरक्षा को बढ़ाता है। इसके डिसेंट्रलाइज्ड डिज़ाइन और मजबूत सिक्योरिटी इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हैं।

ETHFI ($10.7 बिलियन): Ether.fi एक स्टेकिंग प्रोटोकॉल है, जो Ethereum-बेस्ड है और यूजर्स को लिक्विड स्टेकिंग की सुविधा देता है। इसकी ट्रांसपेरेंट ऑडिटिंग और यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस इसे लोकप्रिय बनाता है।

Ethena ($7.79 बिलियन): ENA एक उभरता हुआ DeFi Protocol है, जो लेंडिंग और स्टेकिंग में स्पेशलिटी रखता है। इसकी सिक्योरिटी फीचर्स और Total Value Locked की तेज वृद्धि इसे भरोसेमंद बनाती है।

Disclaimer: सभी आंकड़े ब्लॉग लिखे जाने तक के हैं।

ये प्लेटफॉर्म्स न केवल वैल्यू लॉक्ड के मामले में प्रमुख हैं, बल्कि उनकी सिक्योरिटी और ऑडिटिंग प्रोसेस भी उन्हें सुरक्षित बनाती हैं। लेकिन क्या अन्य पहलू भी हैं जो इनकी सिक्योरिटी को प्रभावित करते हैं? आइए, इसे समझते हैं।

DeFi प्लेटफॉर्म्स की सिक्योरिटी के प्रमुख पहलू

TVL के अलावा, DeFi प्लेटफॉर्म्स की सुरक्षा को समझने के लिए कुछ अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना जरूरी है।

स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट ऑडिट्स: किसी भी DeFi Protocol की सुरक्षा उसकी कोडिंग पर निर्भर करती है। Lido और Aave जैसे DeFi Protocol नियमित रूप से थर्ड-पार्टी ऑडिटर्स जैसे Trail of Bits से अपने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को वेरिफाई करवाते हैं।

डिसेंट्रलाइजेशन लेवल: ज्यादा डिसेंट्रलाइज्ड प्रोटोकॉल्स में सेंट्रल अथॉरिटी का कंट्रोल कम होता है, जिससे हैकिंग का जोखिम कम होता है। उदाहरण के लिए, Uniswap एक पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड एक्सचेंज है।

इंश्योरेंस मॉडल्स: कुछ DeFi प्लेटफॉर्म्स, जैसे Nexus Mutual, हैकिंग या फंड लॉस के खिलाफ इंश्योरेंस ऑफर करते हैं, जो यूजर्स को अतिरिक्त सुरक्षा देता है।

कम्युनिटी सपोर्ट: एक मजबूत कम्युनिटी और डेवलपर सपोर्ट वाला प्रोटोकॉल जल्दी से बग्स फिक्स कर सकता है। Ethereum बेस्ड प्रोटोकॉल्स में यह विशेषता आम है।

इन पहलुओं को समझने के बाद, यह जानना जरूरी है कि Total Value Locked का बढ़ना DeFi प्लेटफॉर्म्स को कैसे प्रभावित करता है।

DeFi प्लेटफॉर्म्स में TVL बढ़ाने का प्रभाव

इसमें वृद्धि किसी DeFi Protocol के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसके कुछ जोखिम भी हैं।

अधिक लिक्विडिटी: ज्यादा TVL का मतलब है कि प्लेटफॉर्म पर ट्रांज़ैक्शन्स आसानी से हो सकते हैं। उदाहरण के लिए Aave पर इसके हाई होने के कारण यूजर्स को लेंडिंग और बॉरोइंग में कोई दिक्कत नहीं होती।

इन्वेस्टर्स के लिए: लॉक्ड वैल्यू का ज्यादा होना ट्रेडिशनल इन्वेस्टर्स और इंस्टीट्यूशनल फंड्स को आकर्षित करता है, जिससे प्रोटोकॉल की वैल्यू बढ़ती है।

नेटवर्क प्रभाव: ज्यादा यूजर्स और ज्यादा वैल्यू लॉक होने से प्रोटोकॉल का नेटवर्क मजबूत होता है, जिससे नए फीचर्स और डेवलपमेंट को सपोर्ट मिलता है।

हैकिंग का खतरा: ऐसे प्रोटोकॉल जिनमे ज्यादा वैल्यू लॉक होती है, हैकर्स के लिए आकर्षक टारगेट होते हैं। 2024 में $9.9 बिलियन के क्रिप्टो स्कैम्स में DeFi Protocol भी शामिल थे।

व्हेल डिपेंडेंसी: अगर इसका बड़ा हिस्सा कुछ बड़े इन्वेस्टर्स से आता है, तो उनके अचानक फंड निकालने से मार्केट अनस्टेबल हो सकता है।

किसी प्रोटोकॉल में लॉक की गयी वैल्यू का बढ़ना एक तलवार की दो धार है। इसलिए, सुरक्षा और TVL के बीच संतुलन को समझना जरूरी है।

Total Value Locked और DeFi प्लेटफॉर्म्स की सिक्योरिटी के बीच संतुलन

TVL और सिक्योरिटी के बीच बैलेंस बनाना DeFi Protocols के लिए एक चुनौती है। लॉक की गयी वैल्यू का ज्यादा होना यूजर ट्रस्ट और लिक्विडिटी को बढ़ाता है, लेकिन यह अपने साथ कुछ रिस्क भी लाता है। 

बैलेंस कैसे बनाएं

रेगुलर ऑडिट्स: प्रोटोकॉल्स को अपने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को नियमित रूप से ऑडिट करना चाहिए। Aave और Lido जैसे बड़े प्रोटोकॉल्स ऐसा करते हैं।

डिसेंट्रलाइज्ड गवर्नेंस: यूजर्स और कम्युनिटी को प्रोटोकॉल के डिसीजन-मेकिंग में शामिल करना चाहिए, ताकि सिस्टम ट्रांसपेरेंट रहे।

डायवर्सिफाइड TVL: इसे कई यूजर्स और एसेट्स में डिस्ट्रीब्यूट करना चाहिए, ताकि व्हेल्स पर निर्भरता कम हो।

ध्यान देने योग्य बात: इसके अलावा अन्य मीट्रिक्स जैसे यूजर एक्टिविटी, ट्रांज़ैक्शन वॉल्यूम और ऑडिट हिस्ट्री के साथ मिलाकर देखना चाहिए। उदाहरण के लिए Ethereum Network पर आधारित प्रोटोकॉल्स जैसे Lido और Aave में हाई TVL के साथ मजबूत कम्युनिटी सपोर्ट भी है।

इस संतुलन को समझने के बाद, हम यह कह सकते हैं कि यह एक महत्वपूर्ण मीट्रिक है, लेकिन यह अकेले किसी प्रोटोकॉल की पूरी तस्वीर नहीं दिखाता।

DeFi की दुनिया में TVL एक ऐसा इंडिकेटर है, जो किसी प्रोटोकॉल की लोकप्रियता, लिक्विडिटी और विश्वास को दर्शाता है। 2025 में Lido, Aave, और Ether.fi जैसे प्रोटोकॉल्स ने अपने प्रोटोकॉल में लॉक की गयी हाई वैल्यू और मजबूत सिक्योरिटी फीचर्स के कारण मार्केट में अपनी जगह बनाई है। लेकिन, जैसा कि हमने देखा, इसके साथ-साथ स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट ऑडिट्स, डिसेंट्रलाइजेशन और कम्युनिटी सपोर्ट जैसे पहलू भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। 

अगर आप DeFi में निवेश या भागीदारी की सोच रहे हैं, तो हमारा सुझाव है कि आप TVL के साथ-साथ प्रोटोकॉल की सिक्योरिटी हिस्ट्री और कम्युनिटी ट्रस्ट को भी प्रायोरिटी दें।

Ronak GhatiyaRonak Ghatiya
Ronak Ghatiya
Ronak Ghatiya एक उभरते हुए क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका एजुकेशन और टेक्नोलॉजी में मजबूत बैकग्राउंड रहा है। उन्होंने पिछले एक वर्ष में ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे विषयों पर डेटा-ड्रिवन और SEO-अनुकूल कंटेंट लिखा है, जो नए और प्रोफेशनल रीडर्स दोनों के लिए उपयोगी साबित हुआ है। रोनक की लेखनी का फोकस जटिल तकनीकी टॉपिक्स को आसान भाषा में समझाना है, जिससे क्रिप्टो स्पेस में ट्रस्ट और क्लैरिटी बनी रहे। उन्होंने CoinGabbar.com, Medium और अन्य क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए ब्लॉग्स और न्यूज़ स्टोरीज़ लिखी हैं, जिनमें क्रिएटिविटी और रिसर्च का संतुलन होता है। रोनक की स्टाइल डिटेल-ओरिएंटेड और रिस्पॉन्सिव है, और वह तेजी से बदलते क्रिप्टो परिदृश्य में एक विश्वसनीय आवाज़ बनने की ओर अग्रसर हैं। LinkedIn पर प्रोफ़ाइल देखें या उनके आर्टिकल्स यहाँ पढ़ें।
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