Zero Gravity क्या है, इसके 0G Token के बारे में जानें, डिटेल में 

Zero Gravity क्या है, इसके 0G Token के बारे में जानें, डिटेल में 

हाल ही में हुए 0G Airdrop की सफलता के बाद Zero Gravity Project और इसका नेटिव टोकन चर्चा में आ गए हैं। आज हम इस ब्लॉग में, Artificial Intelligence के लिए इन्टरनेट ग्रेड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइड करने के उद्देश्य से बनाए गए इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि यह प्रोजेक्ट क्या है, यह कैसे काम करता है, इसमें अब तक हुए डेवलपमेंट, इसके फ्यूचर रोडमैप और 0G Tokenomics के बारे में विस्तार से।

Zero Gravity क्या है?

Zero Gravity, जिसे 0G Labs ने डेवलप किया है, एक AI-first Modular Blockchain है, जो Decentralized AI Operating System (DeAIOS) के रूप में काम करती है। सरल शब्दों में, ये एक Layer 1 प्लेटफ़ॉर्म है जिसे खास तौर पर AI Workloads जैसे मॉडल ट्रेनिंग, इंफ़रेंस और डेटा प्रोसेसिंग को ऑन-चेन रन कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इसका आर्किटेक्चर Sharding Mechanism पर आधारित है, जिससे यह स्केलेबल होने में सक्षम होती है। यानी इस पर बिना परफॉरमेंस से समझौता किए लाखों ट्रांज़ैक्शन और मॉडल रन कराये जा सकते हैं।

इसके चार खास फीचर इसे बाकी ब्लॉकचेन्स से अलग बनाते हैं:

  • Zero Gravity Chain: EVM-compatible Layer 1 Blockchain
  • 0G Storage: बड़े डेटासेट्स के लिए ऑप्टिमाइज्ड स्टोरेज
  • 0G Data Availability: डेटा तक तेज़ और भरोसेमंद पहुंच
  • 0G Compute: AI मॉडल्स को रन कराने के लिए कंप्यूट लेयर

इन्हें सुरक्षित बनाने के लिए Proof of Random Access (PoRA) का इस्तेमाल होता है, जबकि यह अपनी सिक्योरिटी Ethereum EigenLayer से शेयर करता है।

सितंबर 2025 में Aristotle Mainnet के लॉन्च के साथ Zero Gravity ने 100+ पार्टनर्स जैसे Chainlink, Google Cloud, Alibaba Cloud, Coinbase Wallet को ऑनबोर्ड किया है। ये पार्टनरशिप्स दिखाती हैं कि प्रोजेक्ट सिर्फ थ्योरी नहीं है बल्कि प्रैक्टिकल लेवल पर AI और Web3 को जोड़ रहा है।

अब सवाल ये है कि यह किस समस्या को हल करने के उद्देश्य से बनाया गया है?

यह किस प्रॉब्लम को सॉल्व कर रहा है?

आज के समय में सेंट्रलाइज्ड AI सिस्टम्स जैसे Chatbots और Image Generation Tools हर जगह इस्तेमाल हो रहे हैं, लेकिन इनके साथ कई बड़ी चुनौतियां आती हैं,

  • High Cost: बड़े AI मॉडल्स को ट्रेन करने में लाखों डॉलर खर्च होते हैं।
  • Low Scalability: सेंट्रलाइज्ड सर्वर्स पर लिमिटेड स्केलिंग।
  • Third-party Control: क्लाउड प्रोवाइडर्स पर डिपेंडेंसी।
  • Opaque Processes: यूजर्स के पास यह जानने का कोई भरोसेमंद तरीका नहीं होता कि डेटा कैसे हैंडल हो रहा है।

ब्लॉकचेन पर AI लाने की कोशिशें पहले भी हुईं, लेकिन Ethereum जैसी चेन पर हाई गैस फीस और स्लो ट्रांजैक्शन ने इन्हें स्केलेबल नहीं बनने दिया।

यहीं पर Zero Gravity फर्क लाता है। इसका मॉड्यूलर डिज़ाइन एक्सिक्यूशन को स्केलेबल बनाता है और मल्टी-कंसेंसस वैलिडेशन सिक्योरिटी सुनिश्चित करता है। इसकी Official Website के अनुसार, यह 11K TPS (Transactions Per Second) तक पहुंच सकता है, जो बड़े AI Workloads के लिए बेहद ज़रूरी है।

उदाहरण के लिए, Deepfake Detection जैसे केस में Zero Gravity क्रिप्टोग्राफिक वेरिफिकेशन के जरिए ट्रस्टलेस इन्फेरेंस प्रोवाइड करता है।

0G में हुए अब तक के डेवलपमेंट

0G Labs की टीम में 10 से ज्यादा PhDs और 5 Olympiad Gold Medalists शामिल हैं। उनकी मेहनत से प्रोजेक्ट ने पिछले कुछ सालों में कई माइलस्टोन्स हासिल किए हैं:

  • 2023 - Copernicus Testnet, जिसके द्वारा बेसिक स्केलेबिलिटी टेस्टिंग की गयी।
  • 2024 - Kepler Testnet, जिसके द्वारा AI-ऑप्टिमाइज्ड स्टोरेज और कंप्यूट का इंटीग्रेशन।
  • 2025 - Galileo Testnet, इसके द्वारा 650M से ज्यादा ट्रांजैक्शन्स, 22M एक्टिव अकाउंट्स और 8,000 से ज्यादा वैलिडेटर्स के साथ टेस्ट किया गया।
  • सितम्बर 2025 - Aristotle Mainnet Launch और ग्लोबल पार्टनरशिप।

सितंबर 2025 में Aristotle Mainnet का डिप्लॉयमेंट हुआ, जो वेरिफायबल AI और परमिशनलेस एजेंट इकोसिस्टम जैसे रियल-वर्ल्ड यूज़ केस को सपोर्ट करता है।

पार्टनरशिप्स में Modulus Labs, Ora Chain, Ledger, Fireblocks, Ankr शामिल हैं, जिससे Zero Gravity दुनिया के सबसे बड़े ब्लॉकचेन इकोसिस्टम्स के करीब पहुंच रहा है।

आइये अब इसके Token और इसके Tokenomics के बारे में जानते हैं।

0G Token और इसका Tokenomics

0G Token इस नेटवर्क का नेटिव टोकन है, जिसका इस्तेमाल ट्रांज़ैक्शन फीस, स्टेकिंग और गवर्नेंस, AI Alignment Nodes चलाने जैसे कामों में होता है, इसके Tokenomics पर नज़र डालें तो इसकी टोटल सप्लाई 1 बिलियन टोकन्स है, जिन्हें निम्नलिखित तरीके से एलोकेट किए जाने की योजना है, 

0G Tokenomics

Source: 0G Tokenomics की यह इमेज इसकी Official Site से ली गयी है।

  • कम्युनिटी और इकोसिस्टम ग्रोथ: 56% यानी 560M टोकन, कम्युनिटी रिवार्ड्स, इकोसिस्टम ग्रोथ और Node Operation के लिए एलोकेट किए गए हैं।
  • टीम और अर्ली बैकर्स: 44% यानी 440M टोकन, प्रोजेक्ट की टीम, एडवाइजर्स और शुरूआती सपोर्टर्स के लिए रखे गए हैं, यह टोकन 36 महीनों में लीनियर अनलॉक होंगे।

सितंबर 2025 में हुए टोकन अनलॉक के बाद इसकी Binance, KuCoin, MEXC, LBank, Kraken, HTX जैसे बड़े प्लेटफार्म पर लिस्टिंग्स हो चुकी है, जो दिखाता है कि इंडस्ट्री के बड़े प्लेयर्स भी इसके भविष्य को लेकर आशान्वित हैं।

स्पष्ट है कि इसका टोकनॉमिक्स बैलेंस्ड है और ग्रोथ को सपोर्ट करता है।

फाइनल वर्डिक्ट 

0G Labs का Zero Gravity सिर्फ एक ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि AI और Web3 के मेल से बना एक नेक्स्ट-जेनरेशन इकोसिस्टम है। Aristotle Mainnet के लॉन्च और 0G Token की मजबूत टोकनॉमिक्स इसे डेवलपर्स और इन्वेस्टर्स दोनों के लिए आकर्षक बनाती है।

भविष्य में, जैसे-जैसे AI ऑन-चेन शिफ्ट होगा, Zero Gravity जैसे प्रोजेक्ट्स हमें एक ओपन, एक्सेसिबल और फेयर AI Economy की ओर ले जाएंगे। अगर आप Web3 की नेक्स्ट वेव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो Zero Gravity एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जिस पर नज़र रखनी चाहिए।

About the Author Ronak Ghatiya Crypto Journalist, CryptoHindiNews.in

Ronak Ghatiya एक उभरते हुए क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका एजुकेशन और टेक्नोलॉजी में मजबूत बैकग्राउंड रहा है। उन्होंने पिछले 6 वर्ष में फाइनेंस, ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे विषयों पर डेटा-ड्रिवन और SEO-अनुकूल कंटेंट लिखा है, जो नए और प्रोफेशनल रीडर्स दोनों के लिए उपयोगी साबित हुआ है। रोनक की लेखनी का फोकस जटिल तकनीकी टॉपिक्स को आसान भाषा में समझाना है, जिससे क्रिप्टो स्पेस में ट्रस्ट और क्लैरिटी बनी रहे।

उन्होंने CoinGabbar.com, Medium और अन्य क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए ब्लॉग्स और न्यूज़ स्टोरीज़ लिखी हैं, जिनमें क्रिएटिविटी और रिसर्च का संतुलन होता है। रोनक की स्टाइल डिटेल-ओरिएंटेड और रिस्पॉन्सिव है, और वह तेजी से बदलते क्रिप्टो परिदृश्य में एक विश्वसनीय आवाज़ बनने की ओर अग्रसर हैं। LinkedIn पर प्रोफ़ाइल देखें या उनके आर्टिकल्स यहाँ पढ़ें।

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