Surat Crypto Scam, परिवारिक पहचान ने ही बनाया शिकार
Surat Crypto Scam की चौंकाने वाली कहानी, 44 लाख की Crypto ठगी
Surat Crypto Scam का एक नया मामला सामने आया है, जिसमें सूरत के एक 54 वर्षीय डायमंड ब्रोकर को 44 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। यह मामला इसलिए और गंभीर माना जा रहा है क्योंकि यह धोखा उन्हें उन्हीं लोगों ने दिया जिन पर वे 40 साल से भरोसा करते थे। परिवार जैसे रिश्ते, ऊँचे रिटर्न का लालच और फर्जी क्रिप्टो निवेश इन सबने मिलकर इस बड़ी ठगी को जन्म दिया। अब इस घटना ने सूरत में बढ़ रहे ऐसे मामलों पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

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Surat Crypto Scam कैसे हुआ
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित बबलू शियोरा, जो पेशे से डायमंड ब्रोकर हैं, सूरत के मातावाडी क्षेत्र में रहते हैं। उन्होंने 2022 और 2023 के बीच “Enjoy Overseas” नाम की एक फर्जी कंपनी में पैसे लगाए। इस कंपनी का ऑफिस योगी चौक में बताया गया था और इसे क्रिप्टो निवेश प्लेटफॉर्म की तरह दिखाया गया था।
इस मामले में मुख्य आरोपी हैं चेतन नकुम और उसके कज़िन मधुर कतारिया। दोनों ने शियोरा को हाई प्रॉफिट का वादा किया था। खास बात यह है कि शियोरा को चेतन के पिता दलपत नकुम ने इस निवेश से परिचित कराया था, जिन पर शियोरा 40 साल से भरोसा करते थे। इसी भरोसे के चलते उन्होंने बिना जांच किए बड़ा अमाउंट लगा दिया।
पुलिस ने जांच शुरू की
शिकायत दर्ज होते ही पुलिस ने Surat Crypto Scam के इस मामले में IPC की धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। जांच टीम अब कंपनी, बैंक ट्रांज़ैक्शन और डिजिटल वॉलेट्स की जांच कर रही है। सूरत पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में लोग भरोसे के आधार पर निवेश कर लेते हैं और यही सबसे बड़ी कमजोरी बनती है।
Surat Crypto Scam क्यों बढ़ रहे हैं
हाल ही में ताजा खबरों के अनुसार, Surat के युवक ने Crypto से की Pakistan में Money Laundering लेकिन अब युवक को पाकिस्तान स्थित क्रिप्टो वॉलेट में अवैध रूप से ₹10 करोड़ मनी लॉन्डरिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी गुजरात CID-Crime द्वारा उजागर ₹200 करोड़ के साइबर क्राइम नेटवर्क से जुड़ी कार्रवाई का हिस्सा है।
- Times of India की रिपोर्ट बताती है कि 2025 में सूरत शहर में ऐसे कई मामलें बढ़ गए है।
- लगभग ₹515 करोड़ से अधिक की ठगी 2025 में केवल डायमंड ट्रेडर्स के साथ क्रिप्टो स्कैम में हुई है।
- RBI ने भी चेताया है कि भारत में 2024-25 में हुए क्रिप्टो फ्रॉड में से 80% मामले रिश्तेदारों, दोस्तों या सोशल कांटेक्ट के जरिए हुए, जिसे "Social Engineering Scam" कहा जाता है।
एनालिस्ट का इस पर क्या कहना है
क्रिप्टो एनालिस्ट ने कहा कि यह एक और उदाहरण है जहाँ लोग “भरोसे” के आधार पर क्रिप्टो में पैसा लगा देते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी निवेश में “पर्सनल रिलेशन” को आधार बनाना बहुत जोखिम भरा है। उनका कहना है कि हर निवेश को वेरिफाई करना जरूरी है, भले ही सलाह देने वाला कोई करीबी ही क्यों न हो।
Enjoy Overseas कैसे बना ठगी का ज़रिया
जांच में सामने आए मुख्य पॉइंट्स।
- “Enjoy Overseas” नाम से एक फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म दिखाया गया।
- पीड़ित से कहा गया कि रकम क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स में लगाई जाएगी और 2-3 गुना रिटर्न मिलेगा।
- P2P ट्रांज़ैक्शन और कैश-बेस्ड डील्स के जरिए रकम ली गई, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल हो जाती है।
- ऐसी टेक्नोलॉजी का उपयोग कई क्रिप्टो स्कैम्स में दिखाया गया है, यह जानकारी साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स भी कन्फर्म करते हैं।
परिवार और कम्युनिटी का भरोसा बना सबसे बड़ा हथियार
इस Surat Crypto Scam की सबसे खतरनाक बात यह है कि स्कैमर्स ने भरोसे का फायदा उठाया। पीड़ित ने खुद स्वीकार किया कि उन्होंने सिर्फ इसलिए निवेश किया क्योंकि उन्हें परिचित परिवार ने सलाह दी थी। कई एनालिस्ट ने इसे “फैमिली-बेस्ड स्कैम पैटर्न” कहा है, जो गुजरात और राजस्थान में बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
कुछ समय पहले भी Surat Crypto Fraud में फर्जी टोकन स्कीम का पर्दाफाश हुआ था। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी क्रिप्टोकरेंसी योजनाओं के नाम पर 3 से 4 गुना रिटर्न का लालच देकर निवेशकों से लगभग ₹54 लाख की ठगी की थी।
निवेश के लालच में खोई ₹44 लाख की रकम, क्या सीखा जाए
Surat Crypto Scam की शुरुआत तब हुई जब आरोपियों ने कहा कि क्रिप्टो निवेश से शियोरा को बहुत जल्दी हाई रिटर्न मिल सकता है। शुरुआती वादों में कहा गया कि पैसा कुछ हफ्तों में दोगुना हो जाएगा। विश्वास के चलते शियोरा ने धीरे-धीरे 44 लाख रुपये निवेश कर दिए। लेकिन समय बीतता गया और रिटर्न के नाम पर कुछ नहीं मिला।
जब पीड़ित ने कई बार पैसे वापस मांगने की कोशिश की, तो आरोपियों ने बहाने बनाना शुरू कर दिया। बाद में उनका कांटेक्ट टूट गया और अंत में शियोरा को समझ आ गया कि यह पूरा सेटअप धोखाधड़ी था। इसके बाद उन्होंने वराछा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
मेरे 7 साल के क्रिप्टो रिसर्च एक्सपीरियंस में यह मामला साफ दिखाता है कि भारत में अधिकतर क्रिप्टो स्कैम भरोसे और हाई रिटर्न के लालच से शुरू होते हैं। किसी भी निवेश को वेरिफाई करना सबसे महत्वपूर्ण कदम है। बिना लाइसेंस, बिना रेगुलेशन और बिना ट्रांसपेरेंसी वाले प्लेटफॉर्म हमेशा खतरा पैदा करते हैं।
कन्क्लूजन
Surat Crypto Scam का यह मामला बताता है कि क्रिप्टो निवेश हमेशा जोखिम से भरा होता है और बिना रिसर्च किए किसी भी प्रोजेक्ट में बड़ा अमाउंट लगाना बेहद खतरनाक है। चाहे सलाह देने वाला कितना भी भरोसेमंद क्यों न हो, निवेश से पहले कंपनी की ऑथेंटिसिटी, लाइसेंस और ट्रांज़ैक्शन सिस्टम की जांच करना आवश्यक है। इस घटना ने सूरत के ट्रेडर्स और आम निवेशकों दोनों को चेतावनी दी है कि “हाई रिटर्न” का लालच अक्सर बड़े नुकसान का कारण बन सकता है।
डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ केवल जानकारी के उद्देश्य से है। इसका उद्देश्य किसी भी क्रिप्टो प्रोजेक्ट, प्लेटफॉर्म या व्यक्ति को प्रमोट करना नहीं है। क्रिप्टो निवेश हाई रिस्क वाला होता है, इसलिए किसी भी स्कीम या ऑफर में पैसा लगाने से पहले उसकी पूरी जांच करें और कानूनी सलाह लें।
