लुटेरी दुल्हन ने किया Crypto Scam, टेक्नीकल एक्सपर्ट को लगाया चूना
सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के साथ लुटेरी दुल्हन ने किया Crypto Scam
भारत में Mr Mint Crypto Scam के बाद अब एक नया स्कैम सुर्खियों में है, जो है लुटेरी दुल्हन से जुड़ा क्रिप्टो स्कैम। दरअसल Hyderabad के Tarnaka में रहने वाला एक 42 वर्षीय सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल (टेक्नीकल एक्सपर्ट) हाल ही में एक Crypto Scam का शिकार हो गया। इस क्रिप्टो स्कैम की चौकाने वाली बात यह थी कि टेक्नीकल एक्सपर्ट के साथ स्कैम करने वाली महिला उसकी होने वाली पत्नी थी।
जानकारी के अनुसार आरोपी महिला ने पीड़ित के समक्ष खुद को यूरोप में रहने वाली एक ब्राइड के रूप में पेश किया और शादी के बहाने उसे डिजिटल इन्वेस्टमेंट में फंसाया। इस फर्जी निवेश के चलते शिकार ने कुल ₹59.5 लाख गंवा दिए। Hyderabad Cyber Crime Police ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानिए टेक्नीकल एक्सपर्ट कैसे हुआ शिकार
इस घटनाक्रम की शुरुआत मई 2025 में हुई थी, जब पीड़ित ने divorceematrimony.com पर Baghya Shree नाम की एक महिला से संपर्क किया। महिला ने खुद को नीदरलैंड में रहने वाली भारतीय मूल की महिला बताया जो एक तलाकशुदा थी और दौबारा शादी करने की इच्छुक थी। अपनी बात और अपने आप पर भरोसा दिलाने के लिए महिला और उसके कथित माता-पिता ने कई हफ्तों तक वीडियो कॉल और बातचीत के जरिए शिकार और उसके परिवार का भरोसा जीता।
भरोसा बनने के बाद, उन्होंने शिकार को m.bitcoin-of.com पोर्टल के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए मनाया। उन्होंने कहा कि निवेश से होने वाले लाभ भविष्य में उनके जीवन में काम आएँगे। फिर पीड़ित द्वारा किए गए शुरूआती छोटे निवेश ने तुरंत रिटर्न दिखाए गए और उसे ₹5,000 निकालने की अनुमति भी दी गई। पुलिस के अनुसार यह ट्रिक अक्सर भरोसा बनाने के लिए इस्तेमाल होती है।
क्रिप्टो स्कैम में युवक ने गंवाए 60 लाख
भरोसे के बाद, पीड़ित ने 22 मई से 30 सितंबर 2025 के बीच कुल 16 ट्रांसफर किए। ये पैसे ICICI, SBI और Axis बैंक के अकाउंट्स से कम से कम 15 अलग-अलग करंट अकाउंट्स में गए, जो गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में फैले हुए थे। सबसे बड़ा ट्रांसफर ₹9 लाख का था। कुल मिलाकर पीड़ित ने ₹59.5 लाख गंवा दिए।
जब शिकार ने ₹2.27 करोड़ का प्रॉफिट निकालने की कोशिश की, तो धोखाधड़ी करने वालों ने अतिरिक्त ‘टैक्स’ और सर्विस चार्ज की मांग की। पीड़ित ने इन चार्ज का पेमेंट करने से इनकार किया और इसके बाद धोखेबाज गायब हो गए और पोर्टल का एक्सेस ब्लॉक कर दिया।
साइबर क्राइम पुलिस की कार्रवाई
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने IPC और IT Act के तहत मामला दर्ज किया। इसमें Sections 66-C और 66-D के अलावा भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधान शामिल हैं, जैसे कि ऑर्गनाइज्ड क्राइम, धोखाधड़ी, व्यक्तित्व की नकल और फोर्जरी।
पुलिस का कहना है कि यह मामला डिजिटल निवेश में बढ़ती धोखाधड़ी की ओर इशारा करता है। साथ ही यह चेतावनी देता है कि बिना जांच-पड़ताल के निवेश करना बेहद खतरनाक हो सकता है।
कम समय में बड़े प्रॉफिट कमाने के लालच में होता है Crypto Scam
अपने पिछले 13 सालों से डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर लिखने के अनुभव से कहूँ तो इस मामले ने साफ कर दिया है कि चाहे शिकार तकनीकी रूप से कितना भी सक्षम क्यों न हो, धोखाधड़ी करने वाले अपनी रणनीति से किसी को भी फंसा सकते हैं।
Crypto Scam में अक्सर भावनाओं और भरोसे का खेल होता है। डिजिटल निवेश में कभी भी तुरंत लाभ दिखाने वाली योजनाओं पर भरोसा नहीं करना चाहिए। मेरा मानना है कि लोगों को पहले प्लेटफॉर्म की वैधता, रिव्यू और रेगुलेटरी अप्रूवल की जाँच करनी चाहिए। इसके अलावा, परिवार या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से सलाह लेना भी जरूरी है।
सावधानी और सुरक्षा
- शुरुआत में छोटे निवेश करें - बड़ी राशि लगाने से पहले हमेशा जांच करें।
- लिंक और पोर्टल की वैधता जाँचें - संदिग्ध वेबसाइटों से दूर रहें।
- संभावित लाभ की लालच से बचें - जो तुरंत भारी लाभ दिखाते हैं, वे अक्सर धोखेबाज होते हैं।
- कानूनी और साइबर सलाह लें - निवेश से पहले एक्सपर्ट से राय लें।
- साइबर क्राइम पुलिस ने भी लोगों को चेताया है कि वे ऐसे पोर्टल और प्रोफाइल से सावधान रहें जो व्यक्तिगत जानकारी और पैसे मांगते हैं।
Source - यह इमेज Hyderabad Cyber Crime Police की Website से ली गई है
Crypto Scam का बढ़ता खतरा
डिजिटल एसेट्स और क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते उपयोग के साथ, Crypto Scam भी तेजी से बढ़ रहा है। फ्रॉड करने वाले भावनाओं, रिश्तों और भरोसे का फायदा उठाकर लोगों को फंसाते हैं। टेक्नीकल एक्सपर्ट भी इससे अछूते नहीं हैं।
इस तरह की घटनाएं इंडस्ट्री के लिए भी चेतावनी हैं कि सिक्योरिटी मेजर्स को और मजबूत किया जाए। निवेशक प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने और एंटिफ्रॉड टूल्स अपनाने की जरूरत है।
कन्क्लूजन
हैदराबाद में हुए यह शिकार का मामला साफ करता है कि Crypto Scam सिर्फ तकनीकी कमी के कारण नहीं होता, बल्कि धोखेबाजों की चालाकी और भावनाओं पर खेल की वजह से भी होता है। निवेश से पहले पूरी जानकारी, प्लेटफॉर्म की वैधता और एक्सपर्ट की सलाह लेना जरुरी है।
सरकारी और साइबर एजेंसियों को भी ऐसे मामलों पर तेज़ी से कार्रवाई करनी चाहिए और निवेशकों को जागरूक करना चाहिए। यही उपाय भविष्य में डिजिटल इन्वेस्टमेंट को सुरक्षित बना सकते हैं।