CoinDCX Hack vs WazirX Hack, जानिए क्या है दोनों में मुख्य अंतर
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CoinDCX Hack vs WazirX Hack, क्या है दोनों में मुख्य अंतर

भारत में क्रिप्टो एक्सचेंजों की सुरक्षा अब सिर्फ एक टेक्नीकल मुद्दा नहीं रही, बल्कि यह एक नेशनल लेवल का मुद्दा बन चुका है। CoinDCX और WazirX जैसे दो बड़े भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज गंभीर साइबर हमलों का शिकार हुए हैं। हालांकि दोनों घटनाएं हैकिंग से जुड़ी थीं, लेकिन इनकी प्रकृति, कारण, प्रतिक्रिया और परिणाम एक-दूसरे से काफी भिन्न थे। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे CoinDCX Hack vs WazirX Hack के बीच मुख्य अंतर और इससे भारतीय क्रिप्टो इकोसिस्टम पर क्या प्रभाव पड़ा है।

CoinDCX Hack में ऑपरेशनल वॉलेट बना निशाना

CoinDCX पर 19 जुलाई 2025 को एक बड़ा साइबर अटैक हुआ जिसमें लगभग $44.2 मिलियन (₹368 करोड़) की चोरी हुई। यह फंड एक Internal Operational Wallet से निकाला गया था, यानी यूजर्स के पर्सनल वॉलेट्स और Cold Wallets सुरक्षित थे। CoinDCX Hack की घटना के बाद एक्सचेंज ने तुरंत एक्शन लिया, प्रभावित सिस्टम्स को आइसोलेट किया और CERT-In, ब्लॉकचेन फोरेंसिक एजेंसियों व अन्य पार्टनर्स के साथ जांच शुरू की।

हैक का कारण मुख्यतः सर्वर-साइड वल्नरेबिलिटी और ऑटोमेटेड क्रॉस-चेन लिक्विडिटी प्रोविजनिंग सिस्टम की सुरक्षा में खामी रहा। हालाँकि, यूजर्स के फंड कोल्ड स्टोरेज में सिक्योर थे। कंपनी ने एक 25% Recovery Bounty ($11M) की भी घोषणा की है, जो ट्रांसपेरेंसी और यूज़र सिक्योरिटी को लेकर एक पॉजिटिव स्टेप माना गया।

CoinDCX Hack vs WazirX Hack

Source - Sumit Gupta x Post

WazirX Hack, यूज़र फंड पर सीधा हमला

इसके विपरीत, WazirX पर जुलाई 2024 में हुए साइबर हमले में हैकर्स ने एक्सचेंज के Multi-Signature Cold Wallet को टारगेट किया और करीब $234.9 मिलियन (₹2,000 करोड़) की राशि चुरा ली। रिपोर्ट्स के अनुसार इस हमले के पीछे कुख्यात Lazarus Group का हाथ था, जो एक स्टेट-बैक्ड हैकिंग संगठन माना जाता है।

इस हमले में यूज़र्स की डायरेक्ट फाइनेंशियल लॉस हुआ। इतना ही नहीं, WazirX को अपने बिजनेस ऑपरेशन अस्थाई रूप से बंद करने पड़े और एक Restructuring योजना भी बनाई गई, जिसे बाद में सिंगापुर हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।

CoinDCX Hack vs WazirX Hack: प्रमुख अंतर

जब हम CoinDCX Hack vs WazirX Hack की तुलना करते हैं, तो कुछ स्पष्ट बिंदु सामने आते हैं:

पहलूCoinDCX HackWazirX Hack
घटना की तारीखजुलाई 2025जुलाई 2024
चोरी की राशि$44M (~₹368Cr)$235M (~₹2000Cr)
प्रभावित वॉलेटInternal operationalMulti-signature cold wallet
यूज़र फंड्स पर असरनहींहाँ
हमलावरसंदिग्ध: Lazarus Groupप्रमाणित: Lazarus Group
प्रतिक्रियापारदर्शी, Recovery Bountyसंचालन बंद, विवादास्पद योजना
नियामकीय हस्तक्षेपCERT-In जांचSingapore HC हस्तक्षेप

इन बिंदुओं से साफ है कि CoinDCX की हैकिंग टेक्नोलॉजिकली लिमिटेड और फ़ास्ट कंट्रोल्ड की गई थी, जबकि WazirX Hack की घटना में गवर्नेंस फेलियर भी शामिल रहा।

CoinDCX Hack vs WazirX Hack, ट्रांसपेरेंसी और जवाबदेही में अंतर

CoinDCX ने अटैक के तुरंत बाद अपने प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर स्थिति स्पष्ट की और जांच की जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा की। वहीं WazirX ने घटना की जानकारी देरी से दी, जिससे निवेशकों में घबराहट और अविश्वास बढ़ा। CoinDCX की ट्रांसपेरेंसी को यूज़र कम्युनिटी और विशेषज्ञों ने सराहा, जबकि WazirX को गोपनीयता और गवर्नेंस में कमी के लिए आलोचना झेलनी पड़ी।

CoinDCX Hack vs WazirX Hack से यूज़र्स के लिए सीख, सुरक्षा की नई परिभाषा

CoinDCX Hack vs WazirX Hack के उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि क्रिप्टो निवेश केवल टेक्नोलॉजी या मुनाफे की बात नहीं है, बल्कि यह सिक्योरिटी, ट्रांस[पेरेंसी और जवाबदेही से भी जुड़ा हुआ है। CoinDCX ने अपने Cold Wallet इंफ्रास्ट्रक्चर से यूज़र्स के फंड को पूरी तरह सिक्योर रखा, जबकि WazirX की Multisig व्यवस्था के बावजूद Signature Bypass कर लिया गया। इससे पता चलता है कि केवल टेक्नोलॉजिकल उपाय पर्याप्त नहीं, बल्कि प्रक्रिया और गवर्नेंस की गुणवत्ता भी अहम है।

रेगुलेटरी रोल और भारत का क्रिप्टो फ्यूचर

इन दोनों घटनाओं ने भारतीय रेगुलेटरी को भी झकझोर कर रख दिया है। CERT-In जैसी एजेंसियों ने CoinDCX की जांच शुरू की और वर्ल्डवाइड ब्लॉकचेन ट्रेसिंग फर्मों से मदद ली गई। वहीं WazirX की स्थिति में रेगुलेटरी इंटरवेंशन सिंगापुर जैसे देशों से हुआ और मामला इंटरनेशनल कोर्ट तक जा पहुँचा।

इन घटनाओं से साफ है कि भारत को एक ठोस क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की सख्त जरूरत है, जिसमें साइबर सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता दी जाए।

कन्क्लूजन

CoinDCX Hack vs WazirX Hack की कम्परेटिव रिव्यू यह दर्शाता है कि दोनों घटनाएं भारत के क्रिप्टो जगत के लिए चेतावनी हैं। CoinDCX की स्थिति में बेहतर सिक्योरिटी स्ट्रेटजी, फास्ट रिस्पांस और ट्रांसपेरेंसी ने एक्सचेंज को भारी संकट से उबरने में मदद की। वहीं WazirX को यूज़र फंड की सीधी हानि, गवर्नेंस में कमी और कानूनी विवादों का सामना करना पड़ा।

इसलिए यदि आप क्रिप्टो में निवेश करते हैं तो केवल लाभ नहीं, बल्कि एक्सचेंज की सिक्योरिटी पॉलिसी, ट्रांसपेरेंसी और क्राइसिस रिस्पांस कैपेबिलिटी को भी समझना आवश्यक है। CoinDCX Hack vs WazirX Hack इस बात का प्रतीक है कि भरोसा केवल टेक्नोलॉजी से नहीं, बल्कि मैनेजमेंट से बनता है।

Rohit Tripathi

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है।

वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।”

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