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Ethereum Governance Model किस तरह से काम करता है?

Ethereum सिर्फ एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म नहीं है बल्कि यह एक लगातार विकसित होने वाला नेटवर्क और कम्युनिटी है, जो कई लोगों के भरोसे पर टिका है। लेकिन जब किसी सिस्टम का कोई ओनर नहीं होता, तो ये सवाल उठता है कि, इसमें डिसिजन कौन लेता है? यही सवाल Ethereum Governance Model को समझने की जरुरत का कारण बनता है।

इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि Ethereum की Governance कैसे काम करती है, इसमें किस-किस की भूमिका होती है और EIPs से लेकर कम्युनिटी डिबेट तक, कैसे एक डिसेंट्रलाइज़्ड नेटवर्क अपने निर्णयों को लागू करता है।

Ethereum में Governance की ज़रूरत क्यों है?

Ethereum जैसे ओपन-सोर्स प्रोटोकॉल के लिए Governance सिर्फ पॉलिसी मेकिंग प्रोसेस नहीं होती, बल्कि नेटवर्क की स्टेबिलिटी और डेवलपमेंट का आधार होती है।

Ethereum पर लगातार नए स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट, dApps और प्रोटोकॉल डिप्लॉय होते रहते हैं, जिससे इसमें टेक्निकल बदलावों की ज़रूरत बनी रहती है लेकिन इन बदलावों को लागू करने के लिए कोई सेंट्रल अथॉरिटी नहीं होती। ऐसे में एक ऐसे इंटीग्रेटेड लेकिन डिसेंट्रलाइज़्ड मॉडल की जरुरत होती है, जो भरोसेमंद भी हो और बदलाव के प्रति फ्लेक्सिबल भी।

Ethereum Governance Model के मैन पिलर

Ethereum Governance Model में कम्युनिटी, Ethereum Foundation, कोर डेवलपर्स, Validators और Node Operators के बीच कई हिस्सों में बंटी हुई है और हर पिलर की अपनी भूमिका है:

  • कम्युनिटी: सभी यूज़र्स, डेवलपर्स, स्टेकहोल्डर्स और नेटवर्क पार्टिसिपेंट
  • Ethereum Foundation: रिसर्च, ग्रांट्स और लॉन्ग-टर्म रोडमैप में मुख्य भूमिका
  • Core Developers: कोड लिखते हैं, EIPs को इम्प्लीमेंट करते हैं
  • Validators और Node Operators: Ethereum Network को रन करते हैं और नेटवर्क को सुरक्षित रखते हैं

इन सभी स्टैक होल्डर्स के बीच सहयोग के कारण ही Ethereum लगातार इवोल्व होता रहता है।

Ethereum Improvement Proposals (EIPs) क्या होते हैं?

Ethereum में किसी भी बदलाव को ऑफिशियली इम्प्लीमेंट करने की शुरुआत EIP के माध्यम से  ही होती है।

  • EIP (Ethereum Improvement Proposal) एक डॉक्यूमेंट होता है जिसमें किसी बदलाव का पूरा प्लान, टेक्निकल डिटेल और इम्पैक्ट शामिल होते हैं।
  • यह GitHub पर पब्लिश होता है और कम्युनिटी द्वारा ओपन डिबेट में भाग लिया जाता है।
  • जब कोई EIP सभी Stakeholders द्वारा स्वीकार किया जाता है, तब उसे Ethereum Upgrade में शामिल किया जाता है।

EIPs के प्रकार:

  • Core: यह नेटवर्क में बदलाव लाते हैं
  • ERC Token Standards: जैसे ERC-20, ERC-721 आदि 
  • Meta: प्रोसेस और गवर्नेंस से जुड़े मुद्दों के लिए 
Community का रोल: कौन लेता है अंतिम निर्णय?

Ethereum में अंतिम निर्णय कोई एक संस्था नहीं लेती बल्कि यह सोशल कंसेंसस के ज़रिए होता है।

  • जब कोई EIP प्रपोज होता है, तो GitHub, Discord, Ethereum Magicians और X जैसे प्लेटफॉर्म पर उसके बारे में चर्चा होती है।
  • अगर कम्युनिटी, Core Developers और Node Operators उस पर सहमत होते हैं, तो वह धीरे-धीरे इम्प्लीमेंट किया जाता है।
  • अगर सहमती नहीं बन पाती है, तो नेटवर्क फोर्क हो सकता है जैसा कि DAO Hack के बाद हुआ था।

इससे पता चलता है कि Ethereum Governance Model का अप्प्रोच Bottom-up है, जहां कम्युनिटी की भूमिका अहम होती है।

Ethereum Foundation: Leader या Facilitator?

Ethereum Foundation (EF) एक Non-profit आर्गेनाइजेशन है जो Ethereum के लॉन्ग टर्म  डेवलपमेंट और रिसर्च में योगदान करती है।

  • EF का काम है, फंडिंग देना, रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देना और नए डेवलपर्स को ट्रेन करना है।
  • हालांकि EF की कोई पॉवर कंट्रोलिंग नहीं है बल्कि यह केवल एक फैसिलिटेटर की भूमिका निभाता है।
  • Vitalik Buterin, EF का चेहरा ज़रूर हैं, लेकिन वे भी कम्युनिटी की राय से ऊपर नहीं हैं।
On-chain vs Off-chain Governance: Ethereum Governance Model कौन-सा है?

Ethereum Governance Model मुख्यतः Off-chain है, इसके अधिकांश फैसले GitHub और dev calls, Discussions Forums और Community Platforms पर होते हैं। Ethereum में ऑन-चेन वोटिंग या DAO आधारित निर्णय बहुत कम होते हैं।

इससे उलट कुछ प्रोटोकॉल जैसे Polkadot या Tezos ने ऑन-चेन गवर्नेंस को अपनाया है, जहां यूज़र्स ब्लॉकचेन पर ही वोट करते हैं। Ethereum का Off-chain Governance Model में फ्लेक्सिबिलिटी तो है लेकिन साथ ही इसमें ट्रांसपेरेंसी और पार्टिसिपेशन को लेकर कुछ चुनौतियाँ भी हैं।

Ethereum Governance Model से जुड़ी आलोचनाएं

Ethereum Governance Model को पूरी तरह परफेक्ट नहीं कहा जा सकता है, इससे जुड़ी कुछ आलोचनाएँ भी सामने आती रही हैं, जैसे:

  • डिसिजन मेकिंग में Core Devs का इन्फ्लुएंस बहुत ज़्यादा होता है
  • आम यूज़र्स के पास ज़्यादा पार्टिसिपेशन या अपनी आवाज़ पहुचने का मौका नहीं होता है 
  • ऑफ-चेन डिसिजन में ट्रांसपेरेंसी और एकाउंटेबिलिटी की कमी होती है

इन समस्याओं को दूर करने के लिए Ethereum Community के द्वारा DAOs, Soulbound Token और सोशल लेयर्स पर आधारित Ethereum Governance Model पर लगातार एक्सपेरिमेंट कर रही है ।

Ethereum की सबसे बड़ी ताकत सिर्फ उसका कोड नहीं, बल्कि उसका डिसेंट्रलाइज़्ड लेकिन सबको डिसिजन में शामिल करने वाला Governance Model है। इसमें हर अपडेट, हर बदलाव एक खुली चर्चा, कम्युनिटी फीडबैक और टेक्निकल मेरिट के आधार पर सामने आता है।

जैसे-जैसे Ethereum आगे बढ़ रहा है, इसकी Governance ओर भी परिपक्व होती जा रही है और शायद यही वो मॉडल है जो दूसरे Web3 प्रोजेक्ट्स के लिए प्रेरणा बन सकता है।

Ronak GhatiyaRonak Ghatiya
Ronak Ghatiya
Hindi Content Writer
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