क्या Crypto से बेहतर है AI, जानिए कितनी है इस बात में सच्चाई
डिजिटल दुनिया में हर कुछ वर्षों में एक नई टेक्नोलॉजी का उभरना आम बात है, लेकिन कुछ टेक्नोलॉजी शोर ज्यादा और असर कम छोड़ती हैं। जहाँ क्रिप्टोकरेंसी (Crypto) और NFT ने बीते दशक में खूब चर्चा बटोरी, वहीं अब Artificial Intelligence (AI) केंद्र में है। हाल ही में Red Hat Summit 2025 में कंपनी के CTO Chris Wright ने कहा कि AI भले ही हाइप साइकिल में हो, लेकिन यह क्रिप्टो या NFT की तरह केवल एक बुलबुला नहीं है।
AI बनाम Crypto के बीच एक गहराई से तुलना
क्रिप्टोकरेंसी ने फाइनेंशियल वर्ल्ड में एक बड़ा परिवर्तन लाने का वादा किया था। लोगों ने Bitcoin, Ethereum जैसे टोकन्स में निवेश किया, लेकिन यह मार्केट अत्यधिक अस्थिर और नियामक अनिश्चितताओं से घिरा रहा। दूसरी ओर, AI धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से लगभग हर सेक्टर में अपनी जगह बना रहा है, चाहे वह हेल्थकेयर हो, एजुकेशन, लॉजिस्टिक्स या रिटेल।
Red Hat के अनुसार, AI की तुलना “Cloud Revolution” से की जा सकती है, जिसने कुछ ही वर्षों में पूरी इंडस्ट्री का ढांचा बदल दिया। Cloud की तरह ही AI भी लंबी जर्नी तय करेगा, लेकिन इसका असर स्थायी और प्रैक्टिकल होगा।
AI का संभावित असर, डिजिटल इनोवेशन की नई दिशा
AI टेक्नोलॉजी में मशीन लर्निंग, जनरेटिव AI, कंप्यूटर विज़न और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसी शाखाएं शामिल हैं जो बिजनेस से लेकर डेली लाइफ तक में उपयोगी साबित हो रही हैं। AI आधारित समाधान अब एंटरप्राइज सॉफ़्टवेयर, ऑटोमेशन टूल्स और डेटा एनालिटिक्स में रियल टाइम निर्णयों को आसान बना रहे हैं।
वहीं Crypto अभी तक, मेनस्ट्रीम में पूरी तरह घुल-मिल नहीं पाई है। क्रिप्टो मार्केट में अधिकतर ध्यान निवेश, ट्रेडिंग और संभावित रिटर्न पर रहा है, लेकिन रियल लाइफ के उपयोग की सीमाएं अब भी मौजूद हैं।
कौन है भविष्य की असली टेक्नोलॉजी?
एक क्रिप्टो राइटर होने के नाते मेरी व्यक्तिगत राय में, AI निश्चित रूप से एक अधिक स्थायी, व्यावसायिक रूप से लागू और प्रॉफिटेबल टेक्नोलॉजी है। जबकि Crypto ने डिजिटल करेंसी और डिसेंट्रलाइजेशन की नई अवधारणाएं पेश कीं, वहीं AI ने रियल इश्यूज के समाधान में स्पष्ट योगदान दिया है।
AI का उपयोग हेल्थ डायग्नोसिस, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, कस्टमर सर्विस और यहां तक कि कंटेंट जनरेशन तक में हो रहा है। दूसरी ओर, Crypto के साथ जो सबसे बड़ी समस्या है वो है, ट्रेडिशनल इन्वेस्टर्स और सरकारों द्वारा इसकी व्यापक स्वीकृति। Crypto फाइनेंशियल वर्ल्ड में एक नया रिवोल्यूशन ला सकता है बशर्ते इससे जुड़े रेगुलेशन को लेकर कोई स्पष्टता मिले।
Red Hat की AI को लेकर भूमिका
Red Hat जैसी कंपनियां अब AI को इंफ्रास्ट्रक्चर लेवल से सपोर्ट देने में जुटी हैं। Red Hat के CEO Matt Hicks की X पोस्ट के अनुसार, AI एरा में उनकी भूमिका GPU और AI मॉडल्स को किसी भी प्लेटफ़ॉर्म पर सक्षम करने की होगी, जैसे पहले Cloud के समय सर्वर-बूटिंग की होती थी।
इसका अर्थ है कि कंपनियों को अधिक फ्लेक्सिबिलिटी और चॉइस के साथ एंटरप्राइज ग्रेड AI सॉल्यूशन मिलेंगे। यह न केवल इनोवेशन को तेज करेगा बल्कि उद्यमों के संचालन में भी क्रांति लाएगा।
क्रिप्टो का सपना अब तक नहीं हुआ साकार
क्रिप्टो ने लोगों को फाइनेंशियल इंडिपेंडेंट, तेज ट्रांजैक्शन और डिसेंट्रलाइज्ड इकोनॉमी का सपना दिखाया था, लेकिन यह सपना पूरी तरह साकार नहीं हो सका। क्रिप्टो सेक्टर में बार-बार हुए एक्सचेंज हैक्स, रेगुलेटरी क्रैकडाउन और फाइनेंशियल फ्रॉड्स ने इसकी विश्वसनीयता को कम किया है। हालाँकि यह बेहतर हो सकता है बशर्ते सिक्योरिटी और रेगुलेशन पर ध्यान दिया जाए।
वहीँ दुनियाभर में AI को तेजी से अपनाया जा रहा है, एक रिपोर्ट की माने तो 2027 तक भारत का AI मार्केट 17 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है। यह तो केवल भारत से जुड़े आंकड़े हैं, अगर ग्लोबल लेवल पर देखा जाए तो पिक्चर और भी बड़ी नजर आती है।
कन्क्लूजन
AI और Crypto दोनों ही आधुनिक युग की रिवोल्यूशरी टेक्नोलॉजिस हैं, लेकिन व्यवहारिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो AI कहीं अधिक भरोसेमंद और परिणाम देने वाला साबित हो रहा है।
जहां Crypto एक एक्सपेरिमेंटल एरिया बना हुआ है, वहीं AI आज की समस्याओं को हल करने और भविष्य को आकार देने में पूरी तरह सक्षम है। इसीलिए, आने वाले वर्षों में AI को प्राथमिकता देना एक बेहतर और विवेकपूर्ण निर्णय कहा जा सकता है।