Mr Mint Crypto Scam में मुख्य आरोपी गिरफ्तार
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Mr Mint Crypto Scam में फर्म का डायरेक्टर गिरफ्तार

Mr Mint Crypto Scam मामले में एक बड़ी कार्रवाई

देशभर में सुर्खियां बटोर रहे Mr Mint Crypto Scam मामले में एक बड़ी कार्रवाई हुई है। मुंबई पुलिस ने  छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में दबिश देकर कंपनी के डायरेक्टर Balwinder Singh Chhabra को अपनी गिरफ्त में लिया है। यह गिरफ्तारी घोटाले के उस हिस्से से जुड़ी है जिसमें कंपनी पर करीब 1 करोड़ से अधिक निवेशकों से अरबों रुपए की ठगी करने के बेहद ही गंभीर आरोप लगे हैं। इस घोटाले को मनी लॉन्ड्रिंग की श्रेणी में रखा गया है। जुलाई में इस केस में पहले ही कंपनी के दो अन्य डायरेक्टर गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि मामले में एक आरोपी अब भी फरार है।

क्रिप्टो स्कैम में मुंबई पुलिस की कार्रवाई

मुंबई पुलिस की टीम सोमवार को स्थानीय पुलिस की मदद से अंबिकापुर पहुंची। वहां से उन्होंने Mr Mint Crypto Scam से जुड़े मुख्य आरोपी बलविंदर सिंह छाबड़ा को गिरफ्तार किया। बताया गया है कि मुंबई  पुलिस ने छाबड़ा के खिलाफ धारा 316(2), 316(5), 318(4), 351(3), 352, 3 (5) BNS के तहत केस दर्ज किया है। इसके अलावा Maharashtra Protection Act के सेक्शन 3 और 4 के तहत भी बलविंदर सिंह पर कार्रवाई की गई है।

Mr Mint Crypto Scam - Mr Mint Website

Source - यह इमेज Mr Mint की Website से ली गई है। 

मंगलवार को पुलिस ने कोर्ट से आरोपी बलविंदर सिंह की ट्रांजिट रिमांड भी हासिल कर ली, जिसके बाद आरोपी को मुंबई ले जाया गया। यह गिरफ्तारी उस घोटाले का एक और बड़ा अध्याय खोलती है, जिसने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि ठगी का यह असली नेटवर्क कितना बड़ा है और इसके तार किन-किन लोगों तक जुड़ते हैं।

Mr Mint Crypto Scam कैसे हुआ शुरू?

बता दे कि Mr Mint नाम की यह क्रिप्टो कंपनी कुछ वर्षों पहले शुरू हुई थी। इसका प्रचार सोशल मीडिया, इवेंट्स और मशहूर हस्तियों के माध्यम से बेहद आक्रामक तरीके से किया गया था। कंपनी ने निवेशकों को क्विक प्रॉफिट और स्टेबल इनकम के सपने दिखाए थे।

जानकारी के अनुसार, कंपनी के प्रमोटरों ने फर्जी टोकन और फेक क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म बनाए, जिन पर यह दिखाया गया कि निवेशकों की रकम तेजी के साथ बढ़ रही है। लेकिन असल में ये सभी आंकड़े डिजिटल फ्रॉड थे।

Mr Mint Crypto Scam के तहत देशभर में करोड़ों लोगों से अरबों रुपए जुटाए गए, जिनमें से बड़ी रकम को कथित तौर पर डॉलर में कन्वर्ट कर दुसरे देश भेजा गया। जब लोगों को अपना निवेश वापस नहीं मिला, तो उन्होंने शिकायत दर्ज कराई।

सेलिब्रिटीज और स्पोर्ट्स स्टार्स से कराई गई प्रमोशन

रिपोर्ट्स के मुताबिक, Mr Mint Crypto Scam के संचालकों ने आम लोगों में अपना भरोसा बढ़ाने के लिए भारतीय क्रिकेटरों और बैडमिंटन प्लेयर्स से प्रचार कराया था। कई नामी हस्तियाँ इस प्रमोशनल कैंपेन में दिखाई दिए, जिससे आम लोगों में कंपनी के प्रति भरोसा जगा।

इसके अलावा, बड़े सेमिनार और लॉन्च इवेंट्स का आयोजन भी किया गया, जिनमें लक्ज़री सेटअप और चमक-दमक का इस्तेमाल किया गया ताकि निवेशकों को यह महसूस हो कि यह एक वैध और सफल कंपनी है। इसी दिखावे के कारण हजारों लोग कंपनी की झांसे में फंस गए।

जुलाई 2025 में मुंबई और रायपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने कंपनी के दो अन्य डायरेक्टर्स प्रमोद साहू और राहुल भदोरिया को योजना बनाकर गिरफ्तार किया था। मामले में रायपुर निवासी संदीप साहू अब भी फरार  है।

मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच जारी

भारतीय जांच एजेंसियों के अनुसार, Mr Mint Crypto Scam को एक मनी लॉन्ड्रिंग केस के तौर पर देखा जा रहा है। आरोप है कि कंपनी के डायरेक्टर्स ने निवेशकों की रकम को पहले फर्जी अकाउंट्स में ट्रांसफर किया और बाद में उसे फॉरेन करेंसी में कन्वर्ट कर ऑफशोर अकाउंट्स में भेज दिया।

जांच अधिकारियों ने बताया कि इस घोटाले में न सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का दुरुपयोग किया गया, बल्कि इंटरनेशनल नेटवर्क का भी सपोर्ट लिया गया। कई ट्रांजैक्शन्स ऐसे हैं जो Blockchain के जरिए ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं, जिससे यह साफ झलकता है कि ठगों ने पूरी योजना के साथ में यह स्कैम किया था।

Crypto Regulation की सख्त जरूरत

Mr Mint Crypto Scam का मामला सिर्फ एक फ्रॉड नहीं, बल्कि यह भारत में Crypto Regulation की कमी का परिणाम है। आज भी कई निवेशक बिना किसी सिक्योरिटी के डिजिटल करेंसी में पैसा लगा रहे हैं। भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर फिलहाल कोई स्पष्ट कानून नहीं है, जिससे स्कैम करने वालों को खुली छूट मिल जाती है।

सरकार और RBI को अब मिलकर एक सख्त रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना चाहिए, जिसमें निवेशकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दिया जाए। साथ ही, ऐसे प्लेटफॉर्म्स की लिस्टिंग और प्रमोशन पर कड़ा नियंत्रण होना चाहिए ताकि कोई भी फेक कंपनी “क्रिप्टोकरेंसी” के नाम पर लोगों की खून-पसीने की मेहनत की कमाई न लूट सके।

कन्क्लूजन

Mr Mint Crypto Scam एक चेतावनी है, कि हर चमकती चीज सोना नहीं होती। क्रिप्टो इंडस्ट्री में जहां असली इनोवेशन मौजूद है, वहीं स्कैमर्स भी उसी स्पीड से बढ़ रहे हैं। निवेशकों को हर प्रोजेक्ट में निवेश करने से पहले उसकी टेक्निकल डिटेल, लिस्टिंग हिस्ट्री और टीम का बैकग्राउंड अच्छी तरह से जांच लेना चाहिए।

इस केस ने एक बार फिर साबित किया है कि बिना रेगुलेशन के इन्वेस्टमेंट कितनी खतरनाक हो सकती है। अब देखना यह होगा कि मुंबई पुलिस और अन्य एजेंसियां इस घोटाले के बाकी आरोपियों तक कब पहुंच पाती हैं और क्या निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल पाता है या नहीं।

About the Author Rohit Tripathi

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है।

वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।”

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यह एक बड़े पैमाने पर हुआ क्रिप्टो फ्रॉड है, जिसमें निवेशकों से अरबों रुपए की ठगी की गई।
लगभग 1 करोड़ से अधिक निवेशक इस स्कैम से प्रभावित हुए हैं।
बलविंदर सिंह छाबड़ा, प्रमोद साहू और राहुल भदोरिया गिरफ्तार हैं।
रायपुर निवासी डायरेक्टर संदीप साहू अब भी फरार बताया जा रहा है।
शुरुआती जांच के मुताबिक, अरबों रुपए की ठगी हुई है।
झूठे प्रॉफिट, फर्जी एक्सचेंज और सेलिब्रिटी प्रमोशन के जरिए।
हां, इस स्कैम को मनी लॉन्ड्रिंग की श्रेणी में रखा गया है।
पुलिस ने कई फर्जी अकाउंट्स और डिजिटल वॉलेट्स की जानकारी जुटाई है।
उम्मीद है कि इस केस के बाद क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर नई नीतियां बनेंगी।
सभी प्रभावित निवेशकों को पुलिस और FIU को शिकायत दर्ज करानी चाहिए।