Crypto Exchange Gemini ने Ripple के डॉलर पेग्ड Stablecoin RLUSD को लिस्ट कर दिया है। अब Gemini के यूज़र्स RLUSD में ट्रेडिंग, डिपॉजिट और विड्रॉल कर सकते हैं। यह Ripple के लिए एक बड़ा कदम है, जिससे इस Stablecoin की ग्लोबल एक्सेसिबिलिटी और भी बढ़ गई है।
Gemini ने एक क्रिप्टिक पोस्ट के ज़रिए यह संकेत दिया था, जिसमें "RLUSD" अक्षरों को हाइलाइट किया गया था। इसके बाद XRP Community में इस बात की चर्चा तेज़ हो गई कि Gemini जल्द ही RLUSD को सपोर्ट करेगा और अब वह पुष्टि हो चुकी है।
RLUSD, Gemini से पहले कई नामी एक्सचेंजों और प्लेटफॉर्म्स पर लिस्ट हो चुका था, जैसे:
Uphold, Moonpay, B2C2, Keyrock, Coinmena, Archax, Bitso, JST Digital, Independent Reserve, Bullish, MB, Zero Hash, Revolut और Bitstamp।
इन सभी प्लेटफॉर्म्स पर RLUSD का इस्तेमाल ट्रेडिंग, पेमेंट और क्रिप्टो-टू-फिएट कन्वर्ज़न के लिए किया जा सकता है। अब Gemini के साथ यह टोकन और भी बड़े यूजर बेस तक पहुंच गया है।
नए आंकड़ों के मुताबिक, Ripple का USD-pegged Stablecoin RLUSD की 70% सप्लाई Ethereum Network पर मौजूद है। जबकि इसका मूल नेटवर्क XRPL है, यह ट्रेंड Ripple की मल्टीचेन स्ट्रेटेजी और टोकन डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर नए सवाल खड़े कर रहा है।
5 मई 2025 को Ripple ने एक बड़ा ऐलान किया, कंपनी ने अमेरिका में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए $25 मिलियन की RLUSD डोनेशन की घोषणा की। यह फंड DonorsChoose और Teach For America के ज़रिए K–12 स्कूलों, टीचर्स और अंडरप्रिविलेज्ड स्टूडेंट्स के लिए उपयोग किया जाएगा।
इस फंड का इस्तेमाल स्कूल सप्लाई, डिजिटल टूल्स और क्लासरूम टेक्नोलॉजी खरीदने में किया जा रहा है। Ripple ने कहा, "हम गर्व से इन संस्थाओं के साथ मिलकर हजारों बच्चों की शिक्षा को बेहतर बना रहे हैं।"
Ripple अब RLUSD को Ripple Payments जैसे अपने एंटरप्राइज प्रोडक्ट्स में भी इंटीग्रेट कर रहा है। इसका उद्देश्य इंस्टिट्यूशनल क्लाइंट्स के लिए क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स को तेज़ और भरोसेमंद बनाना है।
इसके साथ ही, Ripple ने अप्रैल 2025 में Hidden Road नामक प्राइम ब्रोकरेज फर्म का $1.25 बिलियन में अधिग्रहण किया है। अब Hidden Road में भी RLUSD को कोलेटरल की तरह यूज़ किया जाएगा, जो इसके प्रोफेशनल फाइनेंस सेक्टर में इस्तेमाल को दर्शाता है।
CoinSwitch की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का टॉप Trading Coin Ripple है। भारत में Ripple (XRP) ने ट्रेडिंग वॉल्यूम के मामले में सभी क्रिप्टोकरेंसी को पीछे छोड़ दिया है। यह ट्रेंड दर्शाता है कि भारतीय निवेशकों की दिलचस्पी अब तेजी से XRP की ओर बढ़ रही है, जो इसके प्रति बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
Gemini द्वारा RLUSD की लिस्टिंग Ripple के स्टेबलकॉइन को एक नई ऊंचाई पर ले जाती है। जहां एक तरफ इसकी ट्रेडिंग और एक्सचेंज एक्सपेंशन जारी है, वहीं दूसरी ओर Ripple इसे एजुकेशन और इंस्टीट्यूशनल फाइनेंस में भी प्रभावी ढंग से लागू कर रहा है। आने वाले समय में RLUSD का रिटेल से लेकर इंस्टीट्यूशनल सेक्टर तक असर और अधिक बढ़ने की उम्मीद है।
यह भी पढ़िए: Bitcoin पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, 'Refined Hawala' बतायाआकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके।
आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है।
अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।
Copyright © 2025 Crypto Hindi News. All Rights Reserved.