ग्लोबल लेवल पर सरकारे अब क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन की रिपोर्टिंग को लेकर ज़्यादा गंभीर होती दिख रही है। इस कड़ी में हाल ही में, यूनाइटेड किंगडम ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रांज़ैक्शन से जुड़े हुए रूल्स में बदलाव किए हैं, यह रूल्स 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। UK गवर्मेंट द्वारा यह कदम क्रिप्टो वर्ल्ड में ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने, बेनामी ट्रांजैक्शन रोकने और टैक्स ईवेजन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है। यह रूल्स सभी क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्रोकरेज, कस्टोडियन और उन सभी प्लेटफॉर्म्स पर लागू होंगे जो क्रिप्टोकरेंसी के किसी भी रूप में ट्रांज़ैक्शन से जुड़े हैं।
नए रूल्स के तहत, 1 जनवरी 2026 से, UK में काम कर रही सभी क्रिप्टो कंपनियों को अपने कस्टमर के हर ट्रांजैक्शन की पूरी जानकारी सरकार को देनी होगी। इसमें यूज़र का पूरा नाम, घर का पता, टैक्स आईडी नंबर, ट्रांजैक्शन का अमाउंट और क्रिप्टोकरेंसी जिनका यूज़ किया गया, यह सब शामिल होगा।
यह रूल्स केवल इंडिविजुअल के द्वारा किए गए ट्रांज़ैक्शन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कंपनियों, ट्रस्ट्स और चैरिटी जैसे इंस्टीट्यूशंस पर भी अप्लाई होंगे। अगर कोई क्रिप्टो फर्म इन रूल्स को फॉलो नहीं करती है या गलत रिपोर्टिंग करती है, तो उन पर प्रति यूज़र £300 (लगभग ₹33,000) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
UK गवर्नमेंट इस बदलाव को OECD (Organisation for Economic Co-operation and Development) के Crypto Asset Reporting Framework के तर्ज पर इम्पोस कर रही है। इसे क्रिप्टो टैक्स रिपोर्टिंग को ट्रांसपेरेंट बनाने और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुसार UK में क्रिप्टो रेगुलेशन को अलाइन करने के लिए बनाया गया है।
UK Revenue and Customs का कहना है कि वे जल्द ही कंपनियों को इस फ्रेमवर्क को अपनाने के लिए विस्तृत गाइडलाइंस प्रोवाइड करेंगे। हालांकि, उन्होंने क्रिप्टो फर्म्स को सुझाव दिया है कि उन्हें अभी से यूज़र डेटा इकट्ठा करना शुरू कर देना चाहिए जिससे 2026 तक इस रूल के कंप्लायंस में कोई दिक्कत न आए। UK क्रिप्टोकरेंसी अडॉप्टेशन को लेकर लगातार कदम उठा रहा है, हाल ही में UK का पहला Regulated Crypto Derivatives लॉन्च किया गया था ।
UK का क्रिप्टो टैक्स रूल European Union के नए MiCA (Markets in Crypto-Assets Regulation) से काफी अलग है। एक तरफ EU क्रिप्टो और स्टेबलकॉइन्स को कण्ट्रोल करने पर ज्यादा फोकस्ड दिखाई दे रहा है, वहीं UK ने स्टेबलकॉइन इशू करने वाली फॉरेन फर्म्स को बिना किसी मैंडेटरी रजिस्ट्रेशन के ऑपरेट करने की छूट दी है।
इसके अलावा, UK में Stablecoins ट्रांजैक्शन पर कोई वॉल्यूम लिमिट नहीं होगी, जबकि EU फाइनेंशियल रिस्क को देखते हुए जल्द ही इस पर कण्ट्रोल मैकेनिज्म लाने की तैयारी कर रहा है।
UK सरकार का यह नया कदम यह स्पष्ट संकेत देता है कि वो क्रिप्टो इनोवेशन को सपोर्ट करना चाहती है, लेकिन फ्रॉड, टैक्स चोरी और बेनामी ट्रांज़ैक्शन को रोकने के लिए भी प्रतिबद्ध है। क्रिप्टोकरेंसी जैसे जैसे मेनस्ट्रीम का हिस्सा बन रही है, वैसे-वैसे इस तरह के कदम इन्वेस्टर्स को एक सिक्योर और ट्रांसपेरेंट एन्वॉयरमेंट देने के लिए जरुरी होते जा रहे है। UK का यह कदम पाकिस्तान जैसे देशों के लिए उदाहरण बन सकता है, जो क्रिप्टो को अपना तो रहे हैं लेकिन रेगुलेशन के मामले में कमजोर रवैया बनाए हुए हैं।
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