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US ने हटाई Crypto पर सख्ती, आखिर क्यों बदला अमेरिका का रुख

अब अमेरिका के सभी बैंक Cryptocurrency और डिजिटल डॉलर जैसी तकनीकों में सीधे तौर पर काम कर सकेंगे। अमेरिका के सबसे बड़े बैंक रेगुलेटर्स फेडरल रिजर्व (Federal Reserve), एफडीआईसी (FDIC) और ओसीसी (OCC) ने Crypto से जुड़ी कई सख्त गाइडलाइंस में रियायत दी है और कुछ नियमों को वापस ले लिया है। Federal Reserve के इस फैसले का सीधा असर क्रिप्टो इंडस्ट्री पर होगा, साथ ही अमेरिकी के साथ-साथ दुनियाभर में बैंकिंग व्यवस्था का भविष्य इससे प्रभावित हो सकता है। 

अमेरिका में पहले Cryptocurrency को लेकर ये था नियम

गौरतलब है कि अमेरिका में अभी तक सभी बैंकों को Crypto एसेट्स या स्टेबलकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी में लेन-देन करने से पहले Federal Reserve से अनुमति लेनी होती थी। साथ ही अमेरिका के कई अन्य रेगुलेटर्स ने भी बैंकों को बार-बार चेतावनी दी थी कि Crypto Market में लगातार अस्थिरता, कानूनी पेंच और लिक्विडिटी से संबंधित आर्थिक जोखिम ज्यादा है। 

क्रिप्टो को लेकर Federal Reserve के दो बड़े फैसले 

  • अब Federal Reserve ने इससे संबंधित Supervisory Letters वापस ले लिए हैं, जिसका मतलब ये है कि अब अमेरिकी में बैंकों को क्रिप्टो से जुड़े कारोबार में उतरने के लिए या क्रिप्टो में लेनदेन के लिए Federal Reserve अनुमति नहीं लेना होगी। हालांकि Federal Reserve बैंकों की आर्थिक गतिविधियों पर नजर रखेगा। 

  • इसके अलावा अब अमेरिकी बैंकों को डॉलर-समर्थित डिजिटल टोकन (जैसे stablecoins) शुरू करने से पहले भी ‘नो ऑब्जेक्शन’ लेटर लेने की भी जरूरत नहीं है। इससे अमेरिकी बैंक अब डिजिटल डॉलर पर भी ज्यादा खुले तौर आर्थिक लेनदेन कर सकेंगे। stablecoins क्या है, इस बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

आसान भाषा में समझें, क्या है क्रिप्टो और स्टेबलकॉइन?

दरअसल क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जिस पर किसी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। फिलहाल दुनिया में सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin है। इसके समान कई क्रिप्टोकरेंसी है। वहीं स्टेबलकॉइन एक ऐसी डिजिटल करेंसी होता है, जिसकी वैल्यू किसी मानक के आधार पर तय होती है, जैसे अमेरिकी डॉलर।

क्या इस कारण बदला Federal Reserve का रुख?

अमेरिका में बैंक रेगुलेटर्स का मानना है कि समय के साथ टेक्नोलॉजी में लगातार बदलाव आ रहा है और नए इनोवेशन को सावधानी के साथ समर्थन करना जरूरी है। Federal Reserve के इस फैसले से यह नजर आता है कि अमेरिकी सरकार और बैंक क्रिप्टो और डिजिटल एसेट्स को ‘भविष्य की बैंकिंग’ व्यवस्था मान चुके हैं।

कन्क्लूजन

अमेरिका में Federal Reserve की ओर से बैंकों को क्रिप्टो और डिजिटल डॉलर जैसी तकनीकों को अपनाने में रियायत देने का फैसला वित्तीय क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव है। फेडरल रिजर्व और अन्य बैंक रेगुलेटर्स द्वारा क्रिप्टो से जुड़े नियमों में ढील देने से बैंकों को अधिक स्वतंत्रता मिल सकेगी, लेकिन फिलहाल काफी सावधानी भी बरतना होगा। Federal Reserve का यह कदम भविष्य की बैंकिंग व्यवस्था में बड़े बदलाव का संकेत है।

Sandeep ChoureySandeep Chourey
Sandeep Chourey
Hindi Content Writer
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