हाल ही में Cambridge Centre for Alternative Finance की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अमेरिका अब दुनिया का सबसे बड़ा bitcoin mining hub बन चुका है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका में अब 75.4 फीसदी Global Hashrate मौजूद है, जो पहले China के पास हुआ करता था। यहां Global Hashrate से मतलब उस Computing processing power से हैं, जो दुनिया भर में Bitcoin या अन्य किसी Cryptocurrency के नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए लगाई जा रही है। अब Bitcoin Mining Hashpower नए माइलस्टोन के करीब पहुंच गई है।
गौरतलब है कि साल 2019 में चीन ने Cryptocurrency Mining को ‘Unwanted Industry’ बताते हुए इस पर बैन लगा दिया था। वहीं साल 2021 तक चीन के अधिकांश प्रांतों में माइनिंग पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ वार की आहट बढ़ रही है तो ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि चीन भी Crypto Market में उतर सकता है और bitcoin mining पर लगे बैन को हटा सकता है। कई एक्सपर्ट का मानना है कि चीन जल्द ही क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव कर सकता है।
दुनिया के कई देशों में जहां बिटकॉइन रिजर्व तैयार किया जा रहा है और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को अपनाया जा रहा है, वहीं दुनिया के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक चीन ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर लचीला रूख नहीं अपनाया है। दरअसल चीन अब तक अपनी Financial Control Policy के तहत Bitcoin Mining को मंजूरी नहीं दे रहा है और दूसरा एक प्रमुख कारण अमेरिकी डॉलर को चुनौती देना भी है। साथ ही Bitcoin Mining प्रोसेस के दौरान ऊर्जा खपत की चिंता भी एक प्रमुख कारण है।
क्रिप्टो के प्रति चीन का आधिकारिक रुख सख्त होने के बावजूद Bitcoin Mining गतिविधि बंद नहीं हुई है। जुलाई 2024 में Bitcoin environmental impact analyst डैनियल बैटन ने बताया कि चीन के भीतर हैशरेट फिलहाल कुल Global Hashrate का लगभग 15 फीसदी है। उनका कहना है कि Offshore Mining, Cross-Border Trading और Hardware Exports के जरिए चीन अब भी माइनिंग इकोसिस्टम में एक्टिव है।
दरअसल Bitcoin Mining के मामले में अमेरिकी दुनिया में सबसे टॉप पर है, वहीं चीन में क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन किया हुआ है, लेकिन फिर भी गुप्त रूप से 15 फीसदी माइनिंग चीन में हो रही है। लेकिन हाल में डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति चीन पर भारी दबाव डाल सकती है। यही कारण है कि चीन में Digital Yuan को काफी ज्यादा प्रमोट किया जा रहा है। इसके अलावा बीते महीने investment firm VanEck ने यह पुष्टि की कि चीन और रूस फिलहाल अमेरिका के प्रतिबंधों से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल है और Bitcoin का उपयोग ऊर्जा सौदों के निपटारे के लिए कर रहे हैं। ऐसे में यह विश्वास बढ़ रहा है कि चीन निकट भविष्य में माइनिंग पर लगे बैन को हटाने के बारे में सोच सकता है। साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि चीन में इस साल 'शैडो क्रिप्टो इकोनॉमी' में तेजी आ सकती है।
चीन के द्वारा Crypto Mining पर लगाया गया प्रतिबंध अब बदलते वैश्विक हालातों और अमेरिकी वर्चस्व के चलते चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। Global Hashrate में अमेरिका दबदबा है और अमेरिकी राष्ट्रपति की Tariff Policy और चीन-रूस द्वारा बिटकॉइन से व्यापार जैसे संकेत इस ओर इशारा करते हैं कि China अब अपनी रणनीति पर फिर विचार कर सकता है। चीन में Digital Yuan को बढ़ावा और छिपे रूप से Mining Activities पहले से चल रही हैं, जिससे यह संभावना प्रबल हो रही है कि चीन निकट भविष्य में Mining Ban को आंशिक रूप से हटा सकता है। यह कदम चीन की आर्थिक और रणनीतिक मजबूरी भी हो सकता है।
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