1 Bitcoin Price in 2009 in Indian Rupees, 2013 में क्या बदला
Bitcoin, जो 2009 में केवल एक क्रिप्टोग्राफिक प्रयोग के रूप में शुरू हुआ था, उसने 2013 तक आते-आते दुनिया भर के निवेशकों और सरकारों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। 2013 का साल Bitcoin के इतिहास में एक टर्निंग पॉइंट रहा, क्योंकि इसी साल इसने न केवल 1 Bitcoin Price में भारी उछाल देखा, बल्कि ग्लोबल लेवल पर अपनी पहचान भी बनाई।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि 2013 में Bitcoin में क्या बदला, किस तरह से इसकी कीमत बढ़ी, कौन-कौन से ग्लोबल इवेंट्स ने इसमें योगदान दिया और कैसे इसने भविष्य के लिए रास्ता बनाया।
1 Bitcoin Price in 2009 in Indian Rupees, 2009 से 2012 तक की कहानी
Bitcoin की शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई, जब Satoshi Nakamoto ने इसका पहला ब्लॉक माइन किया, जिसे Genesis Block कहा जाता है। शुरुआती वर्षों में Bitcoin केवल टेक्नोलॉजी एंथुज़ियास्ट्स और क्रिप्टोग्राफर्स के बीच लोकप्रिय था। उस समय कोई एक्सचेंज नहीं था, कोई वैध मूल्य नहीं था, केवल कंप्यूटर माइनिंग से BTC प्राप्त होता था और साथ ही इसका उपयोग लिमिटेड लेवल पर ही होता था।
2010 में पहली बार Bitcoin की वैल्यू तय हुई, जब प्रोग्रामर Laszlo Hanyecz ने 10,000 BTC देकर दो पिज्जा खरीदे, जिससे 1 Bitcoin Price लगभग $0.002 हो गई। 2011 और 2012 में Bitcoin धीरे-धीरे चर्चा में आया, लेकिन यह मेनस्ट्रीम का हिस्सा नहीं बना।

Source - यह तस्वीर Bitcoin Whitepaper से ली गई है, यहाँ हमने इसकी ऑफिशियल लिंक भी दी है।
1 Bitcoin Price in 2013 में क्या बदला? Bitcoin का ट्रांसफॉर्मेशन
1 Bitcoin Price में ऐतिहासिक उछाल
1 Bitcoin Price in 2013 in Indian Rupees साल की शुरुआत में करीब $13 (₹715) था। लेकिन साल के अंत तक 1 Bitcoin Price बढ़कर $1,150 (₹68,000) तक पहुंच गया। यानी BTC ने 1 साल में 88x की ग्रोथ दिखाई। यह पहली बार था जब Bitcoin ने खुद को एक मजबूत डिजिटल एसेट के रूप में स्थापित किया और निवेशकों की बड़ी संख्या इसमें रुचि लेने लगी।
एक्सचेंज का विस्तार और ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि
2013 तक कई बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स जैसे Mt. Gox, Bitstamp, BTC-e और LocalBitcoins तेजी से लोकप्रिय हो चुके थे। Mt. Gox उस समय का सबसे बड़ा Bitcoin एक्सचेंज था और ग्लोबल BTC ट्रेडिंग का 70% हिस्सा हैंडल करता था। लाखों लोगों ने पहली बार Bitcoin खरीदा-बेचा और इसका उपयोग किया। यहाँ Peer-to-peer ट्रांजैक्शन्स में तेजी आई। साथ ही Bitcoin को ग्लोबल अटेंशन और मीडिया कवरेज भी मिलना शुरू हुआ।
2013 में पहली बार Bitcoin ने मेनस्ट्रीम मीडिया का ध्यान खींचा। CNN, Forbes, Bloomberg और अन्य बड़े न्यूज़ नेटवर्क्स ने Bitcoin पर रिपोर्ट्स कीं। इसकी कीमतों की उछाल और टेक्नोलॉजी ने इसे “डिजिटल गोल्ड” का टैग दिलाया।
इसका प्रभाव यह हुआ कि निवेशक Bitcoin को एक सीरियस एसेट क्लास मानने लगे, टेक्नोलॉजी कंपनियां Blockchain के कॉन्सेप्ट पर रिसर्च करने लगीं और Google Trends पर “Bitcoin” सर्च वर्ड टॉप पर पहुंच गया।
चीन में क्रिप्टो क्रांति की शुरुआत
2013 में चीन Bitcoin Mining और ट्रेडिंग का सबसे बड़ा केंद्र बन गया। चीनी एक्सचेंज जैसे OKCoin और Huobi लॉन्च हुए और वहां ट्रेडिंग वॉल्यूम तेजी से बढ़ा। हालांकि साल के अंत में चीन सरकार ने बैंकों को क्रिप्टो लेनदेन से रोकने के आदेश दिए, लेकिन तब तक चीन की भूमिका मार्केट पर गहरा असर डाल चुकी थी।
Silk Road और सरकारों की नजर
Bitcoin का नाम 2013 में तब और चर्चित हुआ जब अमेरिकी अधिकारियों ने Silk Road नाम की एक डार्क वेब मार्केटप्लेस को बंद किया। इस प्लेटफॉर्म पर Bitcoin का उपयोग अवैध चीज़ों की खरीदारी के लिए होता था। इस घटना के बाद सरकारों ने Bitcoin पर निगरानी बढ़ा दी, पहली बार रेगुलेशन पर चर्चा तेज़ हुई। लेकिन साथ ही Bitcoin की पहचान एक सशक्त, सेंसरशिप-रेसिस्टेंट करेंसी के रूप में भी उभरी
इंस्टीट्यूशनल और वेंचर कैपिटल की एंट्री
2013 में वेंचर कैपिटलिस्ट्स और टेक एंजल इन्वेस्टर्स ने भी Bitcoin स्टार्टअप्स में निवेश शुरू किया। Coinbase, BitPay, Kraken जैसी कंपनियों को फंडिंग मिली और इससे यह संदेश गया कि क्रिप्टो सेक्टर अब लीजिटिमेट बिजनेस की दिशा में बढ़ रहा है।
भारत में भी चर्चा शुरू
भारत में भी 2013 में Bitcoin को लेकर हलचल शुरू हुई। कुछ शुरुआती एक्सचेंज जैसे Unocoin एक्टिव हुआ, ब्लॉग्स और टेक वेबसाइट्स पर Bitcoin के बारे में लेख आने लगे और युवा टेक डेवलपर्स और इन्वेस्टर्स ने BTC में दिलचस्पी दिखाना शुरू किया। हालांकि रेगुलेटरी फ्रेमवर्क नहीं होने की वजह से भारत में ट्रेडिंग बहुत सीमित थी।
तो असल में 2013 में क्या बदला?
बदलाव | विवरण |
कीमत | 1 Bitcoin Price में $13 से $1150 तक की छलांग |
यूजर बेस | लाखों नए यूज़र्स जुड़े |
एक्सचेंज | Mt. Gox, Bitstamp जैसे बड़े नाम उभरे |
मीडिया | पहली बार ग्लोबल मीडिया का फोकस |
गवर्नमेंट | चीन, USA ने ध्यान देना शुरू किया |
फाइनेंस | वेंचर फंडिंग शुरू हुई |
रेगुलेशन | कानूनी बहस की शुरुआत |
क्या 2013 ने Bitcoin का भविष्य तय किया
एक राइटर के रूप में मैंने अपने करियर की शुरुआत 2013 में की थी, तब से ही मैं Bitcoin और इससे जुड़ी टेक्नोलॉजी के बारे में पढ़ता आ रहा हूँ। ऐसे में अपने अनुभव से 2013 को मैं Bitcoin इतिहास का टर्निंग पॉइंट मानता हूं। इसी साल पहली बार Bitcoin ने $1,000 की कीमत छुई, जिससे यह आम लोगों की नज़रों में आया। चीन की एंट्री और Silk Road जैसी घटनाओं ने साबित किया कि ये सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि एक फाइनेंशियल रिवॉल्यूशन है। मुझे लगता है, अगर 2013 में ये बदलाव नहीं होते, तो शायद आज Bitcoin को इतनी पहचान और वैल्यू नहीं मिलती।
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कन्क्लूजन
2013 वह साल था जब Bitcoin ने शुरुआती तकनीकी प्रयोग से निकलकर एक ग्लोबल फाइनेंशियल पावर बनने की दिशा में कदम बढ़ाया। इस साल ने यह साफ कर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी सिर्फ एक ‘डिजिटल गेम’ नहीं, बल्कि भविष्य का एक हिस्सा बनने वाली है।
2013 में Bitcoin ने न केवल निवेशकों को चौंकाया, बल्कि सरकारों और टेक इंडस्ट्री को भी सोचने पर मजबूर किया। और यह शुरुआत थी उस जर्नी की, जिसने आने वाले वर्षों में क्रिप्टो को करोड़ों लोगों की असेट्स का हिस्सा बना दिया।