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XRP Case Update: Ripple और SEC समझौते के लिए हुए राज़ी

Ripple Labs और U.S. Securities and Exchange Commission (SEC) ने हाल ही में अपने लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद को सुलझाने के लिए एक जॉइंट मोशन फाइल किया है। यह कदम इस बात का संकेत देता है कि दोनों पक्ष XRP को लेकर अपने चार साल पुराने विवाद को ख़त्म करने के करीब हैं। 

लीगल क्लैश बैकग्राउंड

दिसंबर 2020 में, SEC ने Ripple Labs पर आरोप लगाया था कि उसने XRP Token को बिना रजिस्ट्रेशन के सिक्योरिटी के रूप में सेल कर दिया है। इस आरोप के बाद, Ripple ने कारण दिया कि XRP एक डिजिटल करेंसी है, न कि सिक्योरिटी। जुलाई 2023 में, एक जज ने Ripple की पब्लिक एक्सचेंजों पर XRP की बिक्री को सुरक्षा कानूनों का वायलेशन नहीं माना, लेकिन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स को की गई बिक्री को अवैध ठहराया और Ripple पर $125 मिलियन का जुर्माना लगाया।

जॉइंट मोशन का उद्देश्य

10 अप्रैल 2024 को, Ripple और SEC ने मिलकर एक प्रस्ताव दाखिल किया, जिसमें अपील से रिलेटेड सभी मूव को टेम्पररी रूप से रोकने की मांग की गई। इसका उद्देश्य दोनों पक्षों को एक समझौते पर पहुंचने के लिए समय देना है, जिससे पेंडिंग लीगल प्रोसेस को ख़त्म किया जा सके। इसी बीच कीमत में बड़ी गिरावट के बाद अचानक XRP में भारी उछाल आया, जिससे Ripple Cryptocurrency Price रिवर्स हो गया।

संभावित समझौते की शर्तें

सूत्रों के अनुसार, Ripple $50 मिलियन की सिविल पेनल्टी देने और अपनी क्रॉस-अपील को वापस लेने के लिए तैयार है। हालांकि, इस समझौते को SEC के कमिश्नर्स की मंजूरी मिलनी अभी बाकी है। 

SEC के नए चेयरमैन की भूमिका

Paul Atkins के SEC के नए चेयरमैन के रूप में 9 अप्रैल 2024 को पदभार संभालने के बाद, उनकी बैलेंस्ड और क्रिप्टो-फ्रेंडली अप्रोच के कारण इस समझौते की प्रोसेस में तेजी आई है। उनकी चेयरमैनशिप में, SEC vs Ripple Case को लेकर जल्दी समझौता होने की सम्भावना है।

लीगल प्रोसेस का करंट स्टेज

अक्टूबर 2024 में, SEC ने Ripple के खिलाफ अपनी अपील दायर की और Ripple ने अपनी क्रॉस-अपील नवंबर 2024 में दायर की। SEC को अपनी मेन पिटिशन 15 जनवरी 2025 तक दायर करनी थी। Ripple ने अपने रिस्पांस के लिए 16 अप्रैल 2025 की डेडलाइन की रिक्वेस्ट की है।

कन्क्लूजन 

Ripple और SEC के बीच यह लीगल क्लैश क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका रिजल्ट क्रिप्टो असेट्स लीगल स्टेटस को अफेक्ट करेगा। जॉइंट प्रपोजल और पोटेंशियल सेटलमेंट इस दिशा में एक पॉजिटिव स्टेप की तरह दिखाई देते हैं, लेकिन फाइनल डिसीजन SEC के कमिश्नर्स की मंजूरी और अपकमिंग लीगल प्रोसेस पर निर्भर करेगा।

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Sheetal Bansod
Hindi Content Writer
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