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SEC vs Ripple Case हमेशा के लिए खत्म, $50M में हुआ सेटल

Published:March 26, 2025 Updated:April 26, 2025
Author: Rohit Tripathi
SEC vs Ripple Case हमेशा के लिए खत्म, $50M में हुआ सेटल

क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुकदमा हाल ही में समाप्त हुआ, जब Ripple Labs और U.S. Securities and Exchange Commission (SEC) के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद एक नये समझौते के साथ खत्म हुआ। यह मुकदमा Ripple के XRP Token की बिक्री को लेकर था, जिसे SEC ने 2020 में अनरजिस्टर्ड सिक्योरिटीज ऑफरिंग के रूप में आरोपित किया था। इस समझौते के बाद SEC ने अपनी अपील को वापस ले लिया, जिसके बाद Ripple ने अपने क्रॉस-अपील को खत्म करने का निर्णय लिया। Ripple क्या है, जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें। 

SEC vs Ripple Case में समझौता और सेटलमेंट 

हाल ही में, Ripple और SEC ने इस लंबी कानूनी लड़ाई का अंत किया। Ripple ने अपनी क्रॉस-अपील को खत्म करने का निर्णय लिया और SEC ने अपने आरोपों को वापस लिया। इस समझौते के तहत, SEC को Ripple पर लगाए गए $125 मिलियन के जुर्माने में से $50 मिलियन मिलेंगे, जो पहले से ही एक इंटरेस्ट-बियरिंग एस्क्रो एकाउंट में रखे गए थे।

बाकी $75 मिलियन की राशि Ripple को वापस मिलेगी। इसके अलावा, SEC कोर्ट से Ripple पर लगाए गए पुराने प्रोहिबिटरी ऑर्डर को हटाने का अनुरोध करेगा। हालांकि, इस प्रक्रिया को अभी अंतिम कानूनी प्रक्रियाओं के तहत पूरा किया जाना बाकी है, जिसमें SEC द्वारा वोट और अदालत से पुष्टि शामिल है।

SEC और Ripple का विवाद 

यह मुकदमा दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था, जब SEC ने Ripple Labs पर आरोप लगाया था कि उसने XRP Token की बिक्री, सिक्योरिटीज के रूप में रजिस्टर किए बिना की। SEC का तर्क था कि XRP, Bitcoin और Ethereum के मुकाबले सिक्योरिटीज की श्रेणी में आता है, क्योंकि इसका उपयोग निवेशकों को लाभ देने के लिए किया जाता है।

Ripple Labs ने इस आरोप का विरोध करते हुए कहा था कि XRP को सिक्योरिटीज की श्रेणी में नहीं डाला जा सकता है, क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी की तरह कार्य करता है, जैसे BTC और ETH। जिसके बाद यह मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा और यह विवाद क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण बन गया, जहां यह सवाल उठने लगा कि अमेरिकी सिक्योरिटीज लॉ का क्रिप्टोकरेंसी पर कितना असर हो सकता है। अगर आप लाइव XRP Price जानना चाहते हैं तो लिंक पर क्लिक करें। 

SEC की नई रणनीति 

इस समझौते के साथ ही SEC की क्रिप्टोकरेंसी पर रेगुलेटरी स्ट्रेटजी में भी एक बदलाव का संकेत मिलता है। हाल के महीनों में, SEC ने कुछ प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों जैसे कि Coinbase और Kraken के खिलाफ मामले वापस ले लिए हैं और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के दौरान एजेंसी ने अपनी प्रवर्तन कार्यवाही को थोड़ा ढीला किया है। इसके अलावा, SEC अब Crypto entrepreneur Justin Sun के खिलाफ धोखाधड़ी मामले को निपटाने पर विचार कर रहा है।

कन्क्लूजन 

Ripple और SEC के बीच का यह विवाद अंततः एक समझौते के साथ समाप्त हुआ, जो क्रिप्टोकरेंसी वर्ल्ड के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह मामला न केवल Ripple के लिए, बल्कि पूरी क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि यह अमेरिकी नियामक एजेंसियों की दिशा और उनके क्रिप्टोकरेंसी के प्रति दृष्टिकोण को दर्शाता है। अब यह देखना होगा कि SEC के नए रुख से क्रिप्टोकरेंसी स्पेस में और क्या बदलाव आते हैं और क्या इससे अन्य क्रिप्टो कंपनियों को भी राहत मिलेगी।

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Author: Rohit Tripathi

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास 13+ वर्षों का अनुभव है। जिसमें बीते कुछ वर्षों से उनका फोकस विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर रहा है। वे ऑन-चेन मेट्रिक्स, डेफी ट्रेंड्स, प्राइस मूवमेंट्स और टोकनॉमिक्स का व्यावहारिक ज्ञान रखते हैं। उनकी विशेषज्ञता डेटा-ड्रिवन आर्टिकल्स, डीप मार्केट रिसर्च, SEO-ऑप्टिमाइज्ड कंटेंट और इंडस्ट्री-फोकस्ड एनालिसिस तैयार करने में है।

रोहित वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। जहाँ लगातार कंटेंट डिलीवर करके, रोहित ने खुद को हिंदी क्रिप्टो मीडिया स्पेस में एक भरोसेमंद और प्रभावशाली आवाज़ के रूप में स्थापित किया है। उनका कंटेंट रिलायबल डेटा सोर्स, ऑन-चेन टूल्स और मार्केट रिसर्च से प्राप्त फैक्ट्स पर आधारित होता है। वे हर आर्टिकल में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देने को प्राथमिकता देते हैं।

रोहित का मिशन है, हिंदी भाषा में हाई क्वालिटी वाला, फैक्चुअल और अप-टू-डेट क्रिप्टो कंटेंट प्रदान करना, जिससे रीडर्स डिजिटल फाइनेंस की दुनिया में स्मार्ट निर्णय ले सकें।

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