Crypto Tax India, अनरिपोर्टेड प्रॉफिट पर देना होगा 70% टैक्स
भारत सरकार ने Crypto ट्रेडर्स के लिए टैक्स अनुपालन को और अधिक सख्त बना दिया है। यूनियन Budget 2025 के तहत फाईनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitaraman ने इनकम Tex की धारा 158B में अमेंडमेंट करते हुए यह स्पष्ट किया कि अनरिपोर्टेड क्रिप्टो प्रॉफिट पर 70% तक का टैक्स लागू किया जाएगा। पहले से लागू 30% के टैक्स रेट में यह सुधार क्रिप्टो ट्रेडर्स के लिए बड़ा चैलेंज बन सकता है। यह कदम भारत सरकार के क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र पर कंट्रोल बढ़ाने की प्लानिंग का हिस्सा है, जो अब वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के रूप में क्लासिफाइड किए गए हैं। लोगों को यह उम्मीद थी कि, Budget 2025 क्रिप्टो कम्युनिटी के लिए ख़ास होगा, पर इस इस पॉलिसी के तहत इन्वेस्टर्स को अपने इन्वेस्टमेंट की सही प्लानिंग और रिपोर्टिंग पर ध्यान देना जरूरी और ज्यादा स्ट्रिक्ट हो गई है।
स्ट्रिक्ट रिपोर्टिंग और क्रिप्टो रेगुलेशंस
इसके साथ ही, सरकार ने क्रिप्टो एक्सचेंजों और फाईनेंशियल इंस्टीट्यूशन को गाइडलाइन दी है कि वे सभी क्रिप्टो ट्रांजेक्शन की रिपोर्ट सम्बंधित ऑफिशियल्स को अनिवार्य रूप से करें। जिसमें Financial Intelligence Unit (FIU) की मुख्य भूमिका है। इन नए नियमों के अंतर्गत क्रिप्टो इनकम को अब कैश, ज्वेलरी और गोल्ड एसेट्स के समान ही टैक्स के अंडर माना जाएगा। इससे पहले, पिछले वर्ष क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्मों से जुड़े $97 मिलियन प्राइस के GST बकाया पाए गए थे और Binance व Bybit जैसी बड़ी संस्थाएँ जांच के दायरे में आ चुकी हैं। 10 जनवरी को, Binance ने भारत में अपना ऑपरेशन बंद कर दिया, जो रेगुलेटरी प्रेशर का नतीजा था।
इससे पहले, अमेरिका में भी इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (IRS) ने 2025 से डिजिटल एसेट्स के लिए स्ट्रिक्ट रिपोर्टिंग रूल लागू करने का फैसला किया है, जिससे ग्लोबल लेवल पर क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर चर्चा बढ़ी है। कुछ क्रिप्टो ग्रुप्स ने इन नए नियमों को असंवैधानिक बताते हुए विरोध जताया है। लेकिन भारत में यह कदम क्रिप्टो सेक्टर में ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
कन्क्लूजन
जैसे-जैसे इन सख्त नियमों का पालन करना ज़रूरी होगा, भारतीय क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टर्स को अपने प्रॉफिट की सही तरीके से रिपोर्टिंग करने की जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी। सरकार की मॉनिटरिंग बढ़ने के कारण, इन्वेस्टर्स को अपनी क्रिप्टो एक्टिविटी की पूरी जानकारी ऑफिशियल्स को देनी होगी, ताकि बड़े जुर्माने से बचा जा सके। यह कदम न केवल भारतीय क्रिप्टो मार्केट को अधिक रेगुलेट करने की दिशा में है, बल्कि इसका उद्देश्य फाईनेंशियल ट्रांसपेरेंसी को बढ़ाना भी है।