2026 तक BTC में कॉर्पोरेट वर्ल्ड के $420B निवेश का अनुमान
दुनिया भर के कॉर्पोरेट वर्ल्ड में Bitcoin (BTC) को लेकर ख़ास रुचि बढ़ रही है। Bitwise की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2026 के अंत तक कंपनियाँ Bitcoin में करीब $420 बिलियन का निवेश कर सकती हैं। यह एक ऐसी संभावित लहर है जो न केवल डिजिटल असेट मार्केट को स्थायी रूप से बदल सकती है, बल्कि ट्रेडिशनल इन्वेटमेंट फ्रेमवर्क को भी चुनौती दे सकती है।
BTC ETF के ज़रिए पहला बड़ा कदम
2024 की शुरुआत से अब तक Spot Bitcoin ETFs में $36.2 बिलियन नेट इनफ्लो देखा गया है। यह आंकड़ा निवेशकों के बीच BTC को लेकर बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। एक्सपर्ट्स इसे “First Wave” बता रहे हैं। हिस्ट्री में जब Gold ETF लॉन्च हुए थे, तब शुरुआत धीमी रही लेकिन चार वर्षों में उनकी इनफ्लो तिगुनी हो गई थी। अब निवेशक Bitcoin ETF को उसी दिशा में बढ़ता हुआ देख रहे हैं।
BTC में क्यों बढ़ता कॉर्पोरेट विश्वास?
पहले BTC को केवल एक हाई-रिस्क असेट माना जाता था, लेकिन अब इसे स्ट्रैटेजिक हेजिंग टूल के रूप में देखा जा रहा है। Bitwise की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि जैसे-जैसे रेगुलेटरी ट्रांसपेरेंसी और नियमों की स्पष्टता बढ़ रही है, कंपनियों के लिए Bitcoin को अपनी बैलेंस शीट में जोड़ना आसान हो गया है।
अमेरिका में प्रस्तावित एक नया कानून Bitcoin को “Market Value” के आधार पर रिपोर्ट करने की अनुमति देगा। इससे बैलेंस शीट पर इसकी इनस्टेबिलिटी कम होगी और कंपनियों के CFOs और CEOs इसे ज्यादा खुले मन से अपनाएंगे।
पोर्टफोलियो में BTC की जगह बनती जा रही है
Bitwise के अनुसार, यदि असेट मैनेजर्स अपने पोर्टफोलियो में केवल 0.5% BTC का स्थान दें, तो सैकड़ों अरब डॉलर की Bitcoin डिमांड उत्पन्न हो सकती है। यदि यह एलोकेशन 1% तक बढ़ जाए, तो Bitcoin की ओर $600 बिलियन का कैपिटल फ़्लो संभव है।
Bitcoin अब ट्रेडिशनल 60/40 निवेश मॉडल (60% इक्विटी और 40% बॉन्ड) को एक नया डायमेंशन दे रहा है। Bitcoin को पोर्टफोलियो में शामिल करने से रिस्क और रिटर्न का बैलेंस बेहतर हो सकता है।
Bitcoin VS Gold: डिजिटल युग की नई लड़ाई
BTC को आज के डिजिटल युग में गोल्ड का मॉडर्न वर्ज़न माना जा रहा है। रिपोर्ट में यह मेंशन है कि अगर गवर्नमेंट्स और सेंट्रल बैंक अपने गोल्ड रिज़र्व का केवल 5% Bitcoin में ट्रांसफर करते हैं, तो Bitcoin में अकेले इससे $420 बिलियन की कैपिटल आ सकता है।
यदि यह प्रतिशत 10% तक जाता है, तो Bitcoin को गोल्ड की तरह स्टेबल और रिलाएबल असेट माना जाने लगेगा, जिससे इसकी वैल्यू में बड़ा उछाल आ सकता है।
पॉसिबल इन्वेस्टमेंट सिनेरियो
Bitwise ने अपने रिपोर्ट में तीन मुख्य लीवरेज पॉइंट्स बताए हैं, जिनसे BTC की डिमांड बहुत अधिक बढ़ सकती है:
- गोल्ड रिज़र्व का 5-10% Bitcoin में डायवर्ज़न
- पब्लिक कंपनियों द्वारा Bitcoin Holdings को दोगुना या चौगुना करना
- असेट मैनेजर्स द्वारा 0.5%-1% तक Bitcoin का एलोकेशन
इन तीनों फैक्टर्स से BTC Price और डिमांड दोनों में तेज़ी से वृद्धि हो सकती है। इससे Bitcoin का मार्केट कैपिटलाइजेशन अभूतपूर्व स्तर पर पहुँच सकता है।
Michael Saylor का प्रभाव और कॉर्पोरेट ट्रेंड
MicroStrategy के CEO Michael Saylor ने Bitcoin में भारी निवेश कर एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने BTC को कंपनी के खजाने का एक अहम हिस्सा बना दिया। इस स्ट्रेटेजी ने अन्य कंपनियों को भी इंस्पायर किया है कि वे Bitcoin को एक लॉन्ग-टर्म असेट के रूप में अपनाएं।
यदि अधिक कंपनियाँ इस मॉडल को अपनाती हैं, तो 2026 तक 1 मिलियन Bitcoin कॉर्पोरेट बैलेंस शीट में शामिल हो सकते हैं, जो टोटल सप्लाई का एक बड़ा हिस्सा होगा।
स्टेट गवर्नमेंट्स और सॉवेरेन फंड्स भी Bitcoin की ओर
अब सिर्फ प्राइवेट कंपनियाँ ही नहीं, बल्कि स्टेट गवर्नमेंट्स और Sovereign Wealth Funds भी BTC को अपनी गोल्ड और कैश रिज़र्व स्ट्रेटेजी में शामिल करने पर विचार कर रही हैं। यह Bitcoin को एक लिजिटमेट और स्टेबल असेट क्लास की रैंक दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
भारत में BTC और कॉर्पोरेट जगत की भूमिका
भारत में भी खासकर बड़े कॉर्पोरेट हाउस और निवेशकों के बीच BTC को लेकर रुचि तेजी से बढ़ रही है। जहां गवर्नमेंट अभी तक स्पष्ट नियम नहीं दे पाई है, वहां भी कई भारतीय कंपनियाँ और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस Bitcoin को एक इम्पोर्टेंट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के रूप में देख रहे हैं। Coin Gabbar का यह मानना है कि जैसे ही भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लिए सॉलिड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क आएगा, इंडियन कॉर्पोरेट सेक्टर Bitcoin में निवेश को लेकर ज्यादा एक्टिव होगा।
भारत की यंग Tech-Savvy पॉपुलेशन और ग्रोइंग डिजिटल एडॉप्शन ट्रेंड इसे क्रिप्टो और खासकर BTC के लिए एक सूटेबल मार्केट बनाती है। इसके अलावा, भारत के कई बड़े फंड मैनेजर और HNIs अब Bitcoin को पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं, जो आने वाले समय में और बड़ा प्रभाव डालेगा। मुझे लगता है कि इंडियन कॉर्पोरेट वर्ल्ड भी ग्लोबल ट्रेंड के साथ कदम मिलाकर Bitcoin में निवेश के नए अवसर तलाशेगा, जिससे भारत की क्रिप्टो इकोसिस्टम में मजबूती आएगी।
कन्क्लूजन
BTC में कॉर्पोरेट निवेश की यह संभावित लहर केवल एक शुरुआत है। बढ़ती रेगुलेटरी क्लैरिटी, निवेशकों की बढ़ती समझ और नए फाइनेंशियल टूल्स Bitcoin को तेजी से मेनस्ट्रीम का इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बना रहे हैं।
2026 तक Bitcoin सिर्फ एक क्रिप्टो नहीं, बल्कि एक ग्लोबल फाइनेंशियल असेट के रूप में उभर सकता है। जो कंपनियाँ इस चेंज को जल्दी समझेंगी, वे आने वाले समय में कॉम्पिटिशन में आगे रहेंगी।