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2025 की मार्केट अनस्टेबिलिटी में क्या HODL स्ट्रेटेजी टिक पाएगी?

टैरिफ के मुद्दे पर USA और यूरोपीय यूनियन के बीच बढ़ता हुआ तनाव क्रिप्टो मार्केट में वोलेटिलिटी और शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग को बढ़ावा दे रहा है। अब इन्वेस्टर्स के मन में यह सवाल है की क्या यह बदलाव ग्लोबल इन्वेस्टिंग के फ्यूचर को नए तरीके से डिफाइन करने जा रहा है।

टैरिफ अनसर्टैनिटी बदल रही ग्लोबल ट्रेडिंग साइकोलॉजी: क्या 2025 में HODLing का समय ख़त्म होगा?

जब USA और यूरोपियन यूनियन के बीच टैरिफ को लेकर खींचतान बढ़ रही है और इसके कारण लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट अनस्टेबल हो रहा है, तो हर क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टर के मन में एक ही सवाल है। क्या अनसर्टेन जियोपॉलिटिकल सिनेरियो के कारण मार्केट में आ रहे भारी उतार चढ़ाव के बीच ट्रेडिंग की HODL एप्रोच धीरे-धीरे अपना जादू खो रही है? क्योंकि जो इन्वेस्टर पहले ‘HODL’ पर भरोसा करते थे, यानी बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद अपने एसेट्स को लंबे समय तक होल्ड करते थे, अब वही तेजी से अपने पोर्टफोलियो को लिक्विडेट कर रहे हैं। जैसे-जैसे ट्रेड नेगोशिएशन की डेडलाइन 9 जुलाई नजदीक आ रही है, इन्वेस्टर्स के सामने एक मुश्किल सवाल खड़ा हो गया है कि धैर्य बनाए रखें या मार्केट वोलेटिलिटी में ट्रेड करें?

इक्विटी फ्यूचर्स में भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, वोलैटिलिटी इंडेक्स तेजी से ऊपर जा रहे हैं और AI-बेस्ड ट्रेडिंग को तेजी से अपनी जगह बना रही है, कभी मजबूत माने जाने वाला HODLing माइंडसेट भयंकर प्रेशर झेल रहा है। आइए इसको लेकर मार्केट रिएक्शन और आने वाले दिनों में इस ट्रेंड के कीमतों पर असर के बारे में जानते हैं।

EU-US टैरिफ तनाव ने बदला इन्वेस्टमेंट का रुख, HODLing से शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग की ओर झुकाव

यूरोपियन यूनियन और USA के बीच टैरिफ को लेकर बढ़ता टकराव एक बार फिर ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका को मजबूत कर रहा है। जो इन्वेस्टर्स पहले हर उथल-पुथल में अपनी होल्डिंग्स को बनाए रखते थे, अब तेजी से उन्हें बेचकर शॉर्ट टर्म और फ़ास्ट स्ट्रेटेजी अपना रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह बाजार में बढ़ती हुई वोलैटिलिटी है।

Euro Stoxx 50 Futures से लेकर S&P 500 वोलैटिलिटी इंडेक्स (VIX) तक हर चार्ट यह स्पष्ट रूप से दिखा रहा है कि मार्केट पर प्राइस अनस्टेबिलिटी हावी है। हर बदलती हुई हैडलाइन के साथ लॉन्ग टर्म पोजीशन लिक्विडेट होने की कतार में खड़ी है। ऐसे में कभी ‘Endurance’ का सिंबल समझा जाने वाला HODL अब ‘गैम्बल’ की तरह माना जाने लगा है।

मार्केट अनस्टेबिलिटी में शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग बनी पहली पसंद, HODL स्ट्रेटेजी कमजोर

AI बेस्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Taoshi के CEO Arrash Yasavolian के अनुसार, “आज के ट्रेडिंग माहौल में तेजी और फ्लेक्सिबिलिटी , धैर्य से कहीं ज़्यादा अहम हो गयी है।” वे कहते हैं, “अब ट्रेडर्स ओवरनाइट एक्स्पोसर से बचते हैं, HODL स्ट्रेटेजी तब सबसे ज्यादा प्रभावित होती है जब पॉलिसी से जुड़ी कोई भी हेडलाइन कुछ ही मिनटों में पूरे दिन की कमाई को ख़त्म कर सकती है।”

जब रीयल टाइम में टैरिफ लगाए या हटाए जा रहे हों, तो मार्केट सेंटिमेंट भी तेजी से बदलते हैं। यही कारण है कि ट्रेडर्स अब लिक्विडिटी और फ्लेक्सिबिलिटी पर ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं और HODL जैसी स्ट्रेटेजी को छोड़कर क्विक एंट्री-एग्जिट के ट्रेंड को अपना रहे हैं।
Taoshi जैसे प्लेटफॉर्म इस बिहेवियरल चैंज की अगुवाई कर रहे हैं, जो AI एल्गोरिद्म की हेल्प से हेडलाइंस को रीयल टाइम में मॉनिटर करते हैं और उसी के मुताबिक ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी को ऑटोमैटिकली एडजस्ट कर देते हैं।

USA-EU टैरिफ टेंशन से बढ़ रही अनस्टेबिलिटी और घट रहा HODL में भरोसा 

सबसे बड़ी अड़चन क्या है? USA और EU के बीच फिर से टैरिफ वॉर शुरू होता दिख रहा है। हालांकि यूरोपीयन यूनियन की प्रेसिडेंट von der Leyen ने Donald Trump के साथ हुई हालिया बातचीत को “प्रोडक्टिव” बताया है, लेकिन जब तक कोई ठोस भरोसेमंद आश्वासन सामने नहीं आता, तब तक समाधान की उम्मीद अब 9 जुलाई तक टल गई है।

2025 की मार्केट अनस्टेबिलिटी में क्या HODL स्ट्रेटेजी टिक पाएगी?

S&P 500 और Euro Stoxx 50 जैसे इंडेक्स पर इन्ट्रा डे वोलैटिलिटी काफी बढ़ गई है। EUR/USD में भी तेज़ उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, वहीं इंडस्ट्रियल मेटल्स की कीमतों में गिरावट आई है। इससे साफ है कि अब सिर्फ ट्रेडर्स ही नहीं, बल्कि लंबे समय से HODL पर भरोसा रखने वाले इन्वेस्टर्स भी ‘रिस्क-ऑफ’ मोड में चले गए हैं।

चार्ट एनालिसिस: रिस्क और रिवॉर्ड का इनवर्स गेम

Euro Stoxx 50 Index Futures: A Volatile Descent 

Euro Stoxx 50 Futures के चार्ट वॉलैटिलिटी और प्राइस के बीच इनवर्स कोरिलेशन को स्पष्ट दिखा रहे है। अप्रैल 2025 में जब USA-EU के बीच टैरिफ को लेकर तनाव चरम पर था, तब इंडेक्स 5,500 से गिरकर 4,500 के नीचे आ गया था। हालांकि बीच-बीच में थोड़ी रिकवरी भी देखने को मिली, लेकिन चार्ट अभी भी पूरी तरह पॉलिटिकल  डेवलपमेंट से  प्रभावित नजर आ रहा है और यही HODL इन्वेस्टर्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

  • 5,400 के आसपास एक स्ट्रांग रेजिस्टेंस बन चुका है।
  • RSI (Relative Strength Index) अभी 54 के आसपास है, जिससे मार्केट फिलहाल न्यूट्रल जोन में है, लेकिन अगर कोई नई टैरिफ खबर आई, तो सेंटिमेंट तुरंत नेगेटिव हो सकता है।
  • हर गिरावट का डायरेक्ट रिलेशन टैरिफ से जुड़ी ख़बरों और ट्रेड डिले से दिख रहा है।
2025 की मार्केट अनस्टेबिलिटी में क्या HODL स्ट्रेटेजी टिक पाएगी?

Source: TradingView

S&P 500 Volatility Index (VIX): वॉलैटिलिटी से बढ़ रहा डर 

VIX इंडेक्स अप्रैल में 55 से ऊपर पहुंच गया था, जो इन्वेस्टर्स के बीच घबराहट के बढ़ते हुए स्तर को दिखा रहा था, ठीक उसी समय जब Euro Stoxx 50 में बड़ी गिरावट देखी गयी, ये “इनवर्स को-मूवमेंट” का एक क्लासिक मामला था। हालांकि अब VIX घटकर 18.57 पर आ गया है, लेकिन यह अभी भी यह उस स्तर से काफी ऊपर है जिसे HODL स्ट्रेटेजी में “सुरक्षित” माना जाता है।

  • RSI अभी 42.01 है, जो यह बताता है कि वॉलैटिलिटी थोड़ी कम हुई है लेकिन स्टेबिलिटी अब भी काफी दूर है।
  • हर बार जब कोई राजनीतिक बयान या नेगोशिएशन में देरी होने पर VIX में बढ़ोतरी होती है और यह HODL अपनाने वालों के लिए मुश्किल खड़ी करती है।
2025 की मार्केट अनस्टेबिलिटी में क्या HODL स्ट्रेटेजी टिक पाएगी?

Source: TradingView

AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म्स कर रहे हैं शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग को लीड

जहां HODL इन्वेस्टर्स अब भी ट्रेडिंग से दूर हैं, वहीं AI-बेस्ड प्लेटफॉर्म्स जैसे Taoshi मार्केट की इस अनस्टेबिलिटी में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। ये ऐसे सिस्टम हैं जो ह्यूमन ट्रैडर्स की तुलना में कहीं ज़्यादा तेजी से रियल-टाइम में न्यूज़ स्कैन करते हैं, सेंटिमेंट को पकड़ते हैं और उसी आधार पर ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी बदलते हैं।

Taoshi के CEO Arrash Yasavolian के मुताबिक, “अब ट्रेडिंग में धैर्य से ज़्यादा  इम्पोर्टेन्ट तेजी है। जब टैरिफ की एक ख़बर पूरे हफ्ते की कमाई को मिनटों में ख़त्म कर सकती है, तो ट्रेडिशनल स्ट्रेटेजी कारगर नहीं रह जातीं हैं।”

Taoshi का एल्गोरिद्म मार्केट के रिस्क पैरामीटर्स के अनुसार एंट्री और एग्जिट को ऑप्टिमाइज़ करता है, जिससे शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग को बढ़त मिल रही है। ये पूरा बदलाव दर्शाता है कि 2025 में किस तरह टेक्नोलॉजी इन्वेस्टर्स के बिहेवियर को बदल रही है और यह बदलाव शायद हमेशा के लिए रहने वाला है।

9 जुलाई पर टिकी हैं निगाहें: ट्रेड वार्ता की निर्णायक तारीख

अब सबकी नज़रें 9 जुलाई पर बनी हुई हैं, जब USA और यूरोपीय यूनियन के बीच अगली ट्रेड नेगोशिएशन होनी है। अगर उस दिन कोई समाधान निकलता है, तो मार्केट में स्टेबिलिटी लौट सकती है और शायद HODL स्ट्रेटेजी पर भी फिर से भरोसा लौट सकता है।

लेकिन अगर बातचीत में देरी होती है या फिर को स्पष्ट समाधान नहीं निकलता है, तो यहां तक कि मजबूत इरादों वाले लॉन्ग टर्म निवेशक भी अपने पोर्टफोलियो पर फिर से विचार करने को मजबूर होंगे। फिलहाल तो लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर धीरे-धीरे हाई रिस्क एसेट्स को ट्रिम कर रहे हैं और शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स न्यूज़ वेव्स पर सवारी कर रहे हैं।

आखिर क्यों HODL स्ट्रेटेजी शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग से पिछड़ रही है?

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अब बड़ा सवाल ये है: क्या यह बदलाव ग्लोबल इन्वेस्टमेंट का फ्यूचर डिसाइड करेगा?

इस तरह की क्रिप्टोकरेंसी से जुडी लेटेस्ट न्यूज़ के लिए आप Crypto Hindi News पर जा सकते हैं। 

Ronak GhatiyaRonak Ghatiya
Ronak Ghatiya
Hindi Content Writer
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