Ripple News, Beacon Network करेगा क्रिप्टो क्राइम्स का अंत
क्रिप्टो वर्ल्ड में जहां एक ओर टेक्नोलॉजी तेजी से आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर साइबर क्राइम के खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। इन खतरों को रोकने के लिए अब Ripple और TRM Labs ने मिलकर एक नया और अलग कदम उठाया है। Ripple ने घोषणा की है कि वह TRM Labs के साथ मिलकर Beacon Network का फाउंडिंग मेम्बर बना है। यह नेटवर्क दुनिया का पहला रियल-टाइम क्रिप्टो क्राइम रिस्पॉन्स सिस्टम है, जो क्रिमिनल्स को कैश आउट करने से पहले ही रोक देता है।
Source: यह इमेज TRM Labs की X पोस्ट से ली गई है, जिसकी लिंक यहां दी गई है।
Beacon Network क्या है?
Beacon Network एक ऐसा नया सिस्टम है जो क्रिप्टो एक्सचेंज, पुलिस, DeFi सेवाएं और डिजिटल करेंसी कंपनियों को एक साथ जोड़ता है। इसका मुख्य उद्देश्य है चोरी हुए क्रिप्टो फंड्स को ट्रैक करना और उन्हें निकाले जाने से पहले ही रोक लेना।
इस नेटवर्क को TRM Labs ने बनाया है और इसमें Ripple के साथ ही कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इसमें कुछ भरोसेमंद इन्वेस्टिगेटर्स किसी संदिग्ध वॉलेट को पहचान कर ‘फ्लैग’ कर सकते हैं। जैसे ही वह फंड किसी एक्सचेंज तक पहुंचता है, सिस्टम तुरंत अलर्ट भेज देता है, ताकि एक्सचेंज तुरंत कार्रवाई कर सके और अपराधी फंड निकालने से पहले पकड़ा जाए।
कैसे काम करता है Beacon Network
Beacon Network चार स्टेप में काम करता है।
- Flag - जब कोई वॉलेट या एड्रेस संदिग्ध पाया जाता है, तो एक्सचेंज, सुरक्षा फर्म या लॉ इन्फोर्समेन्ट एजेंसियां उसे TRM System में फ्लैग करती हैं।
- Trace - फ्लैग किए गए फंड्स को ऑटोमेटिकली ब्लॉकचेन पर रियल टाइम में ट्रेस किया जाता है।
- Alert - जैसे ही वह फंड किसी एक्सचेंज या फाइनेंशियल सिस्टम तक पहुंचता है, Beacon Network तुरंत अलर्ट भेज देता है।
- Action - एक्सचेंज और इशूअर्स फंड के रिस्क को देखते हुए, लॉ इन्फोर्समेन्ट एजेंसियों के साथ मिलकर तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।
Beacon Network क्यों है ज़रूरी
क्रिप्टो क्राइम आज एक बड़ी चुनौती बन चुका है। हर साल लाखों-करोड़ों डॉलर साइबर हैकिंग, फिशिंग और दूसरे घोटालों में गंवा दिए जाते हैं। हाल ही में हुआ Bybit Hack इसका बड़ा उदाहरण है, जिसमें $1.5 बिलियन के करीब फंड चोरी हुए और एक महीने के अंदर 10,000 से ज्यादा ट्रांजैक्शनों के ज़रिए उन्हें घुमा दिया गया। ऐसे मामलों में पुलिस और एक्सचेंज को तुरंत कदम उठाने का मौका नहीं मिल पाता और अपराधी पैसा निकाल लेते हैं।
Beacon Network इन चुनौतियों से निपटने के लिए बनाया गया है। यह एक end-to-end “kill chain” तैयार करता है, जिससे चुराए गए फंड्स को ट्रैक किया जा सकता है और उन्हें खत्म या ब्लॉक किया जा सकता है, इससे पहले कि वे हाथ से निकल जाएं।
पहले से इस्तेमाल में है Beacon Network
TRM Labs के मुताबिक, Beacon Network को पहले ही कुछ बड़ी घटनाओं में इस्तेमाल किया जा चुका है और इसके नतीजे पॉजिटिव रहे हैं। नेटवर्क ने कई साइबर घटनाओं में चुराए गए फंड्स को ट्रैक करने में मदद की है और उनमें से कुछ को ब्लॉक भी किया गया है।
क्रिप्टो सिक्योरिटी के लिए अहम मोड़
आज की तारीख में क्रिप्टो की दुनिया में सुरक्षा सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। एक तरफ टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है, दूसरी तरफ अपराधी भी नए-नए तरीके खोज रहे हैं। ऐसे में TRM Labs और Ripple जैसी कंपनियों का Beacon Network जैसे टूल को लाना, क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक माइलस्टोन साबित हो सकता है।
मैंने कई सालों से क्रिप्टो सेक्टर में काम कर रहूँ हूँ और मैंने देखा है कि सिक्योरिटी की कमी से कितना बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए, इस तरह के सिस्टम्स न केवल टेक्नोलॉजी की दृष्टि से, बल्कि निवेशकों और यूजर्स की सुरक्षा के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
अब यह देखना बाकी है कि कितनी और कंपनियां इस नेटवर्क का हिस्सा बनती हैं और Beacon Network क्रिप्टो अपराधों को रोकने में कितना प्रभावी साबित होता है। फिलहाल, मेरी राय में यह पहल निश्चित तौर पर एक पॉजिटिव और ज़रूरी कदम है।
कन्क्लूजन
Beacon Network क्रिप्टो सिक्योरिटी में एक बड़ा कदम है, जो चोरी हुए फंड्स को रियल टाइम में ट्रैक कर रोकता है। TRM Labs और Ripple की इस पहल से क्रिप्टो क्राइम्स को रोकने में मदद मिलेगी। यह सिस्टम एक्सचेंज, पुलिस और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को जोड़कर अपराधियों को पकड़ने में सक्षम बनाता है। जबकि भविष्य में और कंपनियों के जुड़ने की जरूरत है, फिलहाल यह नेटवर्क क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए सुरक्षा की नई उम्मीद लेकर आया है।