CoinSwitch Survey में खुलासा, प्रॉफिट नहीं चाहते Indian Crypto Users
भारत में क्रिप्टो निवेश लगातार बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ निवेशकों की प्राथमिकताएँ भी समय के साथ में बदल रही हैं। Crypto Exchange CoinSwitch द्वारा जारी हालिया सर्वे Crypto Safety Pulse: 2025 ने एक अहम सच्चाई सामने रखी है। इस सर्वे की माने तो भारतीय निवेशक अब केवल प्रॉफिट नहीं, बल्कि सिक्योरिटी को सबसे बड़ा फैक्टर मानने लगे हैं।
CoinSwitch Survey में देशभर के करीब 3,000 एक्टिव क्रिप्टो निवेशकों की राय ली गई, जिसमें यह साफ हुआ कि मार्केट में बढ़ती पॉज़िटिविटी के बावजूद सिक्योरिटी रिस्क अब भी सबसे बड़ी चिंता बने हुए हैं।

Source - यह इमेज CoinSwitch की ऑफिशियल वेबसाइट से ली गई है।
CoinSwitch Survey में क्या आया सामने?
CoinSwitch Survey के अनुसार -
- करीब 60% निवेशक क्रिप्टो को लेकर पॉज़िटिव नजरिया रखते हैं।
- 20% निवेशक का नजरिया निगेटिव है, जबकि उतने ही लोग न्यूट्रल हैं।
- पॉज़िटिव रहने वाले 45.9% निवेशकों ने हाई रिटर्न्स को अपनी सबसे बड़ी वजह बताया।
- एक-तिहाई ने लॉन्ग-टर्म पोटेंशियल पर भरोसा जताया।
- लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि केवल 8.2% निवेशक ही “सिक्योर प्लेटफॉर्म” को भरोसे की वजह मानते हैं।
इससे साफ है कि भारतीय निवेशकों के लिए क्रिप्टो एसेट्स की संभावनाएँ तो आकर्षक हैं, लेकिन प्लेटफॉर्म्स पर भरोसा अब भी डगमगाया हुआ है।
क्यों बढ़ी सिक्योरिटी की डिमांड?
पिछले एक साल में भारत के दो बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों पर बड़े हैक्स हुए-
- CoinDCX Hack जुलाई 2025 में हुआ था, जिसमें एक्सचेंज को करीब $44 मिलियन (₹385 करोड़) का नुकसान हुआ।
- WazirX को 2024 में $235 मिलियन (लगभग ₹2000 करोड़) के ब्रिच का सामना करना पड़ा।
इन घटनाओं ने निवेशकों को यह सोचने पर मजबूर किया कि प्रॉफिट से ज्यादा जरूरी उनकी पूंजी की सुरक्षा है। यही वजह है कि CoinSwitch Survey में शामिल 33.9% निगेटिव निवेशकों ने सिक्योरिटी रिस्क को अपनी सबसे बड़ी चिंता बताया।
निवेशकों की सबसे बड़ी उम्मीद क्या है?
CoinSwitch Survey में जब पूछा गया कि निवेशक किस फीचर को सबसे ज्यादा जरूरी मानते हैं, तो 25.8% लोगों ने कहा कि वे "रिकवरी प्रोग्राम" चाहते हैं, ताकि हैक होने की स्थिति में उनका फंड सुरक्षित रह सके। बाकी ने इंडिपेंडेंट ऑडिट और 24/7 कस्टमर सपोर्ट जैसे फीचर्स को चुना।
यानी भारतीय निवेशकों के लिए अब क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का असली टेस्ट सिर्फ ट्रेडिंग फीचर्स या लो फीस नहीं, बल्कि “पोस्ट-हैक रिकवरी” जैसे ठोस उपाय होंगे।
CoinSwitch का संदेश
CoinSwitch के को-फाउंडर Ashish Singhal ने इस सर्वे पर कहा, "यह सर्वे वही कन्फर्म करता है, जो हम हमेशा से मानते आए हैं, यूज़र्स को सिर्फ प्रॉफिट नहीं, बल्कि सिक्योरिटी, अकाउंटेबिलिटी और क्लियर रिड्रेसल की उम्मीद है। यही भारत की क्रिप्टो ग्रोथ की अगली नींव होगी।"
यह बयान इस बात को पुख्ता करता है कि भारत में क्रिप्टो एडॉप्शन की कहानी केवल इनोवेशन या टेक्नोलॉजी पर नहीं, बल्कि ट्रस्ट और सिक्योरिटी पर टिकेगी।
भारतीय निवेशकों की असली चिंता को सामने लाता CoinSwitch Survey
मैं खुद पिछले 5 साल से क्रिप्टो में निवेश कर रहा हूँ और पिछले 3 साल से एक क्रिप्टो राइटर के तौर पर इस इंडस्ट्री को गहराई से समझ रहा हूँ। इस नजरिए से मुझे लगता है कि CoinSwitch का सर्वे भारतीय निवेशकों की असली चिंता को सामने लाता है।
क्रिप्टो में हाई रिटर्न्स का लालच हर किसी को आकर्षित करता है, लेकिन जब CoinDCX और WazirX जैसे बड़े एक्सचेंज हैक हो जाते हैं तो यह भरोसा हिल जाता है।
मेरे हिसाब से, यह बदलाव एक पॉज़िटिव सिग्नल है। अगर निवेशक सिर्फ रिटर्न्स के पीछे भागने के बजाय सिक्योरिटी और पारदर्शिता को प्राथमिकता देने लगें, तो इंडस्ट्री खुद-ब-खुद ज्यादा जिम्मेदार बनेगी।
मेरे तीन साल के राइटिंग एक्सपीरियंस ने मुझे यह सिखाया है कि इंडस्ट्री की ग्रोथ तभी संभव है जब प्लेटफॉर्म्स यूज़र्स को “ट्रस्ट और सिक्योरिटी” दें। अगर ये दोनों मौजूद हैं, तो हाई रिटर्न्स अपने आप फॉलो करेंगे।
WazirX और CoinDCX Hack का असर
CoinSwitch सर्वे में सिक्योरिटी को लेकर बढ़ी यूज़र डिमांड को सीधे तौर पर WazirX Hack और CoinDCX Hack से जोड़ा जा सकता है।
इन घटनाओं ने यूज़र्स की सोच को बदल दिया है। पहले जहाँ लोग सिर्फ ट्रेडिंग फीचर्स और रिटर्न्स देखते थे, अब वे पूछते हैं, क्या मेरा फंड एक्सचेंज पर सुरक्षित है?, अगर हैक हो गया तो रिकवरी का क्या इंतज़ाम है? प्लेटफॉर्म कितना ट्रांसपेरेंट है? यानी अब निवेशक सिर्फ “इनकम” नहीं, बल्कि “इनश्योरेंस” भी चाहते हैं।
कन्क्लूजन
CoinSwitch Survey ने साफ कर दिया है कि भारत का क्रिप्टो मार्केट सिर्फ प्रॉफिट से नहीं, बल्कि सिक्योरिटी और ट्रस्ट से आगे बढ़ेगा। WazirX और CoinDCX जैसे बड़े हैक्स ने निवेशकों की मानसिकता को बदला है और अब उनकी प्राथमिकता है, सिक्योर प्लेटफॉर्म, स्ट्रांग रिकवरी सिस्टम और ट्रांसपेरेंसी।
अगर भारतीय एक्सचेंज इस बदलाव को समझकर आगे बढ़ें, तो न सिर्फ यूज़र्स का भरोसा मजबूत होगा बल्कि भारत की क्रिप्टो इंडस्ट्री ग्लोबल लेवल पर एक नई मिसाल कायम कर सकती है।