PM Modi का Digital Currency को समर्थन, क्या क्रिप्टो पर भी निर्णय जल्द
क्या भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन का इंतज़ार अब ख़त्म होने वाला है?
भारतीय प्रधानमंत्री Narendra Modi ने 9 अक्टूबर को ग्लोबल फिनटेक समिट में Digital Currency को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनके अनुसार RBI द्वारा शुरू की गयी डिजिटल करेंसी (CBDC India) पहल इंडिया की ग्रोथ स्टोरी को मजबूत करेगी। इससे पहले केन्द्रीय मंत्री Piyush Goyal RBI Backed Digital Currency Launch की घोषणा कर चुके हैं।
Source: यह इमेज PM Narendra Modi के Official X Account से ली गयी है।
RBI Backed Digital Currency को समर्थन
PM Modi के अनुसार RBI Backed Digital Currency पायलट प्रोजेक्ट में 70 लाख से ज्यादा यूज़र्स जुड़ चुके हैं। यह पहल भारत में पहले से चल रही UPI, Aadhar जैसी पहल को और मजबूत करेगी। CBDC India के सफल होने के निम्नलिखित फायदे मिलने वाले हैं,
- फाइनेंशियल इन्क्लूज़न बढ़ेगा: सरकार को डिजिटल करेंसी के द्वारा अपने इनिशिएटिव को जनता तक पहुँचाने का नया माध्यम मिलेगा।
- भ्रष्टाचार में कमी: डिजिटल रुपए के ब्लॉकचेन आधारित होने के कारण किसी भी ट्रांज़ैक्शन को ट्रैक करना संभव होगा।
- क्रॉस बॉर्डर पेमेंट होगा आसान: हाल ही में RBI Deputy Governor ने क्रॉस बॉर्डर पेमेंट को CBDC का सबसे इम्पोर्टेन्ट यूज़ केस बताया था। इससे भारत की डॉलर पर निर्भरता भी कम होगी।
प्रधानमंत्री के RBI Backed Digital Currency पर दिए गए इस बयान को कुछ लोग Cryptocurrency से जोड़ रहे हैं। लेकिन डिजिटल करेंसी के इन दोनों रूपों में कुछ बुनियादी अंतर है।
क्या है CBDC और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर
Central Bank Digital Currency और क्रिप्टोकरेंसी दोनों ही डिजिटल हैं, लेकिन उनका कण्ट्रोल, स्ट्रक्चर और इंटेंट इन्हें मौलिक रूप से अलग करते हैं।
विशेषता | CBDC (डिजिटल रुपया) | Cryptocurrency (जैसे Bitcoin, Ethereum) |
Issuer | केंद्रीय बैंक (RBI) या सरकार। | यह Decentralized Network पर काम करती है। |
कण्ट्रोल | पूरी तरह Centralized। सरकार लेन-देन को नियंत्रित, ट्रैक और सेंसर कर सकती है। | Decentralized। किसी भी एक संस्था का नियंत्रण नहीं होता। |
प्रकृति | Fiat Currency का डिजिटल रूप। यह Legal Tender है। | Digital Asset/Commodity। El Salvador जैसे कुछ देशों को छोड़कर Legal Tender नहीं। |
ट्रेसिबिलिटी | पूरी तरह से पता लगाया जा सकता है (Traceable)। हर लेन-देन RBI/सरकार की निगरानी में होता है। | Pseudo-Anonymous ट्रांज़ैक्शन संभव। लेन-देन सार्वजनिक है, लेकिन पहचान छुपाना आसान है। |
वोलेटिलिटी | Stable। इसका मूल्य फिएट मुद्रा (जैसे ₹1) के बराबर होता है। | Highly Volatile। मूल्य बाज़ार की मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है। |
उद्देश्य | पेमेंट सिस्टम को बेहतर बनाना, Cash Management की लागत कम करना। | Financial Freedom, Web3, Metaverse जैसे नए इनोवेशन में करेंसी के रूप में। |
स्पष्ट है कि Cryptocurrency और CBDC अपने नेचर और उद्देश्य में अलग-अलग है। भले ही प्रधानमंत्री ने डिजिटल करेंसी को समर्थन दिया हो, लेकिन अब भी सरकार का रुख क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नकारात्मक बना हुआ है। जिसके कारण भारत आने वाले समय में दुनिया से Web3 इनोवेशन में पिछड़ भी सकता है।
क्या क्रिप्टो पर भी हो सकता है जल्द निर्णय
ग्लोबल फिनटेक समिट में प्रधानमंत्री से पहले वित्त मंत्री, उद्योग मंत्री और RBI Deputy Governor भी डिजिटल करेंसी का समर्थन कर चुके हैं। लेकिन अब तक क्रिप्टोकरेंसी से सीधे जुडाव वाला कोई बयान सामने नहीं आया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर भारतीय क्रिप्टो इंडस्ट्री का इन्तेजार अभी और लम्बा खिंच सकता है।
CBDC को समर्थन लेकिन क्रिप्टो से दुरी, भारत पर पड़ेगी भारी?
मैं पिछले 6 वर्षों से फाइनेंस और क्रिप्टोकरेंसी से जुडी न्यूज़ कवर कर रहा हूँ, मैंने इस दौरान Cryptocurrency और Web3 को तेजी से आगे बढ़ते हुए देखा है। CBDC और क्रिप्टोकरेंसी के उद्देश्य अलग-अलग है। क्रिप्टोकरेंसी Web3, Metaverse और ग्लोबल इनोवेशन का हिस्सा है, जबकि CBDC एक देश तक सीमित रहने वाला है।
ऐसे समय में जब भारतीय Web2 में दुनियाभर को लीड कर रहे हैं, Web3 से इस तरह की दुरी आने वाले समय में बड़ा नुकसान कर सकती है।
कन्क्लूज़न
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा RBI Backed Digital Currency का समर्थन करना स्वागत योग्य है। लेकिन डिजिटल करेंसी के ग्लोबल रूप क्रिप्टोकरेंसी से दुरी इंडिया में नए इनोवेशन को हतोत्साहित कर रही है। भारत सरकार को जल्द ही इस सन्दर्भ में भी कोई ठोस कदम उठाना जरुरी है।
अगर भारत क्रिप्टोकरेंसी को भी रेगुलेट करता है तो यह CBDC के साथ मिलकर भारत की ग्रोथ स्टोरी को और भी शानदार बनाएगी।