XRP की जीत के बाद, Ripple CEO Garlinghouse का नया मास्टरप्लान
हाल ही में अमेरिकी Securities and Exchange Commission के खिलाफ मिली पार्शियल जीत ने, न केवल XRP को राहत दी, बल्कि पूरी क्रिप्टो इंडस्ट्री में एक नई उम्मीद जगाई है। अब Ripple के CEO Brad Garlinghouse ने एक ऐसा स्टेप लिया है, जिसे कंपनी का अगला गेम चेंजर प्लान बताया जा रहा है।
XRP, जो पहले से ही फ़ास्ट और सस्ते ट्रांज़ैक्शन्स के लिए पॉपुलर है, अब RippleNet, CBDC ग्लोबल बैंकिंग सिस्टम में शामिल होने की डायरेक्शन में काम कर रहा है। CEO Garlinghouse के द्वारा हाल ही में किये गए घोषणाओं से यह संकेत मिलता है कि Ripple अब केवल ट्रांज़ैक्शन नेटवर्क ही नहीं, बल्कि एक फुल-सर्विस डिजिटल फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म बनने की ओर अग्रसर है।

Source – Brad Garlinghouse X Post
Ripple का नया फोकस ग्लोबल लिक्विडिटी नेटवर्क बनाना
Ripple अब Liquidity Hub और Ripple Payments जैसी नई सर्विसेज़ के थ्रू एक ग्लोबल लिक्विडिटी इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना चाहता है। CEO के अनुसार, XRP इस पूरे नेटवर्क का बैकबोन होगा, जहां बैंक, पेमेंट प्रोवाइडर्स और CBDC इंटीग्रेशन सभी एक ही सिस्टम में काम कर पाएंगे। Ripple का उद्देश्य है एक ऐसा नेटवर्क बनाना, जो XRP के थ्रू रियल टाइम ग्लोबल सेटलमेंट को पॉसिबल बना सके।
Garlinghouse ने कहा कि हम XRP को सिर्फ एक क्रिप्टोकरेंसी नहीं, बल्कि एक मल्टी-ब्रिज असेट्स के फॉर्म में पेश करना चाहते हैं। इस प्लानिंग के तहत RippleNet को और अधिक डेवलप किया जाएगा ताकि यह ट्रेडिशनल SWIFT नेटवर्क को टक्कर दे सके। इसका मतलब है कि आने वाले समय में XRP केवल Trending Token नहीं रहेगा, बल्कि फाइनेंशियल इकोसिस्टम का मुख्य हिस्सा बन सकता है।
क्या Ripple का प्लान गेम चेंजर हो सकता है
XRP की वैल्यू लंबे समय से SEC केस के चलते प्रेशर में था, लेकिन हाल में बड़ी जीत मिलने के बाद Ripple की ग्लोबल स्ट्रेटेजी को देखकर लगता है कि, कंपनी लंबी रेस के लिए तैयार है। Garlinghouse की यह नई प्लानिंग XRP को फिर से इन्वेस्टमेंट ग्रेड अस्सेट की ओर ले जा सकती है। Ripple का यह रुख खासकर उन इन्वेस्टर्स के लिए पॉजिटिव है, जो संस्थागत क्रिप्टो यूज में विश्वास करते हैं।
यह प्लानिंग केवल टेक्निकल अपग्रेड नहीं है, बल्कि ट्रेडिशनल फाइनेंशियल सिस्टम को चुनौती देने वाली स्ट्रेटेजी है। खास बात यह है की, Ripple यूएस से बाहर के मर्केट पर भी तेजी से ध्यान केंद्रित कर रहा है, जहां XRP को पहले से ही अधिक फ्रीडम मिली हुई है। एशिया, मिडल ईस्ट और लैटिन अमेरिका में इसके नए कॉरिडोर इसके यूज को और बढ़ाएंगे।
CBDC में भी होगी XRP की भागीदारी
Ripple केवल प्राइवेट कंपनियों तक सीमित नहीं है। अब यह गवर्नमेंट लेवल पर भी काम कर रहा है, खासकर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसीज़ के क्षेत्र में। फिलहाल, Ripple ने भूटान और पलेउ के सेंट्रल बैंकों के साथ पायलट प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं, और आने वाले महीनों में अन्य देशों से साझेदारी की उम्मीद है।
CBDC इंफ्रास्ट्रक्चर में XRP की रोल ब्रिज करेंसी” की तरह होगी यानी एक ऐसा अस्सेट जो अलग-अलग डिजिटल करेंसीज के बीच सेटलमेंट को आसान बनाए। Ripple का मानना है कि इसकी टेक्नोलॉजी ट्रेडिशनल बैंकिंग नेटवर्क की तुलना में कहीं अधिक तेज़, सस्ती और ट्रांसपेरेंसी है। Garlinghouse का कहना है, अगर देश अपनी डिजिटल करेंसीज़ को इंटरऑपरेबल बनाना चाहते हैं, तो उन्हें XRP जैसे प्रोटोकॉल की ज़रूरत पड़ेगी।”
कन्क्लूजन
Ripple के CEO द्वारा घोषित यह नया गेम चेंजर प्लान XRP के लिए एक नया चैप्टर्स खोल सकता है। SEC केस में मिली पार्शियल सक्सेस ने XRP को राहत दी, लेकिन असली लड़ाई अब Ripple की टेक्नोलॉजी को कोम्प्रेहेंसिव लेवल पर अपनाने की है।
Ripple का फोकस अब सिर्फ फास्ट पेमेंट नेटवर्क बनने से आगे बढ़कर ग्लोबल फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की ओर बढ़ चुका है। साथ ही लगातर नए फीचर्स Ripple की ओर से पेश किये जा रहे हैं, इसी कड़ी में हाल ही में Ripple Labs ने XRPL EVM Sidechain लॉन्च की थी, जो Ripple को अपने विस्तार के अगले पढाव पर ले जाएगी।
हालाँकि अब यह जरुरी हो जाता है कि Ripple अपनी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करे, अगर ऐसा होता है तो XRP आने वाले वर्षों में न केवल इन्वेस्टर्स की पसंद बन सकता है, बल्कि दुनिया के कई बैंकों और सरकारों का भरोसेमंद टेक्नोलॉजी पार्टनर भी बन सकता है।