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Blockchain का उपयोग किन सेक्टर्स में किया जा रहा है?    

Blockchain को आप एक डिजिटल लेजर की तरह समझ सकते हैं जो हर ट्रांजैक्शन को सिक्योर और ट्रांसपेरेंट बनाती है। इसकी सबसे खास बात है कि यह Distributed और Immutable होती है। यानी एक बार कोई डाटा ब्लॉकचेन पर जुड़ गया, तो बिना नेटवर्क के अधिकांश हिस्से की सहमति के उसे बदला नहीं जा सकता। साथ ही यह डाटा किसी एक स्थान पर स्टोर नहीं होता, बल्कि हजारों नोड्स में कॉपी होकर स्टोर होता है। यही कारण है कि इसे बदलना या छेड़छाड़ करना लगभग असंभव हो जाता है।

इन्हीं विशेषताओं के कारण Blockchain Technology अब केवल क्रिप्टोकरेंसी तक सीमित नहीं रही, बल्कि बैंकिंग, हेल्थकेयर, सप्लाई चेन, डिजिटल आइडेंटिटी, आर्ट और एंटरटेनमेंट जैसे अनेक क्षेत्रों में इसका उपयोग हो रहा है।

Applications of Blockchain Technology

आइए जानते हैं कि यह टेक्नोलॉजी रियल वर्ल्ड में कैसे बदलाव ला रही है।

बैंकिंग और एसेट मैनेजमेंट

Blockchain का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग DeFi में सामने आया है। आज भी दुनिया के कई हिस्सों में बैंकिंग सर्विसेज उपलब्ध नहीं हैं। Blockchain इस कमी को दूर कर रही है। Alpaca Finance जैसे प्रोजेक्ट्स, इंटरनेट और स्मार्ट डिवाइस के जरिए बिना किसी मिडिलमेन के बैंकिंग सेवाएं उन क्षेत्रों तक पहुंचा रहे हैं जहाँ ट्रेडिशनल और मॉडर्न बैंकिंग नहीं पहुँच पाई है।

वहीं एसेट मैनेजमेंट एक स्किल बेस्ड सेक्टर है, इसलिए इसमें Blockchain और AI मिलकर काम कर रहे हैं। AixBT जैसे AI Agents रियल टाइम में मार्केट डेटा एनालिसिस कर, इन्वेस्टर्स को सही डिसिजन लेने में मदद कर रहे हैं। इसके साथ ही यह AI एजेंट्स बिना कोई जानकारी मिस किए 24 घंटे मार्केट सेंटिमेंट्स को ट्रैक करके ऑटोमैटिक डिसिजन लेने में सक्षम है। इस तरह से यह आपके पर्सनल इन्वेस्टमेंट बैंकर की तरह काम करते हैं। 

Ripple, Paxos, BlockFi, Republic और Nium जैसे प्रोजेक्ट्स बैंकिंग और एसेट मैनेजमेंट को ज्यादा सिक्योर, ट्रांसपेरेंट और तेज बना रहे हैं।

इंटरनेशनल ट्रांसफर और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स

ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में इंटरनेशनल ट्रेड और माइग्रेशन तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में ट्रेडिशनल बैंकिंग सिस्टम की धीमी और महंगी पेमेंट प्रोसेस समस्याएं खड़ी करती है। कई बार पेमेंट को क्लियर होने में 3–5 दिन तक लग जाते हैं।

Blockchain Technology इस प्रक्रिया को फ़ास्ट और अफोर्डेबल बनाती है। Ripple और Stellar जैसे प्रोजेक्ट्स ने इंटरनेशनल पेमेंट को मिनटों में संभव बना दिया है। कई रेमिटेंस कंपनियां अब ब्लॉकचेन का उपयोग कर रही हैं जिससे यूजर बिना किसी मिडिलमेन के फण्ड ट्रान्सफर कर सकें।

हेल्थकेयर में ब्लॉकचेन

हेल्थकेयर सेक्टर में डेटा की सिक्योरिटी और ट्रांसपेरेंसी बेहद जरूरी है। Blockchain की मदद से मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड को एन्क्रिप्टेड किया जा सकता है और यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि केवल सही व्यक्ति के लिए ही वह जानकारी एक्सेसिबल हो।

Smart Contracts के ज़रिए मरीज की मेडिकल हिस्ट्री को एक Private Key से लॉक किया जा सकता है, जिसे बिना अनुमति के कोई एक्सेस नहीं कर सकता। इससे फेक रिपोर्ट्स, डेटा टेंपरिंग और गलत डाटा शेयरिंग की समस्या दूर की जा सकती है।

Medifakt, Embleema और MediLedger जैसे प्रोजेक्ट्स हेल्थकेयर सिस्टम को भरोसेमंद और पेशेंट सेंटर्ड बना रहे हैं।

गवर्नेंस में ट्रांसपेरेंसी और वोटिंग सिस्टम में सुधार

सरकारी योजनाओं में करप्शन और रिसोर्स लीकेज बड़ी समस्या है। Blockchain की ट्रांसपेरेंसी इस पर लगाम लगा सकती है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि 1 रुपया दिल्ली से निकलता है तो गाँव तक पहुँचते-पहुँचते 10 पैसे रह जाता है। उनका कहना था की यह पता लगाना इम्पॉसिबल है की बचा हुआ 90 पैसा कहाँ गया, लेकिन अब ऐसा नहीं है Blockchain की सहायता से सरकार पूरी सब्सिडी को ट्रैक कर सकती है।

वोटिंग सिस्टम में भी Blockchain बदलाव ला सकता है। भारत में डुप्लीकेट वोटर लिस्ट और कम टर्नआउट जैसी समस्याएं हैं। Blockchain से जुड़ी वोटिंग सिस्टम में Blockchain-based Identity Management System का उपयोग करके Private Key के ज़रिए सिक्योर वोटर लिस्ट तैयार की जा सकती है और इसके साथ ही रिमोट वोटिंग भी ब्लॉकचेन के उपयोग से संभव है। इसकी सहायता से सही वोटर किसी भी जगह से वोट दे पाने में सक्षम होगा। ब्लॉकचेन में DAO इसका एक छोटा प्रोटोटाइप समझा जा सकता है।  

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल इकोनॉमी

क्रिप्टोकरेंसी Blockchain की सबसे लोकप्रिय यूज़ केस है। लेकिन अब यह केवल बिटकॉइन तक सीमित नहीं है। Stablecoins जैसे USDT और USDC अब डॉलर पर डिपेंडेंसी को कम कर रहे हैं और इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन को आसान बना रहे हैं।

USA में हाल ही में पास हुआ Genius Act और Circle जैसी ब्लॉकचेन आधारित कंपनियों का मार्केट परफॉरमेंस दिखाता है कि Stablecoins का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। आज क्रिप्टो Web3 इकोनॉमी का आधार बन चुकी है, जो Metaverse और Virtual Reality जैसे फ्यूचर सेक्टर्स को मजबूती दे रही है।

कंटेंट ओनरशिप और सेंसरशिप फ्री इनफार्मेशन

Web3 का लक्ष्य है, सेंसरशिप फ्री और क्रिएटर-ओरिएंटेड इंटरनेट। Steemit, Verasity, Audius जैसे प्लेटफॉर्म कंटेंट क्रिएटर्स को सीधे अपने दर्शकों से जोड़ते हैं। यह प्लेटफॉर्म न केवल इनफार्मेशन तक पहुँच को डेमोक्रेटिक बनाते हैं, बल्कि क्रिएटर्स को उनकी मेहनत का पूरा रिटर्न भी देते हैं।

Binded और Sapien जैसे प्लेटफॉर्म पर क्रिएटर की हर एक्टिविटी का ट्रैक पब्लिक रूप से रखा जा सकता है जिससे ओनरशिप डिस्प्यूट ही खत्म हो जाते हैं।

सप्लाई चेन ट्रांसपेरेंसी

हर कस्टमर यह जानना चाहता है कि कोई प्रोडक्ट कहाँ से आया और कैसे बना। Blockchain सप्लाई चेन को पारदर्शी, ट्रैसेबल और भरोसेमंद बनाती है।

3Ts जो Blockchain सप्लाई चेन में लेकर आता है:

  • Traceability: प्रोडक्ट की पूरी जर्नी रिकॉर्ड करता है।
  • Transparency: डेटा सभी के लिए विज़िबल होता है।
  • Tradeability: डिजिटल टोकन के माध्यम से Fractional Ownership संभव होती है।

IBM Food Trust और VeChain जैसे प्रोजेक्ट्स सप्लाई चेन मैनेजमेंट में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को इम्प्लीमेंट कर चुके हैं।

डिजिटल आइडेंटिटी और डेटा ओनरशिप

हर गवर्मेंट और बैंकिंग सर्विस के लिए आइडेंटिटी वेरिफिकेशन ज़रूरी है। Blockchain की मदद से आप एक बार अपनी आइडेंटिटी वेरीफाई करके उसे अन्य सर्विसेज़ के साथ शेयर कर सकते हैं।

Worldcoin जैसे प्रोजेक्ट्स पर लाखों लोग अपनी आइडेंटिटी वेरीफाई करवा चुके हैं। भारत सरकार का DigiLocker अगर Blockchain से कनेक्ट किया जाता है तो Data Breach और मेनिपुलेशन की समस्या लगभग खत्म हो सकती है। Blockchain से पर्सनल डेटा की ओनरशिप सही मायनों में यूजर के पास आ जाती है।

IoT में सिक्योरिटी

Smart Devices के बढ़ते प्रयोग के साथ उनकी सिक्योरिटी भी चुनौती बनती जा रही है। Blockchain Technology इन डीवाइस की एक्टिविटी को एक सिक्योर, डिस्ट्रिब्यूटेड लेज़र पर रिकॉर्ड करती है।

यह टेक्नोलॉजी Smart Homes और Smart Cities को ज्यादा भरोसेमंद और ऑटोमेटेड बनाने में सहायक हो रही है।

क्रिएटिव इंडस्ट्री और NFT

Art, Music और Films जैसी क्रिएटिव इंडस्ट्री में कॉपीराइट और रॉयल्टी एक बड़ी समस्या है। Blockchain और NFT मिलकर इस समस्या को हल कर रहे हैं।

Livepeer, StreamGo जैसे प्लेटफॉर्म पर क्रिएटर को न केवल डिस्ट्रीब्यूशन फ्रीडम मिलती है, बल्कि ओनरशिप और रॉयल्टी भी सुनिश्चित रहती है। NFT से क्रिएटर्स आर्ट को सुरक्षित तरीके से मोनेटाइज कर सकते हैं।

मेटावर्स और GameFi

Metaverse में Blockchain का सबसे अहम कॉन्ट्रिब्यूशन ओनरशिप का है। यहाँ आप जो भी क्रिएट करते हैं वह आपका ही रहने वाला है। इस पर Web2 प्रोजेक्ट्स की तरह सेंट्रलाइज कण्ट्रोल नहीं होता है।

कहा जाता है की Vitalik Buterin को Ethereum बनाने की प्रेरणा एक ऑनलाइन गेम में हुई बेईमानी के बाद मिली थी। इस तरह से GameFi ही वह सेक्टर था जिसकी एक कमी ने Blockchain एडॉप्शन की दूसरी लहर को शुरू किया। Axie Infinity, Hamster Combat और Decentraland जैसे गेम्स अब फन के साथ-साथ कमाई का जरिया भी बन चुके हैं।

इस तरह से Blockchain एक ऐसी टेक्नोलॉजी बन चुकी है जो हमारे फ्यूचर को डिज़ाइन कर रही है। यह केवल क्रिप्टो तक सीमित नहीं है बल्कि एक ट्रस्ट इंजन है जो गवर्नेंस से लेकर हेल्थकेयर और एंटरटेनमेंट तक सब कुछ ट्रांसपेरेंट और डेमोक्रेटिक बना रही है।

यह टेक्नोलॉजी लोगों को उनके डाटा पर अधिकार देती है और उन तक वो सर्विसेज पहुँचाती है जिनसे वे अब तक वंचित थे। हेल्थ केयर से लेकर Virtual Reality तक और गवर्नेंस से लेकर सप्लाई चेन तक में Blockchain एक साझा, शक्तिशाली और ईमानदार दुनिया की नींव रख रही है।

Ronak GhatiyaRonak Ghatiya
Ronak Ghatiya
Hindi Content Writer
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