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Pi Mining Mechanism में हुए बदलाव, जानिए क्या हुआ अपडेट

Pi Network ने अपने माइनिंग मैकेनिज्म में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनका उद्देश्य नेटवर्क को और अधिक डिसेंट्रलाइज़्ड, स्टेबल और लॉन्ग-टर्म बनाने का है। इस न्यूज़ में हम इन बदलावों को विस्तार से समझेंगे, ताकि Pioneers को पता चल सके कि आगे उन्हें माइनिंग के दौरान किन नई बातों का ध्यान रखना होगा और कैसे वे अधिक Pi Coin अर्न कर सकते हैं।

घटती हुई माइनिंग रेट, Exponential Decay Model पर है अधारित 

Pi Network का माइनिंग सिस्टम एक Exponential Decay Model पर आधारित है। इसका अर्थ है कि समय के साथ-साथ हर महीने मिलने वाली कुल माइनिंग रिवॉर्ड्स की मात्रा घटती जाती है। यह मॉडल नेटवर्क की लॉन्गटर्म स्टेबिलिटी सुनिश्चित करता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि शुरुआती यूज़र्स को अधिक रिवॉर्ड्स मिलें, जबकि बाद में जुड़ने वाले यूज़र्स को भी सीमित मात्रा में Pi Coin मिलते रहें।

गौरतलब है कि हाल ही में Pi Network Mainnet Migration का नया Roadmap Release हुआ है, जिसके बाद माइनिंग रेट में बदलाव हुए हैं।

बेस माइनिंग रेट पर आधारित गणना

हर महीने एक निर्धारित मात्रा में Pi Coin ही डिस्ट्रीब्यूट वितरित किया जाता है और यह तय होता है एक System-wide Base Mining Rate (BMR) के आधार पर। प्रत्येक Pioneer को मिलने वाला रिवॉर्ड इस BMR का एक मल्टीप्लायर होता है, जो कि उनके नेटवर्क में योगदान जैसे:

  • Security Circle बनाने

  • Utility ऐप्स का उपयोग करने

  • Node चलाने

 जैसी गतिविधियों पर निर्भर करता है। यानी जितना अधिक नेटवर्क में योगदान, उतना अधिक रिवॉर्ड।

डायनामिक सिस्टम जो संतुलन बनाए रखे

यह माइनिंग सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि भले ही यूज़र्स की संख्या बढ़ती जाए, हर महीने एक सीमित मात्रा में ही Pi Coin डिस्ट्रीब्यूट किए जाएं। इससे नेटवर्क में इन्फ्लेशन नहीं होता और टोकन का प्राइस लंबे समय तक सुरक्षित रहता है। यह रणनीति अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में Pi Coin को एक स्टेबल और योजनाबद्ध डिजिटल एसेट बनाती है।  

जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में Pi Network ने 100B टोकन सप्लाई के साथ Pi Tokenomics जारी किया है

नेटवर्क में योगदान से बढ़ेगा रिवॉर्ड

Pi का उद्देश्य सिर्फ माइनिंग नहीं, बल्कि नेटवर्क बिल्डिंग है। यही कारण है कि Pi Network उन यूज़र्स को अधिक रिवॉर्ड देता है जो:

  • दूसरों को नेटवर्क से जोड़ते हैं

  • नेटवर्क में ट्रस्ट बनाते हैं

  • ऐप्स के ज़रिए उपयोगिता बढ़ाते हैं

  • तकनीकी रूप से नेटवर्क की मजबूती (जैसे Node चलाकर) में मदद करते हैं।

इस तरह, यह एक ट्रेडिशनल PoW या PoS सिस्टम की जगह एक इनोवेटिव Social & Utility Driven Mining मॉडल है।

कन्क्लूजन

Pi Network का माइनिंग मैकेनिज्म अब एक सिर्फ क्लिक करने वाला टास्क नहीं, बल्कि एक स्ट्रेटिजिक और कम्युनिटी प्रोसेस बन चुका है। नेटवर्क के अनुसार, जो यूज़र्स वास्तव में नेटवर्क की वृद्धि में योगदान देंगे, वही भविष्य में अधिक Pi Coin अर्न करेंगे। ऐसे में समय आ गया है कि Pioneers अपने योगदान को बढाएं।

Rohit TripathiRohit Tripathi
Rohit Tripathi
Hindi Content Writer
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